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कांग्रेस ने लोक सेवा आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति पर उठाए सवाल, SC की गाइडलाइंस का बताया उल्लंघन

हिमाचल लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना (Himachal Public Service Commission) साधा है. कांग्रेस ने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन करने के आरोप लगाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियों को लेकर गाइडलाइन का सीधा उल्लंघन (Himachal Congress on HPPSC chairman appointment) किया है. पढ़ें पूरी खबर...

हिमाचल लोकसेवा आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति
हिमाचल लोकसेवा आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति
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Published : Sep 21, 2022, 6:17 PM IST

शिमला: हिमाचल लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना (Himachal Public Service Commission) साधा है. कांग्रेस ने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन करने के आरोप लगाए हैं. शिमला कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता कर कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के चेयरमैन आईएन मेहता ने कहा कि सरकार ने लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का सीधा उल्लंघन (Himachal Congress on HPPSC chairman appointment) किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2013 को स्टेट आफ पंजाब वर्सेस सलिल सब्लोक केस में लोक सेवा आयोग में नियुक्तियों से संबंधित गाइडलाइंस जारी की थी. इसमें साफ किया गया था कि संविधान के आर्टिकल 316 के तहत ही चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियां होनी चाहिए. लेकिन जयराम सरकार इन गाइडलाइंस को दरनिकार किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पलहे तो लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और तीन सदस्यों की नियुक्ति को लेकर रातों रात अधिसूचना कर (HPPSC chairman appointment) डाली. जिसका शपथ कार्यक्रम अगली सुबह तय किया गया था. लेकिन बाद में शपथ ग्रहण कार्यक्रम रद्द करना पड़ा और सभी नियुक्तियों को भी रद्द किया गया.

कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के चेयरमैन आईएन मैहता.

इसके बाद सरकार ने चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तयों को लेकर नई अधिसूचना जारी की. मेहता ने सरकार से सवाल किया कि चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तयों के लिए कितने आवेदन आए थे और इसके लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई, सरकार इसका ब्योरा दे. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी क्या जरूरत पड़ी कि लोक सेवा आयोग में नियुक्तियां आनन-फानन में करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जो कि एचएसएस, एसपीएस, डाक्टर्स, इंजीनियर्स जैसे क्लास वन अधिकारियों की नियुक्तियां करता है. ऐसे संस्थान के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियां आनन फानन में करना प्रदेश के पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं के साथ भद्दा मजाक है. जिसका सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए.

जयराम की अफसरों पर नहीं कोई पकड़: आईएन मेहता (Himachal Congress Legal Department) ने कहा कि जयराम सरकार की अधिकारियों पर कोई पकड़ नहीं है. इसलिए सरकार आए दिन अधिकारियों को बदल रही है. हालात यह है कि सरकार ने मुख्य सचिव स्तर के तीन अफसरों को बिना कामकाज के सलाहकार लगा रखा है. जूनियर अफसर को मुख्य सचिव लगाने का विरोध सीनियर आईएएस अधिकारी खुलकर कर चुके हैं. एक सीनियर अधिकारी ने तो राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठाए थे.

सरकारी खजाने का हो रहा दुरुपयोग: आईएन मेहता ने कहा कि जयराम ठाकुर सरकारी खजाने का दुरुपयोग कर अधिकारियों की मौज करवा रहे हैं. सरकार द्वारा दिल्ली में सीनियर आईएएस अधिकारियों को बंगले और अन्य सुविधाएं दी गई हैं. जबकि उनको हिमाचल में महकमे में दिए गए हैं. जनता का पैसा इन अधिकारियों पर फिजूल में उड़ाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में गरमाती सियासत के बीच सोनिया गांधी से मिले धनीराम शांडिल, कांग्रेस मेनिफेस्टो पर हुई चर्चा

शिमला: हिमाचल लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना (Himachal Public Service Commission) साधा है. कांग्रेस ने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन करने के आरोप लगाए हैं. शिमला कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता कर कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के चेयरमैन आईएन मेहता ने कहा कि सरकार ने लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का सीधा उल्लंघन (Himachal Congress on HPPSC chairman appointment) किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2013 को स्टेट आफ पंजाब वर्सेस सलिल सब्लोक केस में लोक सेवा आयोग में नियुक्तियों से संबंधित गाइडलाइंस जारी की थी. इसमें साफ किया गया था कि संविधान के आर्टिकल 316 के तहत ही चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियां होनी चाहिए. लेकिन जयराम सरकार इन गाइडलाइंस को दरनिकार किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पलहे तो लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और तीन सदस्यों की नियुक्ति को लेकर रातों रात अधिसूचना कर (HPPSC chairman appointment) डाली. जिसका शपथ कार्यक्रम अगली सुबह तय किया गया था. लेकिन बाद में शपथ ग्रहण कार्यक्रम रद्द करना पड़ा और सभी नियुक्तियों को भी रद्द किया गया.

कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के चेयरमैन आईएन मैहता.

इसके बाद सरकार ने चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तयों को लेकर नई अधिसूचना जारी की. मेहता ने सरकार से सवाल किया कि चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तयों के लिए कितने आवेदन आए थे और इसके लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई, सरकार इसका ब्योरा दे. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी क्या जरूरत पड़ी कि लोक सेवा आयोग में नियुक्तियां आनन-फानन में करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जो कि एचएसएस, एसपीएस, डाक्टर्स, इंजीनियर्स जैसे क्लास वन अधिकारियों की नियुक्तियां करता है. ऐसे संस्थान के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियां आनन फानन में करना प्रदेश के पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं के साथ भद्दा मजाक है. जिसका सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए.

जयराम की अफसरों पर नहीं कोई पकड़: आईएन मेहता (Himachal Congress Legal Department) ने कहा कि जयराम सरकार की अधिकारियों पर कोई पकड़ नहीं है. इसलिए सरकार आए दिन अधिकारियों को बदल रही है. हालात यह है कि सरकार ने मुख्य सचिव स्तर के तीन अफसरों को बिना कामकाज के सलाहकार लगा रखा है. जूनियर अफसर को मुख्य सचिव लगाने का विरोध सीनियर आईएएस अधिकारी खुलकर कर चुके हैं. एक सीनियर अधिकारी ने तो राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठाए थे.

सरकारी खजाने का हो रहा दुरुपयोग: आईएन मेहता ने कहा कि जयराम ठाकुर सरकारी खजाने का दुरुपयोग कर अधिकारियों की मौज करवा रहे हैं. सरकार द्वारा दिल्ली में सीनियर आईएएस अधिकारियों को बंगले और अन्य सुविधाएं दी गई हैं. जबकि उनको हिमाचल में महकमे में दिए गए हैं. जनता का पैसा इन अधिकारियों पर फिजूल में उड़ाया जा रहा है.

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