शिमला: पद्मश्री मिलने के बाद कंगना रनौत द्वारा 2014 में असल में आजादी मिलने के बयान पर बवाल खड़ा हो गया है. युवा कांग्रेस ने कंगना रनौत को देश से माफी मांगने की मांग की है. युवा कांग्रेस का कहना है कि कंगना के इस बयान से साफ होता है कि उन्हें योग्यता के आधार पर पद्मश्री नहीं मिला है. यूथ कांग्रेस प्रदेश सोशल मीडिया संयोजक (Youth Congress State Social Media Coordinator) जयवर्धन खुराना ने कहा कि कंगना को इतिहास की जानकारी नहीं है और वे काफी समय से अनाप शनाप बयानबाजी करती हैं.
जयवर्धन खुराना ने कहा कि इस तरह का बयान देकर उन्होंने देश ही बल्कि देश को आजादी दिलाने वाले महान विभूतियों का भी अपमान किया है. उन्होंने कहा कि देश में आजादी के बाद ही संविधान लागू हुआ था और उसी के तहत पद्मश्री दिया जाता है. ऐसे में उन्हें अपना पद्मश्री सम्मान वापस कर देना चाहिए. साथ ही उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) से भी सवाल करते हुए है कि कंगना रणौत बीजेपी की प्रवक्ता के तौर पर बयानबाजी करती हैं और 2014 से पहले भी देश में बीजेपी के प्रधानमंत्री रहे हैं तो क्या वे भी गुलाम देश के ही प्रधानमंत्री थे. इसके बारे में जेपी नड्डा को देश की जनता को बनाता चाहिए उन्होंने कहा कि कंगना को अपने इस बयान से देश का अपमान किया है तो उन्हें इसके लिए सार्वजनिक रूप सें माफी मांगनी चाहिए.
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किरण धांटा ने कहा कि हम महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, राज गुरु जैसे महानायकों के बलिदान को भूल नहीं सकते हैं. उन्होंने कहा अभिनेत्री को चाटूकारिता का पाठ पढ़ने के साथ-साथ भारत के वीर जवानों की वीर गाथाओं का भी पाठ पढ़ना चाहिए. भारत ने आजादी अंग्रजी हुकूमत से ली है न कि अपने देश वासियों से. इसके साथ ही उन्होंने कहा परन्तु आज भाजपा सरकार और भाजपा के चाटुकार भारत के नागरिकों की संवेदना और उनके प्रति जिम्मेदारियों से जरूर आजादी ले रहे हैं.
किरण धांटा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देश का हर नागरिक महंगाई, बेरोजगारी की चपेट में है और यहां तक की अपने हक के लिए सड़कों में बैठा है. उन्होंने अभनेत्री कंगना रनौत से पूछा है कि 'क्या आप 2014 के बाद भाजपा के सत्ता में आने के बाद भाजपा द्वारा जनता की जfम्मेदारियों से मुंह मोड़ने को आजादी कह रहे हैं. यदि सत्तासीन सरकार की इस आजादी को आप असली आजादी कहते हैं तो देश की जनता इस आजादी को नहीं चाहते हैं.'
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