शिमला: हिमाचल में जड़ें जमा रहे नशे को उखाड़ फेंकने के लिए राज्य पुलिस ने सक्रियता से अभियान छेड़ा है. नशा तस्करों की आर्थिक रीढ़ तोड़ने के लिए पुलिस ने न केवल बड़ी मछलियों पर हाथ डाला है बल्कि गश्त को तेज करके मुखबिरों के जरिए छोटी-छोटी पॉकेट्स में सक्रिय नशे के दलालों पर भी शिकंजा कसा है. हिमाचल पुलिस ने एक साल में 15 करोड़ से अधिक की संपत्ति अटैच करवाने में भूमिका निभाई है. तीन मामलों में नशा तस्करों पर ईडी की कार्रवाई हुई है.
कुछ समय पूर्व सर्वोच्च अदालत के तहत आने वाली विशेष अदालत (एनडीपीएस एक्ट) ने कांगड़ा जिले के चार नशा तस्करों की करीब छह करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था. उस पर अमल भी हुआ है. कांगड़ा जिले में पुलिस थाना डमटाल के तहत नशे की तस्करी (Himachal police on drug smuggling) से ही इन लोगों ने संपत्ति बनाई थी. इसमें आरोपितों के घर, वाहन, होटल, बैंक खाते, जमीन भी शामिल हैं.
वहीं, राजधानी शिमला के कुख्यात नशा तस्कर दीप राम ठाकुर की साढ़े चार करोड़ की संपत्ति भी ईडी ने अटैच (drug smugglers properties in Himachal) की है. दीपराम ने तो शिमला सहित सोलन में भी संपत्ति जोड़ी थी. यही नहीं इस नशा तस्कर के पास बीएमडब्ल्यू कार भी थी. ईडी ने दीप राम के शिमला व सोलन में छह प्लॉट, शिमला में दो घर व फ्लैट, एक बीएमडब्ल्यू कार के अलावा छह बैंक खाते अटैच किए. पांच साल पहले शिमला पुलिस ने शिमला के उपनगर टुटू में दीपराम के आवास से 16 किलो चरस और अफीम बरामद की थी. उस समय पुलिस ने दीपराम की पत्नी (drug smugglers in Himachal) को भी गिरफ्तार किया था. अदालती कार्रवाई के बाद न्यायमूर्ति ज्योत्सना डढवाल की अदालत ने पति-पत्नी को 20-20 साल कारावास की सजा सुनाई थी.
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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने हाल ही में पुलिस अफसरों के साथ बैठक में बड़े (CM Jairam orders for action on drug smugglers) तस्करों सहित छोटे सौदागरों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए. हिमाचल में नवंबर 2021 तक एनडीपीएस के तहत 2300 से अधिक मामले दर्ज किए गए और 2900 से अधिक तस्करों को हिरासत में लिया गया. साथ ही 15 करोड़ के करीब संपत्ति भी जब्त की गई. एक साल के भीतर हिमाचल में आठ हजार बीघा भूमि से 14 लाख भांग के पौधे उखाड़े गए. वहीं, 55 बीघा भूमि से पौने तीन लाख अफीम के पौधे नष्ट कर 150 से अधिक ज्यादा मामले दर्ज किए गए.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल पुलिस ने नशे के खिलाफ लड़ाई में मंडी जिले की चौहार घाटी से 66 बीघा भूमि पर 10 करोड़ रुपये मूल्य के 15 लाख अफीम के पौधे की अवैध खेती का पता लगाया था. हिमाचल प्रदेश में अप्रैल 2021 तक का आंकड़ा देखें तो 19 विभिन्न मामलों में 11.37 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच और फ्रीज की गई, जिसमें जिला कुल्लू में 15 मामलों में 3.79 करोड़ रुपये की सम्पत्ति व जिला कांगड़ा में दो मामलों में 7.29 करोड़ रुपये की संपत्ति, जिला बिलासपुर के एक मामले में 18.31 लाख रुपये व जिला शिमला के एक मामले में 10.67 लाख रुपये के बैंक डिपोटिज फ्रीज किए गए थे.
हिमाचल पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वह तस्करों की आर्थिक रीढ़ पर हमला करें. पुलिस का फोकस वित्त मंत्रालय की मदद से तस्करों की काली कमाई से अर्जित की गई संपत्ति को अटैच करवाने पर है. इसमें इकोनॉमिक इंटेलिजेंस एजेंसी (economic intelligence agency) से लेकर प्रवर्तन निदेशालय तक का जांच में सहयोग लिया जा रहा है. हिमाचल में विदेशी नागरिक भी (smuggling into himachal by foreigners) काफी संख्या में नशा तस्करी में संलिप्त हैं खासकर नाइजीरिया के नागरिक पुलिस की रडार पर हैं.
हिमाचल में आंकड़ों के हिसाब से देखें तो वर्ष 2017 में 1221, वर्ष 2018 में 1722, वर्ष 2019 में 1935, वर्ष 2020 में 2058 व अगस्त 2021 तक 1568 मामले सामने आए. वहीं, संपत्ति अटैच करने के मामलों पर नजर डालें तो कुल्लू में 15, कांगड़ा में 3, बिलासपुर में 1, शिमला में 1 व ऊना में 2 मामलों में कार्रवाई हुई. डीजीपी संजय कुंडू (DGP Sanjay Kundu) ने कहा कि नशा तस्करी के खिलाफ हिमाचल पुलिस ने बड़ा अभियान (HP Police Anti drug campaign) छेड़ा हुआ है. पुलिस छोटे तस्करों सहित इस काले कारोबार से जुड़ी बड़ी मछलियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है.
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