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HPU के प्रोफेसर हिम चटर्जी ने बनाई है प्रगति मैदान टनल की दीवारों पर म्यूरल आर्ट, PM मोदी ने भी की प्रशंसा

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Published : Jun 19, 2022, 6:48 PM IST

Updated : Jun 20, 2022, 1:20 PM IST

रविवार को पीएम मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में बनी डेढ किलोमीटर लंबी सुरंग (Pragati Maidan Tunnel Delhi) उद्घाटन किया. इस सुरंग की दीवारों पर एक विशेष तरह की कलाकृतियां बनी हैं. इस कला को म्यूरल कहा जाता है. टनल की दीवारों पर ये आर्ट हिमाचल विश्वविद्यालय में फाइन आर्ट्स के प्रोफेसर हिम चटर्जी ने बनाई है. इसे दुनिया की यह सबसे लंबी म्यूरल है. क्या है ये म्यूरल आर्ट, जिसकी पीएम मोदी ने भी प्रशंसा की है. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

HPU Professor Him Chatterjee
प्रगति मैदान टनल की दीवारों पर मुरल पेंटिग

शिमला: हिमाचल प्रदेश के लिए आज गर्व का दिन है. रविवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में बनी करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी सुरंग (Pragati Maidan tunnel) का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया. इस सुरंग की कई खासियतें हैं, जिनमें सबसे मुख्य है इसके अंदर दीवारों पर बनी कलाकृतियां, जिसे म्यूरल आर्ट (Mural Art on wall) कहते हैं. दरअसल इन कलाकृतियों को दीवार पर उकेरने वाले हिम चटर्जी का नाता हिमाचल प्रदेश से है.

हिमाचल विश्वविद्यालय में फाइन आर्ट्स के प्रोफेसर हिम चटर्जी (HPU Professor Him Chatterjee) ने ये म्यूरल आर्ट बनाई है. इस डेढ किलोमीटर लंबी प्रगति मैदान टनल की दीवारों पर फैली कलाकृतियों को पीएम मोदी ने ए तरह की आर्ट गैलरी बताया था. कहा जा रहा है कि ये दुनिया की सबसे लंबी आर्ट गैलरी हो सकती है और सबसे लंबी म्यूरल भी. यानी जब भी कोई शख्स इस टनल से गुजरेगा तो दीवार पर बनी ये कलाकृतियां उसका मन मोह लेंगी.

प्रगति मैदान टनल

म्यूरल आर्ट क्या है (what is Mural)- म्यूरल यानी रंगों की मदद से दीवारों पर उकेरे गए ऐसे चित्र, जो बिल्कुल जीवंत लगते हैं. ये कला भारत के लिए नई नहीं है लेकिन मौजूदा वक्त में ये बहुत लोकप्रिय हुई है. देश की कई ऐतिहासिक धरोहरों में आज भी म्यूरल्स देखने को मिल जाएंगे. पहले एक वर्ग विशेष इस काम में जुटा था लेकिन वक्त के साथ ये आज मॉडर्न आर्ट का हिस्सा है और कई प्रोफेशनल्स इससे अपनी पहचान बना चुके हैं. म्यूरल्स में पहाड़, नदियां, झरने जैसे प्राकृतिक सीनरी से लेकर इतिहास को दर्शाने और कॉरपोरेट दफ्तरों या घरों की दीवारों पर आधुनिक आर्ट तक बनाई जाती है.

हिम चटर्जी कौन हैं- हिम चटर्जी एचपीयू में प्रोफेसर (Him Chatterjee) हैं और उनके द्वारा बनाई गई आर्ट पूरे हिमाचल में दिखती हैं. शिमला के माल रोड और सचिवालय के बाहर भी उनकी आर्ट नजर आती है. यूजीसी जनरल के कवर पेज पर उनकी बनाई गई एक पेंटिंग सुशोभित है. हिम चटर्जी द्वारा बनाई गई लोक संस्कृति की म्यूरल हिमाचल में विभिन्न प्रवेश द्वारों पर (Him chatterjee Mural Art) लगाई गई है, जो हिमाचल की संस्कृति को दर्शाती है. वहीं, अब दिल्ली के प्रगति मैदान में बनाई गई सुरंग में भी हिमाचल की कला दिखाई देगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस टनल का शुभारंभ कर दिया है. अब टनल से गुजरने वाले सभी लोग प्रोफेसर हिम चटर्जी की (Mural Art on Pragati Maidan tunnel wall) कला को निहारेंगे.

