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साल 2022 तक प्राकृतिक खेती से जोड़े जाएंगे 9 लाख से ज्यादा किसान: कृषि मंत्री

किसान प्रतिनिधि कार्यशाला का समापन गुरुवार को कृषि भवन में हुआ. कार्यशाला को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला शालाओं का आयोजन किसान मोर्चा पूरे प्रदेश में करें ताकि किसानों को प्राकृतिक खेती की जानकारी मिल सके.

Himachal government aims to connect 9 lakh farmers of the state with natural farming
किसान प्रतिनिधि मोर्चा.
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Published : Sep 10, 2020, 10:51 PM IST

शिमला: भाजपा किसान मोर्चा हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित किसान प्रतिनिधि कार्यशाला का समापन गुरुवार को कृषि भवन में हुआ. इस कार्यशाला में प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा डॉ. राकेश बबली, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, भाजपा संगठन मंत्री पवन राणा मौजूद रहे.

कार्यशाला के मुख्य अतिथि रूप में पहुंचे प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्राकृतिक खेती की शुरुआत 9 मार्च को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की थी. पिछले साल इस योजना की किसानों को जानकारी देने के लिए प्रदेश सरकार ने 25 करोड़ का प्रावधान किया था. इसके साथ ही किसानों को गाय खरीदने के लिए प्रदेश सरकार 30 हजार देगी.

वीडियो रिपोर्ट.

उन्होंने कहा कि साल 2022 तक 9.61 लाख किसानों को योजना से जोड़ने का लक्ष्य हिमाचल सरकार ने रखा है. इस तरह की कार्यशाला शालाओं का आयोजन किसान मोर्चा पूरे प्रदेश में करें ताकि किसानों को प्राकृतिक खेती की जानकारी के साथ-साथ उससे मिलने वाले फायदे की जानकारी भी आम लोगों तक पहुंच सके. कृषि मंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राकेश बबली 2020 तक हिमाचल प्रदेश में किसान मोर्चा की आय को दोगुना करने में प्रयास करेंगे.

प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना कृषि विभाग द्वारा इस कार्यशाला में कृषि विभाग शिमला द्वारा भी इस कार्यशाला में उपस्थित सभी पदाधिकारी को जानकारी देते हुए विशेष सचिव कृषि विभाग राकेश कंवर ने कृषि विभाग के सभी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी. वर्तमान में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की प्रासंगिकता के बारे में प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल निर्देशक कृषि विभाग ने खाद कैसे बनाई जाए बीजों का भंडारण कैसे हो किसान पौधों में छिड़काव के लिए दवाइयां कैसे बनाएं इस बारे जानकारी दी.

कृषि विभाग कृषि उपकरणों पर अनुदान भी देता है. मुख्यमंत्री पॉलीहाउस योजना को 85 प्रतिशत अनुदान और एंटी हेल नेट पर भी सरकार 80 प्रतिशत अनुदान दे रही है. इसी तरह की करीब 31 योजनाओं में कृषि विभाग अनुदान उपलब्ध करवाता है. प्रोफेसर चंदेल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सबसे पहले प्राकृतिक खेती की शुरुआत तत्कालीन राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शुरू कराई थी. आज पूरे प्रदेश में किसान प्राकृतिक खेती में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

शिमला: भाजपा किसान मोर्चा हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित किसान प्रतिनिधि कार्यशाला का समापन गुरुवार को कृषि भवन में हुआ. इस कार्यशाला में प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा डॉ. राकेश बबली, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, भाजपा संगठन मंत्री पवन राणा मौजूद रहे.

कार्यशाला के मुख्य अतिथि रूप में पहुंचे प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्राकृतिक खेती की शुरुआत 9 मार्च को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की थी. पिछले साल इस योजना की किसानों को जानकारी देने के लिए प्रदेश सरकार ने 25 करोड़ का प्रावधान किया था. इसके साथ ही किसानों को गाय खरीदने के लिए प्रदेश सरकार 30 हजार देगी.

वीडियो रिपोर्ट.

उन्होंने कहा कि साल 2022 तक 9.61 लाख किसानों को योजना से जोड़ने का लक्ष्य हिमाचल सरकार ने रखा है. इस तरह की कार्यशाला शालाओं का आयोजन किसान मोर्चा पूरे प्रदेश में करें ताकि किसानों को प्राकृतिक खेती की जानकारी के साथ-साथ उससे मिलने वाले फायदे की जानकारी भी आम लोगों तक पहुंच सके. कृषि मंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राकेश बबली 2020 तक हिमाचल प्रदेश में किसान मोर्चा की आय को दोगुना करने में प्रयास करेंगे.

प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना कृषि विभाग द्वारा इस कार्यशाला में कृषि विभाग शिमला द्वारा भी इस कार्यशाला में उपस्थित सभी पदाधिकारी को जानकारी देते हुए विशेष सचिव कृषि विभाग राकेश कंवर ने कृषि विभाग के सभी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी. वर्तमान में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की प्रासंगिकता के बारे में प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल निर्देशक कृषि विभाग ने खाद कैसे बनाई जाए बीजों का भंडारण कैसे हो किसान पौधों में छिड़काव के लिए दवाइयां कैसे बनाएं इस बारे जानकारी दी.

कृषि विभाग कृषि उपकरणों पर अनुदान भी देता है. मुख्यमंत्री पॉलीहाउस योजना को 85 प्रतिशत अनुदान और एंटी हेल नेट पर भी सरकार 80 प्रतिशत अनुदान दे रही है. इसी तरह की करीब 31 योजनाओं में कृषि विभाग अनुदान उपलब्ध करवाता है. प्रोफेसर चंदेल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सबसे पहले प्राकृतिक खेती की शुरुआत तत्कालीन राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शुरू कराई थी. आज पूरे प्रदेश में किसान प्राकृतिक खेती में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

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