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HIMACHAL: स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद एनएचएम कर्मियों ने वापस ली हड़ताल

हिमाचल प्रदेश में एनएचएम कर्मियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है. गुरुवार शाम को एनएचएम कर्मचारियों की स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल के (NHM employees meeting with Rajiv Saizal) साथ एक बैठक हुई. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों के लिए 3 महीने के अंदर एक कमेटी का गठन किया जाएगा और उस आधार पर मांगों पर विचार कर उसे पूरा किया जाएगा.

NHM workers call off strike
एनएचएम कर्मियों ने वापस ली हड़ताल
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Published : Feb 3, 2022, 7:51 PM IST

शिमला: प्रदेश में दो दिनों से चल रही एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल गुरुवार शाम को वापस (NHM workers call off strike) ले ली है. गुरुवार शाम को एनएचएम कर्मचारियों की स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल के साथ एक बैठक हुई. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों के लिए 3 महीने के अंदर एक कमेटी का गठन किया जाएगा और उस आधार पर मांगों पर विचार कर उसे पूरा किया जाएगा. इस कमेटी में एनएचएम के कर्मचारी (NHM employees strike ends) भी शामिल होंगे.


गौरतलब है कि एनएचएम कर्मचारी (NHM employees meeting with Rajiv Saizal) बीते 27 जनवरी से काले रिबन लगा कर विरोध स्वरूप काम कर रहे थे. 2 फरवरी को पूरी तरह काम ठप कर दिया गया और पेन डाउन हड़ताल शुरू की. यह हड़ताल गुरुवार को भी जारी रही और इस दौरान दर्जनों मरीज बिना टेस्ट करवाए अस्पताल से घर वापस चले गए. एनएचएम कर्मचारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में राज्य स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) के तहत 1996 से कुष्ठ रोग कार्यक्रम की शुरुआत हुई और सन 1998 से क्षय रोग कार्यक्रम के तहत कर्मचारियों की नियुक्तियां हुईं और अब तक प्रदेश में विभिन कार्यक्रमों के तहत विभिन्न पदाें पर कर्मचारी नियुक्त हैं. जिनको अपनी सेवाएं देते हुए लगभग 23 वर्ष हो गए हैं. इनमें से कई कर्मचारी सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं व सेवाकाल के दौरान 4 कर्मचारियों की मृत्यु भी हो चुकी है. जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए इन कर्मचारियों को कोई ग्रेच्युटी का लाभ भी नहीं दिया गया. सरकार 23 वर्षों से कोई भी स्थाई नीति नहीं बना पाई है.

शिमला: प्रदेश में दो दिनों से चल रही एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल गुरुवार शाम को वापस (NHM workers call off strike) ले ली है. गुरुवार शाम को एनएचएम कर्मचारियों की स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल के साथ एक बैठक हुई. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों के लिए 3 महीने के अंदर एक कमेटी का गठन किया जाएगा और उस आधार पर मांगों पर विचार कर उसे पूरा किया जाएगा. इस कमेटी में एनएचएम के कर्मचारी (NHM employees strike ends) भी शामिल होंगे.


गौरतलब है कि एनएचएम कर्मचारी (NHM employees meeting with Rajiv Saizal) बीते 27 जनवरी से काले रिबन लगा कर विरोध स्वरूप काम कर रहे थे. 2 फरवरी को पूरी तरह काम ठप कर दिया गया और पेन डाउन हड़ताल शुरू की. यह हड़ताल गुरुवार को भी जारी रही और इस दौरान दर्जनों मरीज बिना टेस्ट करवाए अस्पताल से घर वापस चले गए. एनएचएम कर्मचारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में राज्य स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) के तहत 1996 से कुष्ठ रोग कार्यक्रम की शुरुआत हुई और सन 1998 से क्षय रोग कार्यक्रम के तहत कर्मचारियों की नियुक्तियां हुईं और अब तक प्रदेश में विभिन कार्यक्रमों के तहत विभिन्न पदाें पर कर्मचारी नियुक्त हैं. जिनको अपनी सेवाएं देते हुए लगभग 23 वर्ष हो गए हैं. इनमें से कई कर्मचारी सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं व सेवाकाल के दौरान 4 कर्मचारियों की मृत्यु भी हो चुकी है. जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए इन कर्मचारियों को कोई ग्रेच्युटी का लाभ भी नहीं दिया गया. सरकार 23 वर्षों से कोई भी स्थाई नीति नहीं बना पाई है.

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