शिमला: हाईकोर्ट के समक्ष मानव भारती विश्विद्यालय के प्रभवित छात्रों को परीक्षा प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज मुहैया करवाने के आग्रह से जुड़े मामले में सुनवाई 1 अगस्त तक के लिए टल (Hearing in Himachal High Court on August 1) गई है. मानव भारती विश्वविद्यालय के खिलाफ फर्जी डिग्री घोटाले को लेकर चल रही जांच से प्रभावित कुछ छात्रों ने प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था. जिसे मुख्य न्यायाधीश एए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने जनहित याचिका स्वीकार करते हुए प्रधान सचिव शिक्षा, पुलिस महानिरीक्षक व मानव भारती विश्वविद्यालय को नोटिस जारी करने के पश्चात जवाब तलब किया था.
26 छात्रों ने लगाया आरोप: याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में अलग अलग वर्ग के लगभग 26 छात्रों द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि मानव भारती विश्वविद्यालय द्वारा बरती कथित अनियमितताओं के चलते उनका भविष्य धूमिल हो रहा, क्योंकि उन्होंने वर्ष 2019, 2020 और 2021 में जो परीक्षाएं उत्तीर्ण की उनसे संबंधित उन्हें मानव भारती की ओर से प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए.
रिकार्ड एसआईटी के पास: जब छात्रों ने इस संबंध में मानव भारती विश्वविद्यालय से पूछा तो उन्हें यह बताया गया कि मानव भारती विश्वविद्यालय के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने के चलते विश्वविद्यालय का तमाम रिकॉर्ड एसआईटी के पास चला गया और वह उनको उनकी परीक्षाओं से जुड़े प्रमाण पत्र जारी करने में असफल है. मानव भारती की तरफ से प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष दाखिल किए गए जवाब में भी यह आग्रह किया गया है कि पुलिस को निर्देश दिया जाए कि वह इस मामले से संबंधित जांच को जल्द पूरा करें ताकि, संबंधित छात्रों को उनकी डिग्री, मार्कशीट और माइग्रेशन सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेज समय पर जारी किए जा सके.