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लवी मेले में शलखर के सेब की हो रही खूब बिक्री, रॉयल और गोल्डन की भी भारी डिमांड - किन्नौर जिला के शलखर गांव

अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में किन्नौर जिला के चांगो के साथ लगते क्षेत्र शलखर के सेब की भारी बिक्री हो रही है.

Shalakhar apple at international Lavi Fair
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Published : Nov 20, 2019, 11:42 AM IST

रामपुरः अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में किन्नौर जिला के चांगो के साथ लगते क्षेत्र शलखर के सेब की भारी बिक्री हो रही है. सेबों की सुंदरता मेले में आने वाले लोगों को अपनी और आकर्षित कर रही है. शलखर से आए व्यापारियों ने बताया कि लवी मेले में शलखर के सेबों की मांग बढ़ रही है.

व्यपारी दिनेश नेगी ने बताया कि वे इन सेबों को प्राकृतिक रूप से तैयार करते हैं. इसमें किसी भी प्रकार का कोई केमिकल नहीं डाला गया है. उन्होंने बताया कि इस सेब को तैयार करने के लिए वे घर में ही प्राकृतिक खाद कीटनाशकों को मारने के लिए स्प्रे तैयार करते हैं.

दिनेश नेगी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में अभी तक इस तरह की खेती किन्नौर जिला के शलखर गांव में ही की जाती है. जिससे पूरी तरह से प्राकृतिक सेब तैयार किया जाता है. इस कारण ही इसमें किसी भी तरह का केमिकल नहीं डाला जाता है.

वीडियो.

उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में इस बार गिफ्ट पैक की पेटी रॉयल सेब और गोल्डन की भारी डिमांड है. लोग इस सेब को लेने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं. ये सेब ज्यादा समय तक बचा रह सकता है और जल्दी खराब भी नहीं होता है. इस सेब का स्वाद अन्य सेब से अलग होता है.

ये भी पढ़ें- विवादों में घिरी स्कूल लेक्चरर भर्ती रद्द, कैबिनेट के फैसले के बाद अधिसूचना जारी

रामपुरः अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में किन्नौर जिला के चांगो के साथ लगते क्षेत्र शलखर के सेब की भारी बिक्री हो रही है. सेबों की सुंदरता मेले में आने वाले लोगों को अपनी और आकर्षित कर रही है. शलखर से आए व्यापारियों ने बताया कि लवी मेले में शलखर के सेबों की मांग बढ़ रही है.

व्यपारी दिनेश नेगी ने बताया कि वे इन सेबों को प्राकृतिक रूप से तैयार करते हैं. इसमें किसी भी प्रकार का कोई केमिकल नहीं डाला गया है. उन्होंने बताया कि इस सेब को तैयार करने के लिए वे घर में ही प्राकृतिक खाद कीटनाशकों को मारने के लिए स्प्रे तैयार करते हैं.

दिनेश नेगी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में अभी तक इस तरह की खेती किन्नौर जिला के शलखर गांव में ही की जाती है. जिससे पूरी तरह से प्राकृतिक सेब तैयार किया जाता है. इस कारण ही इसमें किसी भी तरह का केमिकल नहीं डाला जाता है.

वीडियो.

उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में इस बार गिफ्ट पैक की पेटी रॉयल सेब और गोल्डन की भारी डिमांड है. लोग इस सेब को लेने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं. ये सेब ज्यादा समय तक बचा रह सकता है और जल्दी खराब भी नहीं होता है. इस सेब का स्वाद अन्य सेब से अलग होता है.

ये भी पढ़ें- विवादों में घिरी स्कूल लेक्चरर भर्ती रद्द, कैबिनेट के फैसले के बाद अधिसूचना जारी

Intro:रामपुर बुशहर


Body:अंतर्राष्ट्रीय लवी मेले में किन्नौर जिला के चांगो के साथ लगते क्षेत्र शलखर का सेब खुब बीक रहा है । यह सेब मेले में आने वाले लोगों को अपनी और आकर्षित कर रहा है ।
शंकर से आए व्यापारी दिनेश नेगी ने बताया कि लवी मेले में चांगो के साथ लगते क्षेत्र शलखर से लाए गए सेब की खूब डिमांड आ रही है ।
यह सेब पूरी तरह से प्राकृतिक है इसमें किसी भी प्रकार का कोई केमिकल नहीं डाला गया है । उन्होंने बताया कि इस सेब को तैयार करने के लिए वह घर में ही प्राकृतिक खाद कीटनाशकों को मारने के लिए स्प्रे तैयार करते हैं। इस कारण ही इसमें किसी भी तरह का केमिकल नहीं डाला जाता है।
दिनेश नेगी ने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश में अभी तक इस तरह की खेती किन्नौर जिला के शलखर गांव में ही की जाती है। जिससे पूरी तरह से प्राकृतिक सेब तैयार किया जाता है।

उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में इस बार गिफ्ट पैक की पेटी रॉयल सेब 12 सो और गोल्डन की बेटी 1 रूपए तक कि बीक रही है। लोग इस सेब को लेने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं।
यह सेब ज्यादा समय तक रह सकता है और जल्दी खराब भी नहीं होता है । इस सेब का स्वाद अन्य सेब से अलग होता है । यह स्वादिष्ट व सर भरा होता है ।



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