ETV Bharat / city

डेढ़ दशक बाद फंक्शनल हुआ मानवाधिकार आयोग, पांच महीने में निपटाई 1150 शिकायतें

10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के तौर पर मनाया जाता है. प्रदेश हाईकोर्ट की फटकार के बाद हिमाचल सरकार ने 15 साल बाद प्रदेश में मानवाधिकार आयोग को फंक्शनल किया. आयोग के सुचारू रूप से चलने पर जुलाई महीने के बाद से 1150 शिकायतें निपटाई जा चुकी हैं. आयोग की कार्रवाई से ज्यादातर शिकायतकर्ता खुश हैं.

Human Rights Commission
मानवाधिकार आयोग हिमाचल
author img

By

Published : Dec 10, 2020, 7:39 AM IST

शिमला: हाईकोर्ट की फटकार के बाद जागी हिमाचल सरकार ने 15 साल बाद प्रदेश में मानवाधिकार आयोग को फंक्शनल किया. जस्टिस पीएस राणा की नियुक्ति ह्यूमन राइट्स कमीशन के चेयरमैन के तौर पर हुई. जैसे ही आयोग फंक्शनल हुआ, पेंडिंग पड़ी सभी शिकायतों को निपटा दिया गया है.

हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद बना मानवाधिकार आयोग

प्रदेश में जब आयोग फंक्शनल नहीं था, उस समय मामले की सुनवाई कर रहे हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि क्या सरकार को जनता के अधिकारों की चिंता नहीं है? अब आयोग के सुचारू रूप से चलने पर जुलाई महीने के बाद से 1150 शिकायतें निपटाई जा चुकी हैं. यही नहीं, मानवाधिकार आयोग ने कई निर्देश भी जारी किए हैं, ताकि मानव अधिकारों का संरक्षण हो सके.

पांच महीने में निपटाई 1150 शिकायतें

जुलाई से अब तक पांच महीनों के अंदर ही 10 से 15 साल पुरानी 1150 शिकायतों का निपटारा किया गया है. इसमें ज्यादातर शिकायतकर्ता आयोग की कार्रवाई से खुश हैं. आयोग ने शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर संबंधित जिलों के एसपी, डीसी से रिपोर्ट तलब की. इस संबंध में इन अधिकारियों से शपथपत्र लिए गए. मौजूदा समय में कमीशन सौ से ज्यादा शिकायतों पर कार्रवाई कर रहा है. अधिकतर शिकायतें पुलिस के खिलाफ आई हैं.

डबल बैंच कर रही शिकायतों की रोजाना सुनवाई

इन शिकायतों का निपटारा करने के लिए आयोग के अध्यक्ष जस्टिस पीएस राणा की अगुवाई में डबल बैंच में रोजाना सुनवाई हो रही है. बैंच में न्यायमूर्ति अवतार सिंह डोगरा भी हैं. आयोग मानवाधिकार संरक्षण एक्ट 1993 के अनुसार आरोपित पक्ष पर आरोप साबित होने पर जुर्माना लगा सकता है. एक महीने के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी जाती है. अगर सरकार कोई कारवाई नहीं करती है तो आयोग अपने फैसले से हाईकोर्ट या सुप्रीमकोर्ट में से किसी एक को अवगत करवाता है.

आयोग के फैसले पर केवल कोर्ट में चुनौती

आयोग के फैसले के खिलाफ केवल हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. इसकी अपील नहीं हो पाती है. न्यायमूर्ति पीएस राणा ने 2 जुलाई को आयोग के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला था. सादे कागज पर बिना कोर्ट फीस के कोई भी व्यक्ति मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर सकता है.

जस्टिस पीएस राणा का न्यायिक सफर

13 अगस्त, 1955 में जन्में जस्टिस पीएस राणा हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रहे हैं. मौजूदा समय में वह हिमाचल प्रदेश राज्य उपभोक्ता निवारण आयोग के अध्यक्ष है. एमए-एलएलबी की डिग्री हासिल करने वाले जस्टिस राणा ने जिला न्यायालय हमीरपुर से अपनी वकालत शुरू की.

इसके बाद उन्होंने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जिला एवं सत्र न्यायाधीश के तौर पर अलग-अलग स्थानों पर सेवाएं दी. वह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार इंस्पैक्शन, जिलों में प्रेसिडेंट उपभोक्ता फोरम, हाईकोर्ट के एडिशनल जज और जज के रूप में अलग-अलग समय पर अपनी सेवाएं दे चुके थे. जस्टिस राणा के लंबे अनुभव को देखते हुए उन्हें राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद जैसा अहम दायित्व सौंपा गया.

