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हिमाचल मानवाधिकार आयोग ने जारी किया नोटिस, 6 वर्षीय बच्चे के तेंदुए के हमले में मारे जाने का मामला

शिमला के डाउनडेल में 6 साल के बच्चे योगराज के प्रथम दृष्टया तेंदुए के हमले मारे जाने के मामले में पुलिस अधीक्षक शिमला, उप अरण्यपाल वन्य प्राणी और डीएफओ वन्य प्राणी शिमला शहर को नोटिस जारी हुई है. हिमाचल प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने इस मामले की सुनवाई 22 नवंबर को रखी है.

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Published : Nov 8, 2021, 10:38 PM IST

शिमला: शिमला के डाउनडेल में 6 साल के बच्चे योगराज के प्रथम दृष्टया तेंदुए के हमले से मारे जाने के मामले में हिमाचल प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने स्व संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है. मानवाधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक शिमला, उप अरण्यपाल वन्य प्राणी और डीएफओ वन्य प्राणी शिमला शहर को नोटिस कर जवाब तलब किया है.

राज्य मानवाधिकार आयोग ने नियुक्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से भी हलफनामे के साथ फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट तलब की गई है. इस मामले की सुनवाई 22 नवंबर को रखी गई है. हिमाचल प्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीएस राणा और सदस्य डॉ. अजय भंडारी ने कहा कि चार नवंबर को डाउनडेल से 6 वर्षीय योगराज पुत्र केदारनाथ को तेंदुए ने मारा, जो प्रथम दृष्टया मानवाधिकार अधिनियम 1993 के तहत मानवाधिकार हनन का मामला है.

दरअसल, राजधानी के डाउनडेल में दिवाली की रात 6 वर्षीय बच्चा संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया था. परिवार वाले आशंका जता रहे थे कि कोई जंगली जानवर बच्चे को उठा ले गया है. हालांकि उस समय पुलिस, वन विभाग और त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) को नहीं मिला था. घटना सदर थाना के तहत डाउनडेल बस्ती में वीरवार रात साढ़े आठ बजे के करीब घटी थी. इसके बाद लोगों ने भी खुद बच्चे की तलाश की. शनिवार को बच्चे का शव क्षत विक्षत हालत में जंगल में झाड़ियों के बीच मिला. पोस्टमार्टम के दौरान बच्चे की शरीर से तेंदुए के बाल मिले थे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में नशा तस्करों के हौसले बुलंद! मंडी पुलिस ने साढ़े 9 किलो चरस के साथ तस्कर को दबोचा

शिमला: शिमला के डाउनडेल में 6 साल के बच्चे योगराज के प्रथम दृष्टया तेंदुए के हमले से मारे जाने के मामले में हिमाचल प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने स्व संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है. मानवाधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक शिमला, उप अरण्यपाल वन्य प्राणी और डीएफओ वन्य प्राणी शिमला शहर को नोटिस कर जवाब तलब किया है.

राज्य मानवाधिकार आयोग ने नियुक्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से भी हलफनामे के साथ फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट तलब की गई है. इस मामले की सुनवाई 22 नवंबर को रखी गई है. हिमाचल प्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीएस राणा और सदस्य डॉ. अजय भंडारी ने कहा कि चार नवंबर को डाउनडेल से 6 वर्षीय योगराज पुत्र केदारनाथ को तेंदुए ने मारा, जो प्रथम दृष्टया मानवाधिकार अधिनियम 1993 के तहत मानवाधिकार हनन का मामला है.

दरअसल, राजधानी के डाउनडेल में दिवाली की रात 6 वर्षीय बच्चा संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया था. परिवार वाले आशंका जता रहे थे कि कोई जंगली जानवर बच्चे को उठा ले गया है. हालांकि उस समय पुलिस, वन विभाग और त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) को नहीं मिला था. घटना सदर थाना के तहत डाउनडेल बस्ती में वीरवार रात साढ़े आठ बजे के करीब घटी थी. इसके बाद लोगों ने भी खुद बच्चे की तलाश की. शनिवार को बच्चे का शव क्षत विक्षत हालत में जंगल में झाड़ियों के बीच मिला. पोस्टमार्टम के दौरान बच्चे की शरीर से तेंदुए के बाल मिले थे.

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