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बजट सत्र: हिमाचल में पहली बार राज्यपाल ने पढ़ा ई-अभिभाषण, गिनाई सरकार की उपलब्धियां

देश की पहली ई-विधानसभा हिमाचल प्रदेश के गौरवपूर्ण अध्याय में बुधवार को एक और पन्ना जुड़ गया. ई-विधान के बाद ई-बजट के बाद अब हिमाचल में पहली बार राज्यपाल का अभिभाषण भी पेपरलेस रहा. जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का इस कार्यकाल का ये (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) आखिरी बजट सत्र है.

himachal assembly budget session
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
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Published : Feb 23, 2022, 8:11 PM IST

शिमला: देश की पहली ई-विधानसभा हिमाचल प्रदेश के गौरवपूर्ण अध्याय में बुधवार को एक और पन्ना जुड़ गया. ई-विधान के बाद ई-बजट के बाद अब हिमाचल में पहली बार राज्यपाल का अभिभाषण भी पेपरलेस रहा. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने लैपटॉप के जरिए ई-विधान प्रणाली में अपना अभिभाषण पढ़ा. हालांकि राज्यपाल के लिए बजट अभिभाषण की प्रिंटिड कॉपी भी साथ लाई गई थी, लेकिन उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से ही अपना अभिभाषण पढ़ा.

जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का इस कार्यकाल का ये (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) आखिरी बजट सत्र है. इस बजट सत्र के पहले ही दिन वॉकआउट देखने को मिला. परंपरा के अनुसार बजट सत्र में पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होता है. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर का अभिभाषण शुरू हुए करीब चालीस मिनट ही हुए थे कि विपक्ष के बैंचों में हलचल हुई.

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री अपनी सीट से उठे (himachal assembly budget session) और कहने लगे कि वे राज्यपाल का सम्मान करते हैं, लेकिन ये अभिभाषण झूठ का पिटारा है. उसके बाद नारेबाजी करते हुए विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर चले गए. राज्यपाल ने कुल एक घंटा चालीस मिनट में अपना अभिभाषण पूरा किया.

अभिभाषण में राज्यपाल ने कोरोना काल में सरकार के प्रयासों का विस्तार से उल्लेख किया और बताया कि कैसे कोविड टीकाकरण में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना. राज्यपाल के अभिभाषण में किसानों की आय दोगुनी करने, रोजगार मुहैया करवाने, प्रदेश में रासायनिक खादों से मुक्त खेती को बढ़ावा देने के साथ साथ सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र, स्वास्थ्य, पूर्व सैनिकों व समाज के अन्य वर्गों के कल्याण से जुड़ी बातें थीं.

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना व आत्म निर्भर भारत योजना के साथ साथ केंद्र सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जरूरतमंदों को दी जा रही सहायता के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया. राज्यपाल ने सेवा और सिद्धि के, चार साल समृद्धि के, स्लोगन का जिक्र किया और कहा कि हिमाचल सरकार ने अब तक के कार्यकाल में प्रदेश को नए शिखर पर पहुंचाने का प्रयास किया है. वहीं, कांग्रेस ने इस अभिभाषण को झूठ का पिटारा कहा. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चार साल सेवा और समृद्धि नहीं बल्कि नाकामी और बर्बादी के हैं.

अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि सरकार चोर दरवाजे से भर्ती का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि आज किसानों-बागवानों को खाद नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि शराब माफिया सक्रिय है. राज्य में शराब ठेकों की नीलामी नहीं हुई. वहीं, सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार द्वारा बीते चार सालों में प्रदेश में किए गए विकास कार्यों की झलक है.

उन्होंने अभिभाषण को लेकर विपक्ष के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और चुनौती दी कि विपक्ष राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पिटारा साबित करे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के लिए मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रही है.

ये भी पढ़ें- सामान्य वर्ग आयोग को लेकर अधिसूचना जारी, अध्यक्ष के साथ दो सदस्य रहेंगे, एक साल होगा कमीशन का कार्यकाल

शिमला: देश की पहली ई-विधानसभा हिमाचल प्रदेश के गौरवपूर्ण अध्याय में बुधवार को एक और पन्ना जुड़ गया. ई-विधान के बाद ई-बजट के बाद अब हिमाचल में पहली बार राज्यपाल का अभिभाषण भी पेपरलेस रहा. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने लैपटॉप के जरिए ई-विधान प्रणाली में अपना अभिभाषण पढ़ा. हालांकि राज्यपाल के लिए बजट अभिभाषण की प्रिंटिड कॉपी भी साथ लाई गई थी, लेकिन उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से ही अपना अभिभाषण पढ़ा.

जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का इस कार्यकाल का ये (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) आखिरी बजट सत्र है. इस बजट सत्र के पहले ही दिन वॉकआउट देखने को मिला. परंपरा के अनुसार बजट सत्र में पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होता है. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर का अभिभाषण शुरू हुए करीब चालीस मिनट ही हुए थे कि विपक्ष के बैंचों में हलचल हुई.

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री अपनी सीट से उठे (himachal assembly budget session) और कहने लगे कि वे राज्यपाल का सम्मान करते हैं, लेकिन ये अभिभाषण झूठ का पिटारा है. उसके बाद नारेबाजी करते हुए विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर चले गए. राज्यपाल ने कुल एक घंटा चालीस मिनट में अपना अभिभाषण पूरा किया.

अभिभाषण में राज्यपाल ने कोरोना काल में सरकार के प्रयासों का विस्तार से उल्लेख किया और बताया कि कैसे कोविड टीकाकरण में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना. राज्यपाल के अभिभाषण में किसानों की आय दोगुनी करने, रोजगार मुहैया करवाने, प्रदेश में रासायनिक खादों से मुक्त खेती को बढ़ावा देने के साथ साथ सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र, स्वास्थ्य, पूर्व सैनिकों व समाज के अन्य वर्गों के कल्याण से जुड़ी बातें थीं.

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना व आत्म निर्भर भारत योजना के साथ साथ केंद्र सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जरूरतमंदों को दी जा रही सहायता के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया. राज्यपाल ने सेवा और सिद्धि के, चार साल समृद्धि के, स्लोगन का जिक्र किया और कहा कि हिमाचल सरकार ने अब तक के कार्यकाल में प्रदेश को नए शिखर पर पहुंचाने का प्रयास किया है. वहीं, कांग्रेस ने इस अभिभाषण को झूठ का पिटारा कहा. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चार साल सेवा और समृद्धि नहीं बल्कि नाकामी और बर्बादी के हैं.

अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि सरकार चोर दरवाजे से भर्ती का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि आज किसानों-बागवानों को खाद नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि शराब माफिया सक्रिय है. राज्य में शराब ठेकों की नीलामी नहीं हुई. वहीं, सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार द्वारा बीते चार सालों में प्रदेश में किए गए विकास कार्यों की झलक है.

उन्होंने अभिभाषण को लेकर विपक्ष के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और चुनौती दी कि विपक्ष राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पिटारा साबित करे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के लिए मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रही है.

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