शिमला : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एक माह के भीतर परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण यानी ट्रांसपोर्ट एफिलिएट ट्रिब्यूनल ( Transport Appellate Tribunal in Himachal) स्थापित करने के आदेश (Himachal High Court order to government) जारी किए. हाईकोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि न्यायालय द्वारा बार-बार पारित किए गए आदेशों के बावजूद राज्य सरकार ने अभी तक एक स्वतंत्र राज्य परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण स्थापित करने का कोई निर्णय नहीं लिया.
अदालत ने राज्य सरकार के आचरण पर हैरानी प्रकट की और कहा कि पिछले चार साल से इस मामले को बेवजह टाला जा रहा. न्यायालय ने कहा कि कानून सचिव ट्रिब्यूनल के अर्ध न्यायिक कार्यों का निर्वहन नहीं कर सकते हैं, उनके लिए राज्य के कानून सचिव के रूप में काम करते हुए ट्रिब्यूनल की अध्यक्षता करना कठिन हो रहा है. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश सबीना की खंडपीठ ने व्यवस्था दी कि राज्य सरकार के लिए कानूनन यह जरूरी है कि वह हिमाचल प्रदेश राज्य के लिए कार्य भार के आधार पर ट्रिब्यूनल के गठन को अधिसूचित करे.
कोर्ट ने आदेश दिए कि ट्रिब्यूनल का गठन करने के साथ भवन और आवश्यक कर्मचारियों सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाए और ट्रिब्यूनल में पीठासीन अधिकारी के रूप में किसे तैनात किया जाना चाहिए और क्या ट्रिब्यूनल के एक पीठासीन अधिकारी को दूसरे ट्रिब्यूनल का अतिरिक्त प्रभार दिया जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि प्रशासनिक तौर पर उच्च न्यायालय के परामर्श से राज्य सरकार द्वारा ट्रिब्यूनल के गठन बाबत निर्णय लिया जाएगा. प्रदेश उच्च न्यायालय ने ट्रिब्यूनल के गठन से जुड़ी सारी प्रक्रिया पूरी करने के एक महीने की अवधि के भीतर ट्रिब्यूनल के गठन के आदेश जारी किए. आदेशों की अनुपालना के लिए मामले को 25 फरवरी 2022 को सूचीबद्ध किया जाए.
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