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हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा, सिरमौर में BJP को पांचों सीटों पर जीत की उम्मीद

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Published : Sep 14, 2022, 7:43 PM IST

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सिरमौर जिले के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल (Scheduled Tribe status to Hati community ) करने को हरी झंडी दे दी है. मोदी कैबिनेट के इस फैसले के बाद हाटी समुदाय की दशकों पुरानी मांग पूरी हुई है. चुनावी साल में इसे भाजपा का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. वहीं, ETV भारत से खास बातचीत में बीजेपी पूर्व विधायक हाटी नेता बलदेव तोमर ने कहा कि इस फैसले से करीब तीन लाख लोग लाभान्वित होंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सिरमौर की जनता पांचों की पांचों सीटें इस बार भाजपा की झोली में डालेगी.

hati community leader baldev tomar
हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा

शिमला: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज दिल्ली में आयोजित बैठक में सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी क्षेत्र के लोगों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा (Tribal status to Giripar of Sirmaur) प्रदान करने की मंजूरी दे दी है. इस फैसले के बाद भाजपा नेताओं ने केंद्र सरकार और विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है. बीजेपी पूर्व विधायक हाटी नेता बलदेव तोमर (hati community leader baldev tomar) ने ETV भारत से खास बातचीत में कहा कि आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ट्रांसगिरी क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने को मंजूरी प्रदान की है. इसके लिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार.

सिरमौर में भाजपा को पांचों सीटों पर जीत की उम्मीद: बलदेव तोमर ने कहा कि गिरिपार की 154 पंचायतें इस क्षेत्र में पड़ती है. यूनियन कैबिनेट के इस फैसले से लगभग साढ़े तीन लाख लोगों को इसका सीधा लाभ मिलने वाला है. हाटी समुदाय में 14 जातियां रजिस्टर्ड हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति में इसका बहुत बड़ा लाभ भाजपा को मिलेगा. उन्होंने कहा कि जिस गंभीरता के साथ भाजपा सरकार ने इस मुद्दे को लिया है इसका लाभ विधानसभा चुनाव (Himachal Assembly Elections 2022) में भाजपा को मिलेगा. उन्होंने कहा कि सिरमौर जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा को जीत हासिल होगी.

बीजेपी पूर्व विधायक हाटी नेता बलदेव तोमर.

'बाहरी ताकतें कर रहीं स्थानीय लोगों को बरगलाने की कोशिश': उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश में कई बार कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन उन्होंने कभी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर ने हर मंच से कहा कि गिरिपार क्षेत्र में कभी कोई भेदभाव नहीं रहा है, लेकिन बाहर के कुछ लोग इस क्षेत्र के लोगों के बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं. बाहरी ताकतों स्थानीय लोगों को उकसाने का प्रयास किया है. बलदेव तोमर ने कहा कि सीएम लगातार मंच से कहते आ रहे हैं कि हाटी समुदाय के लोगों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे. उनके अधिकारों का कभी हनन नहीं होगा.

पांच दशक से अनुसूचित जनजाति दर्जा की मांग: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी क्षेत्र में रहने वाला हाटी समुदाय पांच दशक से अनुसूचित जनजाति का दर्जा मांग रहा था. उन्हीं, जैसी संस्कृति, परंपराओं और परस्पर संबंधों वाले जौनसार एवं बावर क्षेत्र के लोगों को 1967 में ही अनुसूचित जनजाति का दर्जा दे दिया गया था. प्रदेश सरकार ने मई 2005 में इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा, लेकिन यूपीए सरकार ने इसे खारिज कर दिया था. इसके बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने कुछ नहीं किया. हिमाचल में जब बीजेपी की सरकार आई और प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने तो फिर कोशिश शुरू की गई. अगस्त 2011 में हाटी समुदाय की संस्कृति और स्थिति पर नई रिपोर्ट बनाने का काम शुरू किया गया.

