शिमलाः हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने अपना 53वां स्थापना दिवस मनाया. इस अवसर पर प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम शिमला के कालीबाड़ी हाल में आयोजित हुआ. जिसमें बड़ी संख्या में कर्मचारी प्रतिनिधियों ने शिरकत की.
इस मौके पर महासंघ के पूर्व में रहे प्रतिष्ठित कर्मचारी नेताओं को उनके संघर्ष और बलिदान को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि आर्पित की गई. इसके अलावा प्रदेश में कर्मचारियों को आ रही दिक्कतों और प्रदेश सरकार के समक्ष मुद्दों को उठाने पर चर्चा की गई.
बता दें कि दो गुटों में बंट चुके महासंघ ने अलग-अलग जगह स्थापना दिवस मनाया. एक गुट हमीरपुर में तो दूसरे धड़े ने शिमला में कार्यक्रम का आयोजन किया. शिमला कार्यक्रम में कर्मचारी महासंघ नेता विनोद कुमार ने कहा कि महासंघ की स्थापना 20 नवम्बर 1966 को नाहन में हुई थी और इसका उद्देश्य प्रदेश के कर्मचारियों को एक मंच देना था ताकि कर्मचारी अपनी मांगें सरकार के समक्ष उठा सकें.
विनोद कुमार ने कहा कि महासंघ ने कर्मचारियों के हित के लिए कई बड़े आंदोलन किये हैं. महासंघ ने 1970, 1979 और 1980 में 35 दिन की हड़ताल की, लेकिन जिस उद्देश्य से महासंघ गठन किया है उस पर राजनीति हावी हो गई है.
राजनेताओं ने कर्मचारियों को अपने हाथों में ले लिया और कर्मचारी नेता भी कर्मचारियों की मूलभूत समस्याओं को छोड़ कर अपनी मान्यता के नाम का ढिंढोरा पीठ रहे हैं. उन्होंने कहा कि महासंघ कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर आवाज उठता आ रहा है. नए वेतन मान और पेंशन को लेकर कई बार मुख्यमंत्री के समक्ष मांग उठाई गई है और आने वाले समय में भी कर्मचारियों के मुद्दे के लिए लड़ाई जारी रहेगी.
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