शिमला: सिरमौर के गिरीपार को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिलवाने को लेकर 11 मार्च को शिमला विधानसभा का घेराव हाटी समुदाय ने फिलहाल स्थगित कर दिया है. शनिवार को केंद्रीय हाटी समिति और शिमला हाटी विकास मंच के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) से विधानसभा में मिले और गरीबों को जनजातीय क्षेत्र का देने को लेकर बातचीत की.
जिस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाटी समुदाय के प्रतिनिधियों को (Hati Community Sirmaur Himachal) इस मामले को लेकर केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया. जिसके बाद फिलहाल हाटी समुदाय के लोगों ने विधानसभा घेराव करने का फैसला फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है.
हालांकि गिरीपार में खुमडी का आयोजन चलता रहेगा. यही नहीं हाटी समुदाय के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को साफ कर दिया कि यदि जल्द से जल्द इसको लेकर फैसला नहीं लिया जाता है तो दोबारा से उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष कमल चंद ने कहा कि गिरीपार को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिलवाने के लिए पिछले 50 सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि उत्तराखंड का क्षेत्र जो सिरमौर के साथ लगता है वह जनजातीय काफी पहले ही घोषित हो गया है, बावजूद इसके हिमाचल के सिरमौर के गिरिपार जनजातीय क्षेत्र का दर्जा नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते सभी सुविधाओं से महरूम रह रहे हैं.
जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिलवाने के लिए 11 मार्च को विधानसभा (Tribal status to Hati community) का घेराव करने का कार्यक्रम रखा गया था, लेकिन आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इसको लेकर वार्ता हुई है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को मंत्रालय के समक्ष उठाएंगे और जल्द ही सिरमौर के क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिलवाने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से हुई वार्ता के बाद फिलहाल के लिए विधानसभा का घेराव करने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है.
वहीं, शिमला हाटी समुदाय समिति के मीडिया सलाहकार रमेश सिंह ने कहा कि गिरीपार को हाटी समुदाय (Giripar area of sirmaur) का दर्जा दिलाने की लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं और जगह-जगह खुमडी का आयोजन किया जा रहा है. इस मांग को लेकर 11 मार्च को विधानसभा का घेराव करने का ऐलान कर दिया था, लेकिन आज मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया. जिसके बाद फिलहाल के लिए विधानसभा का घेराव स्थगित किया गया और यदि प्रदेश सरकार इसको लेकर कोई प्रयास नहीं करती तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
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