शिमलाः हिमाचल सरकार की केबिनेट बैठक में आम लोगों को राहत दी गई है. गुरुवार को सीएम जयराम की अध्यक्षता में हुई बैठक में जल शक्ति विभाग की ओर से लिए जा रहे पानी के बिलों के सीवरेज शुल्क को 50 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने का फैसला लिया गया है.
हिमाचल केबिनेट ने स्टूडेंट्स की दी जाने वाली वित्तीय सहायता को भी बढ़ाने का फैसला लिया है. अब पहली से आठवीं कक्षा तक की लड़कियों को 7 हजार रुपये के स्थान पर 8 हजार रुपये की और लड़कों को 3 हजार रुपये के स्थान पर 5 हजार रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाएगी.
वहीं, नौवीं से बाहरवीं कक्षा तक की लड़कियों को अब 11 हजार रुपये और लड़कों को 8 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. ग्रेजेुएशन के लिए लड़कियों को 15 हजार रुपये के स्थान पर 16 हजार रुपये और लड़कों को 10 हजार रुपये के स्थान पर 12 हजार रुपये वित्तीय सहायता दी जाएगी, जबकि पोस्ट ग्रेजुएशन और एक से तीन वर्ष तक की समय वाले डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए लड़कियों को 20 हजार रुपये के स्थान पर 21 हजार रुपये और लड़कों को 15 हजार रुपये के स्थान पर 17 हजार रुपये दिए जाएंगे.
पीएचडी के लिए मिलेगी इतनी सहायता राशी
साथ ही अब व्यावसायिक डिग्री और पीएचडी, रिसर्च के लिए लड़कियों को 35 हजार रुपये के स्थान पर 36 हजार रुपये और लड़कों को 25 हजार के स्थान पर 27 हजार रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किए जाएंगे.
श्रमिकों की विवाह के लिए वित्तीय सहायता भी बढ़ी
हिमाचल मंत्रिमंडल ने श्रमिकों की विवाह के लिए वित्तीय सहायता को 35 हजार से 51 हजार रुपये बढ़ाने और केवल दो बच्चों के विवाह के लिए 51 हजार रुपये प्रत्येक की वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया. बैठक में हिमाचल प्रदेश भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत लाभार्थियों को 2 हजार रुपये की वित्तीय सहायता की तीसरी किश्त वितरित करने का भी निर्णय लिया. साथ ही कल्याण बोर्ड में पंजीकृत लाभार्थियों को दो बच्चों तक की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता को बढ़ाने की मंजूरी दी है.
इन जिलों में महिला शक्ति केंद्र योजना लागू करने की मंजूरी
मंत्रिमंडल ने कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले में महिला शक्ति केंद्र योजना लागू करने की स्वीकृति मिली है. हर जिले में महिला कल्याण अधिकारी का एक पद और जिला समन्वयक के दो पदों को आउटसोर्स आधार पर सृजित कर भरने को स्वीकृति मिली.
राज्य खाद्य आयोग का होगा गठन
हिमाचल केबिनेट ने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की प्रभावी निगरानी और कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए राज्य खाद्य आयोग के गठन को भी स्वीकृति दी. मंत्रिमंडल ने करूणामूलक रोजगार के मामलों के निपटारे के लिए ‘करूणामूलक रोजगार’ और विभाग को शक्तियों के प्रतिनिधान (डेलिगेशन ऑफ पावर) की नीति का सरलीकरण करने का निर्णय लिया. अब लिपिक के स्थान पर यह मामले कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के पद पर माने जाएंगे.
इन पदों को भरने की मंजूरी
बैठक में जल शक्ति विभाग में अनुबंध आधार पर कनिष्ठ अभियंता (सिविल) के 30 पद, कनिष्ठ अभियंता (मेकेनिकल) के 20 पद और कनिष्ठ अभियंता (इलैक्ट्रिकल) के छह पद भरने को स्वीकृति प्रदान की.
मंत्रिमंडल ने अनुबंध आधार पर आशुटंकक के दो पद और उपायुक्त कार्यालय कुल्लू में दैनिक भोगी आधार पर वाहन चालक का एक पद, इसके अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय चंबा में दैनिक भोगी आधार पर वाहन चालक का एक पद भरने का निर्णय लिया.
बैठक में सहकारी विभाग में स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को दिए जाने वाले आरक्षण के तहत बैकलॉग के लिए अनुबंध आधार पर कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के दो पद भरने को स्वीकृति दी.
यहां प्रवक्ताओं के 6 पदों को भरने की मंजूरी
कांगड़ा जिला के इंदौरा विधानसभा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बड़ी कंदरौडी में विज्ञान कक्षाएं (नॉन मेडिकल) और ज्वालामुखी विधानसभा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गुम्मर में वाणिज्य कक्षाएं और इन विषयों में प्रवक्ताओं के 6 पदों के सृजन के साथ भरने का निर्णय लिया.
बागवानी और वानिकी विकास और विस्तार संस्थान थुनाग का नाम वानिकी और बागवानी महाविद्यालय थुनाग करने और महाविद्यालय प्रबंधन के लिए आवश्यक पदों को सृजित करने को भी अपनी सहमति दी.
18 स्टाफ नर्सो को मिलेगी नियुक्ति
बैठक में मंत्रीमंडल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रोगी कल्याण समिति में अनुबंध पर कार्य रही और रोस्टर प्वाइंट से बाकि रह गई 18 स्टाफ नर्सो को नियुक्ति देने की स्वीकृति प्रदान की, जिसके लिए भर्ती का मामला निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भेजा गया है, जिन्हें पूर्वेक्षण (प्रोस्पेक्टिव) तिथि से माना जाएगा.
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के धारा- 31 के उप-धारा (2) के नियम को प्रतिस्थापन करने के लिए अध्यादेश के खंड-7 को स्वीकृति प्रदान की ताकि सरकार को सेवाओं आपूर्ति की सेवाओं के वर्गीकरण को अधिसूचित करने के लिए सक्षम बनाया जा सके ताकि टैक्स इन्वाइस जारी करने के लिए आवश्यक नियम बनाए जा सके.
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