प्रगति मैदान टनल के अंदर म्यूरल आर्ट
प्रगति मैदान टनल के अंदर म्यूरल आर्ट

हिम चटर्जी के पिता सनत कुमार चटर्जी भी देश भर के जाने माने स्कल्पचरिस्ट थे. उनके द्वारा बनाई गई सौ फीट लंबी और ग्यारह फीट चौड़ी पेंटिग गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है. इस पेंटिंग को बनाने में उन्हें दो साल का समय लगा था. कॉस्मिक मदर नाम की यह कलाकृति सिल्क स्क्रॉल पर बनी है. शिमला के विश्वविख्यात कालीबाड़ी मंदिर की दीवारों पर सनत कुमार चटर्जी ने ही मां दुर्गा के दस महाविद्या के चित्र उकेरे (Sanat Kumar chatterjee Mural Art) हैं.

पीएम मोदी ने भी की प्रशंसा: रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति मैदान टनल परियोजना आम लोगों को समर्पित कर दी है. प्रगति मैदान टनल का उद्घाटन करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां की दीवारों पर बनी आर्ट गैलरी की (painting on the walls of Pragati Maidan Tunnel) भी प्रशंसा की और सुझाव दिया कि वह चाहते हैं कि रविवार के दिन टनल में वाहनों की आवाजाही 4 से 6 घंटे रोक कर इसे स्कूली बच्चों, विदेशी मेहमानों और अन्य लोगों के लिए आवाजाही के लिए खोला जाए. वे पैदल आकर इस आर्ट गैलरी को जब देखेंगे तो उन्हें पूरे देश का दर्शन यहां बने आर्ट गैलरी से हो सकता है. इससे बहुत कुछ उन्हें सीखने जानने को मिलेगा.

ये भी पढ़ें: सरकारी कर्मचारियों से 2017 में धूमल का किया वादा भूले जयराम, क्या चुनावी साल में बिगड़ेगा बीजेपी का काम ?

शिमला: हिमाचल प्रदेश के लिए आज गर्व का दिन है. रविवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में बनी करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी सुरंग (Pragati Maidan tunnel) का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया. इस सुरंग की कई खासियतें हैं, जिनमें सबसे मुख्य है इसके अंदर दीवारों पर बनी कलाकृतियां, जिसे म्यूरल आर्ट (Mural Art on wall) कहते हैं. दरअसल इन कलाकृतियों को दीवार पर उकेरने वाले हिम चटर्जी का नाता हिमाचल प्रदेश से है.

हिमाचल विश्वविद्यालय में फाइन आर्ट्स के प्रोफेसर हिम चटर्जी (HPU Professor Him Chatterjee) ने ये म्यूरल आर्ट बनाई है. इस डेढ किलोमीटर लंबी प्रगति मैदान टनल की दीवारों पर फैली कलाकृतियों को पीएम मोदी ने ए तरह की आर्ट गैलरी बताया था. कहा जा रहा है कि ये दुनिया की सबसे लंबी आर्ट गैलरी हो सकती है और सबसे लंबी म्यूरल भी. यानी जब भी कोई शख्स इस टनल से गुजरेगा तो दीवार पर बनी ये कलाकृतियां उसका मन मोह लेंगी.

