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प्रदेश सरकार ने केंद्र से आपदा से नुकसान में एसडीआरएफ के तहत राहत बढ़ाने की मांग- महेंद्र सिंह

भारी बारिश ओलावृष्टि और बाढ़ से किसानों को बड़ा नुकसान होता है. ऐसे में राज्य आपदा सहायता अनुदान (एसडीआरएफ) के तहत दी जाने वाली राहत राशि को बढ़ाने की हिमाचल सरकार ने केंद्र से मांग की है. जल शक्ति मंत्री ने कहा कि वर्तमान में आपदा राहत मैनुअल के तहत दी जाने वाली राशी नाकाफी है.

himachal budget session
बजट सत्र की कार्यवाही
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Published : Mar 10, 2022, 2:06 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में चल रही बजट सत्र की कार्यवाही (himachal budget session) में जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में आपदा राहत मैनुअल के तहत दी जाने वाली राशि नाकाफी है, जिसके लिए केंद्र सरकार से इसे बढ़ाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार से 13 अप्रैल 2021 को प्राकृतिक आपदा से नुकसान के लिए प्रदान की जा रही राहत राशि को बढ़ाने की मांग की है. एसडीआरएफ के तहत अब तक प्रदेश को 454 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. एसडीआरएफ की कुल राशि का 50 प्रतिशत कोरोना महामारी से बचाव व सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए और 10 प्रतिशत निर्माण के लिए रखी गई है.


जल शक्ति मंत्री चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि भारी बारिश ओलावृष्टि और बाढ़ से किसानों को बड़ा नुकसान होता है. 2013 में केदारनाथ आपदा के समय भी हिमाचल में भारी नुकसान हुआ था. इसके बाद 2014 और 2015 में भी भारी नुकसान हुआ था. प्रकृति से छेड़छाड़ के कारण इस तरह का नुकसान हुआ होता है. बीमा योजना की जहां तक बात है तो कंपनी को तीन प्रकार से राशि दी जाती है. एक केंद्र सरकार दूसरा प्रदेश सरकार और तीसरा किसान.

उन्होंने कहा कि किसान द्वारा दिये जा रहे शेयर के बराबर लाभ भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है. जोकि चिंता की बात है. महेंद्र सिंह ने कहा विधायक जगत सिंह नेगी द्वारा जो सीएसआर के पैसे की बात है तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह पैसा उसी प्रभावित क्षेत्र में मिले. राजस्व विभाग किसी भी प्रकार की सहायता राशि प्रदान नहीं करता. यह राशि केंद्र सरकार द्वारा जारी मानक के अनुसार दी जाती है.


इस वर्ष 1 अप्रैल 2021 से 31 जनवरी 2022 तक 1191 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. 1552 करोड़ का नुकसान साल 2021 के मानसून सीजन में हुआ था. इसके अलावा अप्रैल से अब तक 211 करोड़ की राहत किसानी और बागवानी को राज्य आपदा सहायता अनुदान (एसडीआरएफ) से दी गई है. उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार राशि प्राप्त होगी तो प्रभावितों को वितरित कर दी जाएगी.

प्रदेश सरकार फसलों को आपदा से होने वाले नुकसान पर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 200 रुपये की राशि प्रदान कर रही है. इसके अतिरिक्त कृषि भूमि को होने वाले 50 से 70 फीसदी नुकसान के लिए 300 रुपये प्रति हेक्टेयर जोकि अधिकतम 37500 रुपये है. 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान के लिए 70 हजार की अधिकतम कैपिंग रखी गई है. जयराम सरकार ने पॉलीहाउस को प्राकृतिक आपदा से नुकसान मैनुअल में शामिल किया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल बजट सत्र के दौरान बोले सीएम जयराम, कर्मचारियों को नियुक्ति की तिथि से नहीं मिलेगा वरिष्ठता का लाभ

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में चल रही बजट सत्र की कार्यवाही (himachal budget session) में जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में आपदा राहत मैनुअल के तहत दी जाने वाली राशि नाकाफी है, जिसके लिए केंद्र सरकार से इसे बढ़ाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार से 13 अप्रैल 2021 को प्राकृतिक आपदा से नुकसान के लिए प्रदान की जा रही राहत राशि को बढ़ाने की मांग की है. एसडीआरएफ के तहत अब तक प्रदेश को 454 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. एसडीआरएफ की कुल राशि का 50 प्रतिशत कोरोना महामारी से बचाव व सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए और 10 प्रतिशत निर्माण के लिए रखी गई है.


जल शक्ति मंत्री चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि भारी बारिश ओलावृष्टि और बाढ़ से किसानों को बड़ा नुकसान होता है. 2013 में केदारनाथ आपदा के समय भी हिमाचल में भारी नुकसान हुआ था. इसके बाद 2014 और 2015 में भी भारी नुकसान हुआ था. प्रकृति से छेड़छाड़ के कारण इस तरह का नुकसान हुआ होता है. बीमा योजना की जहां तक बात है तो कंपनी को तीन प्रकार से राशि दी जाती है. एक केंद्र सरकार दूसरा प्रदेश सरकार और तीसरा किसान.

उन्होंने कहा कि किसान द्वारा दिये जा रहे शेयर के बराबर लाभ भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है. जोकि चिंता की बात है. महेंद्र सिंह ने कहा विधायक जगत सिंह नेगी द्वारा जो सीएसआर के पैसे की बात है तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह पैसा उसी प्रभावित क्षेत्र में मिले. राजस्व विभाग किसी भी प्रकार की सहायता राशि प्रदान नहीं करता. यह राशि केंद्र सरकार द्वारा जारी मानक के अनुसार दी जाती है.


इस वर्ष 1 अप्रैल 2021 से 31 जनवरी 2022 तक 1191 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. 1552 करोड़ का नुकसान साल 2021 के मानसून सीजन में हुआ था. इसके अलावा अप्रैल से अब तक 211 करोड़ की राहत किसानी और बागवानी को राज्य आपदा सहायता अनुदान (एसडीआरएफ) से दी गई है. उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार राशि प्राप्त होगी तो प्रभावितों को वितरित कर दी जाएगी.

प्रदेश सरकार फसलों को आपदा से होने वाले नुकसान पर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 200 रुपये की राशि प्रदान कर रही है. इसके अतिरिक्त कृषि भूमि को होने वाले 50 से 70 फीसदी नुकसान के लिए 300 रुपये प्रति हेक्टेयर जोकि अधिकतम 37500 रुपये है. 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान के लिए 70 हजार की अधिकतम कैपिंग रखी गई है. जयराम सरकार ने पॉलीहाउस को प्राकृतिक आपदा से नुकसान मैनुअल में शामिल किया है.

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