शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शाहपुर नगर में ट्रक ले-वे (Truck Lay-way in Shahpur Nagar) बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण करने की आपत्ति को लेकर दायर याचिका में प्रदेश की सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी, भारत सरकार के परिवहन व पर्यावरण मंत्रालय और नेशनल हाईवे अथॉरिटी को नोटिस (High Court notice to National Highway Authority) जारी कर जवाब तलब किया है.
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मेघनाथ शर्मा द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री के कहने पर कानून के विपरीत जाकर शहर के व्यावसायिक एवं आवासीय क्षेत्र में ट्रक ले-वे बनाया जा रहा है, जबकि भारतीय रोड कांग्रेस (Indian Road Congress Rules) के नियमों के अनुसार ट्रक ले-वे दो जिला की सीमा क्षेत्र या जहां पर ट्रक खड़े होने पारंपारिक स्थान है या जहां नाके लगाए जाते हैं, उन स्थानों पर ट्रक ले-वे बनाया जाना चाहिए.
याचिकाकर्ता के अनुसार ट्रक ले-वे बनाने के लिए धरमन क्षेत्र में ट्रक यूनियन के समीप सरकारी भूमि उपलब्ध है. इसी जगह पर एसडीएम शाहपुर ने ट्रक ले वे बनाने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने आरोप लगाया गया है कि उपरोक्त मंत्री के हस्तक्षेप के चलते उस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया. याचिकाकर्ता के अनुसार इस भूमि के अधिग्रहण होने पर उपरोक्त मंत्री की भूमि की व्यावसायिक कीमत बढ़ जाएगी. इसलिए ट्रक ले-वे इस स्थान पर बनाया जा रहा है.
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