प्रगति मैदान टनल

म्यूरल आर्ट क्या है (what is Mural)- म्यूरल यानी रंगों की मदद से दीवारों पर उकेरे गए ऐसे चित्र, जो बिल्कुल जीवंत लगते हैं. ये कला भारत के लिए नई नहीं है लेकिन मौजूदा वक्त में ये बहुत लोकप्रिय हुई है. देश की कई ऐतिहासिक धरोहरों में आज भी म्यूरल्स देखने को मिल जाएंगे. पहले एक वर्ग विशेष इस काम में जुटा था लेकिन वक्त के साथ ये आज मॉडर्न आर्ट का हिस्सा है और कई प्रोफेशनल्स इससे अपनी पहचान बना चुके हैं. म्यूरल्स में पहाड़, नदियां, झरने जैसे प्राकृतिक सीनरी से लेकर इतिहास को दर्शाने और कॉरपोरेट दफ्तरों या घरों की दीवारों पर आधुनिक आर्ट तक बनाई जाती है.

हिम चटर्जी कौन हैं- हिम चटर्जी एचपीयू में प्रोफेसर (Him Chatterjee) हैं और उनके द्वारा बनाई गई आर्ट पूरे हिमाचल में दिखती हैं. शिमला के माल रोड और सचिवालय के बाहर भी उनकी आर्ट नजर आती है. यूजीसी जनरल के कवर पेज पर उनकी बनाई गई एक पेंटिंग सुशोभित है. हिम चटर्जी द्वारा बनाई गई लोक संस्कृति की म्यूरल हिमाचल में विभिन्न प्रवेश द्वारों पर (Him chatterjee Mural Art) लगाई गई है, जो हिमाचल की संस्कृति को दर्शाती है. वहीं, अब दिल्ली के प्रगति मैदान में बनाई गई सुरंग में भी हिमाचल की कला दिखाई देगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस टनल का शुभारंभ कर दिया है. अब टनल से गुजरने वाले सभी लोग प्रोफेसर हिम चटर्जी की (Mural Art on Pragati Maidan tunnel wall) कला को निहारेंगे.

प्रगति मैदान टनल के अंदर म्यूरल आर्ट
प्रगति मैदान टनल के अंदर म्यूरल आर्ट

हिम चटर्जी के पिता सनत कुमार चटर्जी भी देश भर के जाने माने स्कल्पचरिस्ट थे. उनके द्वारा बनाई गई सौ फीट लंबी और ग्यारह फीट चौड़ी पेंटिग गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है. इस पेंटिंग को बनाने में उन्हें दो साल का समय लगा था. कॉस्मिक मदर नाम की यह कलाकृति सिल्क स्क्रॉल पर बनी है. शिमला के विश्वविख्यात कालीबाड़ी मंदिर की दीवारों पर सनत कुमार चटर्जी ने ही मां दुर्गा के दस महाविद्या के चित्र उकेरे (Sanat Kumar chatterjee Mural Art) हैं.

पीएम मोदी ने भी की प्रशंसा: रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति मैदान टनल परियोजना आम लोगों को समर्पित कर दी है. प्रगति मैदान टनल का उद्घाटन करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां की दीवारों पर बनी आर्ट गैलरी की (painting on the walls of Pragati Maidan Tunnel) भी प्रशंसा की और सुझाव दिया कि वह चाहते हैं कि रविवार के दिन टनल में वाहनों की आवाजाही 4 से 6 घंटे रोक कर इसे स्कूली बच्चों, विदेशी मेहमानों और अन्य लोगों के लिए आवाजाही के लिए खोला जाए. वे पैदल आकर इस आर्ट गैलरी को जब देखेंगे तो उन्हें पूरे देश का दर्शन यहां बने आर्ट गैलरी से हो सकता है. इससे बहुत कुछ उन्हें सीखने जानने को मिलेगा.

ये भी पढ़ें: सरकारी कर्मचारियों से 2017 में धूमल का किया वादा भूले जयराम, क्या चुनावी साल में बिगड़ेगा बीजेपी का काम ?

Last Updated : Jun 20, 2022, 1:20 PM IST
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