शिमलाः राजधानी शिमला में पाबंदियां हटाने के बाद कोरोना के मामलों में अचानक वृद्धि पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए हिमाचल हाईकोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट ने इस मामले में दो सप्ताह में जवाब तलब किया है.
मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायमूर्ति अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने ये आदेश मीडिया में आई एक खबर पर स्वत: संज्ञान लेने के बाद पारित किए हैं. खबर के मुताबिक प्रतिबंध हटाने के बाद 30 सितंबर तक कुल 73% कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. समाचार में बताया गया था कि शिमला में प्रतिबंधों में ढील और शोघी बॉर्डर से प्रतिबंध हटाने से कोविड-19 मामलों में तेजी आई है.
समाचार पत्र में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जिला शिमला के कुल 1,064 मामलों में 73 प्रतिशत मामले बीते 23 दिनों में रिपोर्ट किए गए हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि प्रतिबंध हटने के बाद बड़ी संख्या में लोग संक्रमण फैलाते हुए शिमला शहर का दौरा कर रहे हैं. 5 सितंबर के बाद 1,064 में से 780 मामले सामने आए हैं. समाचार पत्र में छपी रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पहला कोरोना का मामला 24 मई को आया था और प्रतिबंधों के हटने के बाद तीन से पांच की औसत से प्रति दिन मामले बढ़कर 34 हो गए.
समाचार रिपोर्ट ने आगे उल्लेख किया कि सीमाई क्षेत्रों से आने वाले लोगों की कोई जांच नहीं हो रही है. उत्तराखंड, राजस्थान और केरल राज्य में पर्यटकों के आने से चिंता का विषय बन चुके हैं. विभिन्न राज्यों के पर्यटकों का आगमन और सुरक्षा मानदंडों की अनदेखी भारी पड़ रही है.
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