शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर का तबादला पंजाब एन्ड हरियाणा हाईकोर्ट किए जाने पर उन्हें विदाई देने के लिए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में फुल कोर्ट रेफरेंस का आयोजन किया गया. कार्यवाही का संचालन रजिस्ट्रार जनरल वीरेंद्र सिंह ने किया. इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने कहा कि न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर के सौहार्दपूर्ण व्यवहार और विनम्रता ने उन्हें बार और बेंच के सदस्यों का प्रिय बना दिया.
न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर ने मुख्य न्यायाधीश का धन्यवाद किया और सराहना करते हुए कहा कि मुख्य न्यायाधीश में मामलों की गहरी परख और परिपक्व समझ के विलक्षण गुण हैं. अपने करियर में बदलाव के बारे में बोलते हुए न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर ने विलियम शेक्सपियर के प्रसिद्ध उदाहरण को साझा किया, जिसमें बदलती भूमिकाओं को समाहित करते हुए, मनुष्य को समय के प्रवाह के साथ प्रदर्शन करना पड़ता है. "सारी दुनिया एक मंच है, और सभी पुरुष और महिलाएं केवल खिलाड़ी हैं.''
न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर ने कहा कि उन्हें हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय का हिस्सा होने पर बेहद गर्व महसूस होता है, क्योंकि यह समाज के उच्चतम गुणवत्ता के त्वरित और मूल्य आधारित न्याय देने के स्पष्ट आह्वान पर मजबूती से खड़ा हुआ है. उन्होंने कानूनी पेशे के युवा सदस्यों को प्रोत्साहित किया और उन्हें अपने वरिष्ठों से सीखकर अधिक परिपक्व और अत्याधुनिक कानूनी कौशल हासिल करने की सलाह दी और वरिष्ठों को भी उन्हें कानूनी कौशल और अदालती शिल्प की बारीकियां प्रदान करने के लिए कहा.
उन्होंने अधिवक्ताओं से न केवल पुराने दीवानी, आपराधिक और राजस्व कानूनों के प्रति अपने कौशल का उपयोग करने के लिए कहा, बल्कि हाल ही में बनाए गए कराधान और कॉर्पोरेट कानूनों और अब दिवालियापन, मध्यस्थता, क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित कानूनों को विकसित करने में भी खुद को कुशल बनाने के लिए कहा.
इस अवसर पर, उन्होंने विशेष रूप से मां निर्मला ठाकुर, प्रसिद्ध कवयित्री, उनके दिवंगत पिता न्यायाधीश हीरा सिंह ठाकुर, अपने भाई, बहनों और अधिवक्ताओं के लिपिक से माननीय न्यायाधीशों तक उन सभी लोगों को याद किया, जिन्होंने उनके कानूनी व्यक्तित्व के पोषण और उन्हें तराशने में योगदान दिया. उन्होंने अपने सह न्यायाधीशों की सराहना की और उन्हें धन्यवाद किया. इस अवसर पर हाईकोर्ट बार और रजिस्ट्री के सभी कर्मचारियों के सहयोग के लिए धन्यवाद किया.
एडवोकेट जनरल अशोक शर्मा, बार काउंसिल ऑफ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष अजय कोछड़, उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष लवनीश कंवर व भारत के सहायक सॉलिसिटर जनरल बलराम शर्मा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में उनके न्यायिक क्षेत्र में दिये अहम योगदान का उल्लेख किया और पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट का न्यायाधीश बनने पर शुभकामनाएं दी.
गौरतलब है कि न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर ने वर्ष 1987 में हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की और दीवानी, आपराधिक और संवैधानिक मामलों की पैरवी की. वर्ष 1994 से 2000 तक वे केंद्र सरकार के मामलो की पैरवी करने के लिए अतिरिक्त केंद्र सरकार अधिवक्ता रहे. वर्ष 2001 में उन्हें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में चुना गया था और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (द्वितीय), कांगड़ा, धर्मशाला के रूप में तैनात हुए. इसके बाद उन्होंने अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश, मंडी के रूप में कार्य किया.
इसके बाद उन्होंने रामपुर में जिला और सत्र न्यायाधीश, किन्नौर, धर्मशाला में पीठासीन अधिकारी, श्रम न्यायालय, कांगड़ा, जिला और सत्र न्यायाधीश, बिलासपुर, जिला उपभोक्ता विवाद निवारण मंच, शिमला के अध्यक्ष, जिला और सत्र न्यायाधीश, सिरमौर नाहन के रूप में कार्य किया.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कांगड़ा, धर्मशाला भी रहे. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के रूप में भी कार्य किया. उन्हें हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 5 मई, 2014 को इस रूप में पद ग्रहण किया. उन्होंने 30 नवंबर 2014 को हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के स्थाई न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी.
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