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Himachal High Court Decision: उम्रकैद की सजा भुगत रहे आरोपी को हाई कोर्ट ने किया बरी, हत्या का था आरोप - himachal high court

उम्रकैद की सजा भुगत रहे लक्ष्मण पटेल (Himachal High Court Decision) को हत्या के आरोप से प्रदेश हाई कोर्ट ने बरी कर दिया. दोषी पर अपने साथी को जान से मारने का आरोप लगाया गया था. दोनों ही वाराणसी से हिमाचल आए थे और घर-घर जाकर कपड़े बेचने का काम करते थे. मृतक के पिता की शिकायत पर पुलिस ने दोषी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

Himachal High Court
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Published : Jun 8, 2022, 8:07 PM IST

शिमला: उम्रकैद की सजा भुगत रहे लक्ष्मण पटेल को हत्या के आरोप से प्रदेश हाई कोर्ट ने बरी कर दिया. यह निर्णय हाई कोर्ट ने सत्र न्यायाधीश कुल्लू के फैसले को निरस्त करते हुए दिया, जबकि निचली अदालत ने अपीलकर्ता को हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी. दोषी पर अपने साथी को जान से मारने का आरोप लगाया गया था. दोनों ही वाराणसी से हिमाचल आए थे और घर-घर जाकर कपड़े बेचने का काम करते थे. मृतक के पिता की शिकायत पर पुलिस ने दोषी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

अभियोजन पक्ष ने दोषी के खिलाफ अभियोग साबित (Himachal High Court Decision) करने के लिए 35 गवाहों के बयान दर्ज करवाए. निचली अदालत ने दोषी को हत्या के जुर्म में उम्रकैद और ₹10,000 जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी. इस निर्णय को लक्ष्मण पटेल ने अपील के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी. हाई कोर्ट ने मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष दोषी के खिलाफ अभियोग साबित करने में नाकाम रहा है. खंडपीठ ने निचली अदालत के फैसले को निरस्त करते हुए अपीलकर्ता को हत्या के आरोप से दोषमुक्त कर दिया.

शिमला: उम्रकैद की सजा भुगत रहे लक्ष्मण पटेल को हत्या के आरोप से प्रदेश हाई कोर्ट ने बरी कर दिया. यह निर्णय हाई कोर्ट ने सत्र न्यायाधीश कुल्लू के फैसले को निरस्त करते हुए दिया, जबकि निचली अदालत ने अपीलकर्ता को हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी. दोषी पर अपने साथी को जान से मारने का आरोप लगाया गया था. दोनों ही वाराणसी से हिमाचल आए थे और घर-घर जाकर कपड़े बेचने का काम करते थे. मृतक के पिता की शिकायत पर पुलिस ने दोषी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

अभियोजन पक्ष ने दोषी के खिलाफ अभियोग साबित (Himachal High Court Decision) करने के लिए 35 गवाहों के बयान दर्ज करवाए. निचली अदालत ने दोषी को हत्या के जुर्म में उम्रकैद और ₹10,000 जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी. इस निर्णय को लक्ष्मण पटेल ने अपील के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी. हाई कोर्ट ने मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष दोषी के खिलाफ अभियोग साबित करने में नाकाम रहा है. खंडपीठ ने निचली अदालत के फैसले को निरस्त करते हुए अपीलकर्ता को हत्या के आरोप से दोषमुक्त कर दिया.

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