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बरसात से पहले ही स्क्रब टाइफस को लेकर सतर्क हुआ स्वास्थ्य विभाग

स्वास्थ्य विभाग ने बरसात के दिनों में स्क्रब टाइफस से बचने के लिए लोगों को विशेष हिदायतें देनी भी शुरू कर दी हैं. विभाग ने स्क्रब टाइफस से निपटने के लिए सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं.

scrub typhus in Shimla
दीन दयाल अस्पताल शिमला
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Published : Feb 18, 2020, 1:34 PM IST

शिमला: स्वास्थ्य विभाग बरसात का मौसम आने से पहले ही स्क्रब टाइफस को लेकर सतर्क हो गया है. विभाग ने बरसात के दिनों में स्क्रब टाइफस से बचने के लिए लोगों को विशेष हिदायतें देनी भी शुरू कर दी हैं.

विभाग ने स्क्रब टाइफस से निपटने के लिए सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला डॉ. जितेंद्र चौहान ने बताया कि पिछले साल 2019 में भी शिमला जिले में स्क्रब टाइफस के 73 मामले सामने आए थे जिनमें चार लोगों की मौत हुई थी.

वीडियो रिपोर्ट

डॉ. जितेंद्र चौहान ने बताया कि स्क्रब टाइफस जीवाणु से संक्रमित पिस्सु के काटने से फैलता है. ये बरसात के दिनों में खेतों और झाड़ियों में लंबी घास में रहने वाले चूहों से पनपता है. यह जीवाणु हाथों या पैरों में चिपक कर त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है. इससे स्क्रब टाइफस बुखार पैदा होता है.

उन्होंने बताया कि जिला के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्क्रब टाइफस की जांच और दवाइयां नि:शुल्क दी जाती हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का तेज बुखार होने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार करवाएं.

स्क्रब टाइफस के लक्षण

  • तेज बुखार जो 104 से 105 डिग्री तक हो सकता है
  • जोड़ों में दर्द व कंपकंपी के साथ बुखार
  • शरीर में ऐंठन, अकडऩ या शरीर टूटा हुआ लगना
  • अधिक संक्रमण में गर्दन व कूल्हों के ऊपर गिल्टियां होना

सावधानी

  • शरीर को कपड़ों से पूरा ढककर रखें
  • शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें
  • घर के चारों ओर घास व खरपतवार न उगने दें
  • घर के आसपास सजावट के लिए लगे पौधों पर कीटनाशक छिड़कें
  • बुखार के लक्षण होते ही स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें

ये भी पढ़ें: चिट्टे के साथ दो युवक गिरफ्तार, मामला दर्जकर जांच में जुटी पुलिस

शिमला: स्वास्थ्य विभाग बरसात का मौसम आने से पहले ही स्क्रब टाइफस को लेकर सतर्क हो गया है. विभाग ने बरसात के दिनों में स्क्रब टाइफस से बचने के लिए लोगों को विशेष हिदायतें देनी भी शुरू कर दी हैं.

विभाग ने स्क्रब टाइफस से निपटने के लिए सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला डॉ. जितेंद्र चौहान ने बताया कि पिछले साल 2019 में भी शिमला जिले में स्क्रब टाइफस के 73 मामले सामने आए थे जिनमें चार लोगों की मौत हुई थी.

वीडियो रिपोर्ट

डॉ. जितेंद्र चौहान ने बताया कि स्क्रब टाइफस जीवाणु से संक्रमित पिस्सु के काटने से फैलता है. ये बरसात के दिनों में खेतों और झाड़ियों में लंबी घास में रहने वाले चूहों से पनपता है. यह जीवाणु हाथों या पैरों में चिपक कर त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है. इससे स्क्रब टाइफस बुखार पैदा होता है.

उन्होंने बताया कि जिला के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्क्रब टाइफस की जांच और दवाइयां नि:शुल्क दी जाती हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का तेज बुखार होने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार करवाएं.

स्क्रब टाइफस के लक्षण

  • तेज बुखार जो 104 से 105 डिग्री तक हो सकता है
  • जोड़ों में दर्द व कंपकंपी के साथ बुखार
  • शरीर में ऐंठन, अकडऩ या शरीर टूटा हुआ लगना
  • अधिक संक्रमण में गर्दन व कूल्हों के ऊपर गिल्टियां होना

सावधानी

  • शरीर को कपड़ों से पूरा ढककर रखें
  • शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें
  • घर के चारों ओर घास व खरपतवार न उगने दें
  • घर के आसपास सजावट के लिए लगे पौधों पर कीटनाशक छिड़कें
  • बुखार के लक्षण होते ही स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें

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