आज है अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस

10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के तौर पर मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने 1950 में दस दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस घोषित किया था जिसका उद्देश्य विश्वभर के लोगों को मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक करना और इसके पालन के प्रति सजग रहने का संदेश देना है.

ये भी पढ़ें: कोरोना नियमों की अवहेलना पर बिलासपुर पुलिस सख्त, 11 दिन में वसूला इतना जुर्माना

शिमला: हाईकोर्ट की फटकार के बाद जागी हिमाचल सरकार ने 15 साल बाद प्रदेश में मानवाधिकार आयोग को फंक्शनल किया. जस्टिस पीएस राणा की नियुक्ति ह्यूमन राइट्स कमीशन के चेयरमैन के तौर पर हुई. जैसे ही आयोग फंक्शनल हुआ, पेंडिंग पड़ी सभी शिकायतों को निपटा दिया गया है.

हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद बना मानवाधिकार आयोग

प्रदेश में जब आयोग फंक्शनल नहीं था, उस समय मामले की सुनवाई कर रहे हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि क्या सरकार को जनता के अधिकारों की चिंता नहीं है? अब आयोग के सुचारू रूप से चलने पर जुलाई महीने के बाद से 1150 शिकायतें निपटाई जा चुकी हैं. यही नहीं, मानवाधिकार आयोग ने कई निर्देश भी जारी किए हैं, ताकि मानव अधिकारों का संरक्षण हो सके.

पांच महीने में निपटाई 1150 शिकायतें

जुलाई से अब तक पांच महीनों के अंदर ही 10 से 15 साल पुरानी 1150 शिकायतों का निपटारा किया गया है. इसमें ज्यादातर शिकायतकर्ता आयोग की कार्रवाई से खुश हैं. आयोग ने शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर संबंधित जिलों के एसपी, डीसी से रिपोर्ट तलब की. इस संबंध में इन अधिकारियों से शपथपत्र लिए गए. मौजूदा समय में कमीशन सौ से ज्यादा शिकायतों पर कार्रवाई कर रहा है. अधिकतर शिकायतें पुलिस के खिलाफ आई हैं.

डबल बैंच कर रही शिकायतों की रोजाना सुनवाई

इन शिकायतों का निपटारा करने के लिए आयोग के अध्यक्ष जस्टिस पीएस राणा की अगुवाई में डबल बैंच में रोजाना सुनवाई हो रही है. बैंच में न्यायमूर्ति अवतार सिंह डोगरा भी हैं. आयोग मानवाधिकार संरक्षण एक्ट 1993 के अनुसार आरोपित पक्ष पर आरोप साबित होने पर जुर्माना लगा सकता है. एक महीने के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी जाती है. अगर सरकार कोई कारवाई नहीं करती है तो आयोग अपने फैसले से हाईकोर्ट या सुप्रीमकोर्ट में से किसी एक को अवगत करवाता है.

आयोग के फैसले पर केवल कोर्ट में चुनौती

आयोग के फैसले के खिलाफ केवल हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. इसकी अपील नहीं हो पाती है. न्यायमूर्ति पीएस राणा ने 2 जुलाई को आयोग के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला था. सादे कागज पर बिना कोर्ट फीस के कोई भी व्यक्ति मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर सकता है.

जस्टिस पीएस राणा का न्यायिक सफर

13 अगस्त, 1955 में जन्में जस्टिस पीएस राणा हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रहे हैं. मौजूदा समय में वह हिमाचल प्रदेश राज्य उपभोक्ता निवारण आयोग के अध्यक्ष है. एमए-एलएलबी की डिग्री हासिल करने वाले जस्टिस राणा ने जिला न्यायालय हमीरपुर से अपनी वकालत शुरू की.

इसके बाद उन्होंने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जिला एवं सत्र न्यायाधीश के तौर पर अलग-अलग स्थानों पर सेवाएं दी. वह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार इंस्पैक्शन, जिलों में प्रेसिडेंट उपभोक्ता फोरम, हाईकोर्ट के एडिशनल जज और जज के रूप में अलग-अलग समय पर अपनी सेवाएं दे चुके थे. जस्टिस राणा के लंबे अनुभव को देखते हुए उन्हें राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद जैसा अहम दायित्व सौंपा गया.

आज है अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस

10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के तौर पर मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने 1950 में दस दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस घोषित किया था जिसका उद्देश्य विश्वभर के लोगों को मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक करना और इसके पालन के प्रति सजग रहने का संदेश देना है.

ये भी पढ़ें: कोरोना नियमों की अवहेलना पर बिलासपुर पुलिस सख्त, 11 दिन में वसूला इतना जुर्माना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.