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नियमित पे स्केल पर आर-पार की होगी लड़ाई, स्वास्थ्य अनुबंध कर्मियों की सरकार को चेतावनी - Demands of Health workers in Himachal

एनएचएम अनुबंध कर्मचारी संघ ने सरकार से नियमित पे स्केल दिए जाने की मांग उठाई (Health contract workers of Himachal) है. संघ ने सरकार को मांगें न माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. संघ का कहना है कि वे 24 सालों दिन रात सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है. ऐसे में जल्द उनकी मांगों को पूरा किया जाए. पढ़ें पूरी खबर...

एनएचएम अनुबंध कर्मचारी संघ
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Published : Jul 22, 2022, 9:29 AM IST

शिमला: राज्य स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) अनुबंध कर्मचारी संघ ने सरकार से नियमित पे स्केल देने की मांग की (Health contract workers of Himachal ) है. संघ ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को अल्टीमेटम भी दिया है. संघ के अध्यक्ष अमीन चंद शर्मा ने वीरवार को शिमला में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि अगर सरकार 24 दिन के भीतर उन्हें नियमित करने और नियमित पे स्केल देने पर फैसला नहीं लेती है तो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा.

राज्य स्वास्थ्य समिति अनुबंध कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमीन चंद शर्मा ने बताया कि पूरे प्रदेश में 24 सालों से डॉक्टर, नर्सेज, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट, ऑफिस स्टाफ दिन रात सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन आईजीएमसी और टांडा में कार्यरत 13 कर्मियों को ही नियमित पे स्केल मिल रहा है. इसके अलावा बाकियों को कुछ नहीं मिल रहा. उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों ने संकट की घड़ी में सरकार के लिए सेवाएं दी हैं. बावजूद इसके उनकी जायज मांगों को नहीं माना जा रहा है और उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है.

उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि सरकार केवल आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ रही है. संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कोई उचित निर्णय नहीं लिया गया तो संघ को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा. जिसकी सारी जिम्मेदारी केवल सरकार की होगी. उन्होंने कहा कि हम उस सरकार का ही साथ देंगे जो हमारे लिए नीति बनाएगी और हमारी मांगें पूरी करेगी. उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि वे कई बार अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों से मिल (Demands of Health workers in Himachal) चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि 2016 में तत्कालीन सरकार द्वारा मंत्रिमंडल के फैसले से कर्मियों को नियमित पे स्केल दिया जाने की अधिसूचना जारी की थी. लेकिन वो फैसला हम पर लागू नहीं किया गया. ऐसे में उनकी मांग है कि उसी अधिसूचना को आधार बनाकर शेष बचे कर्मचारियों को भी यह सुविधा दी जाए.

शिमला: राज्य स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) अनुबंध कर्मचारी संघ ने सरकार से नियमित पे स्केल देने की मांग की (Health contract workers of Himachal ) है. संघ ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को अल्टीमेटम भी दिया है. संघ के अध्यक्ष अमीन चंद शर्मा ने वीरवार को शिमला में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि अगर सरकार 24 दिन के भीतर उन्हें नियमित करने और नियमित पे स्केल देने पर फैसला नहीं लेती है तो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा.

राज्य स्वास्थ्य समिति अनुबंध कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमीन चंद शर्मा ने बताया कि पूरे प्रदेश में 24 सालों से डॉक्टर, नर्सेज, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट, ऑफिस स्टाफ दिन रात सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन आईजीएमसी और टांडा में कार्यरत 13 कर्मियों को ही नियमित पे स्केल मिल रहा है. इसके अलावा बाकियों को कुछ नहीं मिल रहा. उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों ने संकट की घड़ी में सरकार के लिए सेवाएं दी हैं. बावजूद इसके उनकी जायज मांगों को नहीं माना जा रहा है और उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है.

उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि सरकार केवल आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ रही है. संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कोई उचित निर्णय नहीं लिया गया तो संघ को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा. जिसकी सारी जिम्मेदारी केवल सरकार की होगी. उन्होंने कहा कि हम उस सरकार का ही साथ देंगे जो हमारे लिए नीति बनाएगी और हमारी मांगें पूरी करेगी. उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि वे कई बार अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों से मिल (Demands of Health workers in Himachal) चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि 2016 में तत्कालीन सरकार द्वारा मंत्रिमंडल के फैसले से कर्मियों को नियमित पे स्केल दिया जाने की अधिसूचना जारी की थी. लेकिन वो फैसला हम पर लागू नहीं किया गया. ऐसे में उनकी मांग है कि उसी अधिसूचना को आधार बनाकर शेष बचे कर्मचारियों को भी यह सुविधा दी जाए.

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