2018 में सीएम जयराम ने केंद्रीय गृह मंत्री के सामने उठाया था मुद्दा: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 4 अगस्त 2018 को केंद्रीय गृहमंत्री और केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री से ये विषय उठाया था. केंद्र से इस विषय पर ताजा एथनॉग्राफिक प्रस्ताव मांगा गया. एथनॉग्राफी का मतलब है किसी समुदाय के रहन-सहन, खान-पान, संस्कृति और परंपराओं का अध्ययन. हिमाचल सरकार ने नया एथनॉग्राफिक प्रस्ताव तैयार करके केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय को भेजा. मुख्यमंत्री ने एक बार फिर 10 मार्च 2022 को केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र भेजकर आग्रह किया कि रजिस्ट्रार ऑफ इंडिया को हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा (Scheduled Tribe status to Hati community) देने के प्रस्ताव पर विचार करने के निर्देश दें.

CM जयराम ने 11 मार्च 2022 को की थी गृह मंत्री से मुलाकात: मुख्यमंत्री ने इस संबंध में 11 मार्च 2022 को केंद्रीय गृहमंत्री से भेंट भी की. इसके बाद अप्रैल 2022 में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने ट्रांसगिरी क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की सहमति दे दी, और आज केंद्रीय कैबिनेट ने ट्रांसगिरी क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने को मंजूरी दे दी है. इस फैसले से करीब साढ़े तीन लाख लोग लाभान्वित होंगे. जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिलने से यहां के लोगों को विशेष योजनाओं का लाभ मिलेगा एवं अतिरिक्त फंड मिलेगा जिससे इस पिछड़े हुए क्षेत्र में विकास की रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लगातार इस मामले को फॉलो किया और हमारे केंद्रीय नेतृत्व ने रास्ता दिखाया कि इस राह में आ रही तकनीकी दिक्कतों को कैसे दूर करना है. ये दिखाता है कि हम जो भी वादा करते हैं, उसे पूरा करते हैं. मुश्किलें आती हैं तो उन्हें व्यावहारिक रूप से हल किया जाता है. भाजपा समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए कृतसंकल्प है.

सीएम ने केंद्र सरकार का जताया आभार: सीएम जयाम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश खासकर सिरमौर की जनता को दिए इस ऐतिहासिक तोहफे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा का भी हार्दिक आभार. लोग पूछते हैं कि डबल इंजन क्या है, यह है डबल इंजन लेकिन जब-जब राज्य और केंद्र में कांग्रेस की सरकारें थीं, तब-तब हिमाचल के हितों को नजरअंदाज किया गया. जनता जानती है कि उसके लिए कौन सही है और कौन गलत. इसलिए उसने तय कर लिया है कि इस बार रिवाज (BJP Mission Repeat in Himachal) बदलना है.

तीन लाख से अधिक की आबादी होगी लाभान्वित: मुख्यमंत्री ने ट्रांसगिरी क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ट्रांसगिरी क्षेत्र के लोगों को पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के लोगों के समान अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करने की चिर लम्बित मांग को पूरा किया है, क्योंकि इन क्षेत्रों की संस्कृति और भौगोलिक स्थिति एक-दूसरे से मिलती-जुलती है. उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक निर्णय से सिरमौर जिले की तीन लाख से अधिक की आबादी लाभान्वित होगी.

क्षेत्र के लोगों को मिलेगा उनका अधिकार: मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय क्षेत्र के लोगों की समृद्ध संस्कृति और परम्पराओं के संवर्द्धन और क्षेत्र के विकास को गति प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के पश्चात केन्द्रीय नेतृत्व के समक्ष इस मामले को प्रभावी ढंग से रखा था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) और अन्य केन्द्रीय नेतृत्व ने हाटी समुदाय के इस भावनात्मक मुद्दे में विशेष रूचि व्यक्त की थी. जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता की उचित मांगों को पूर्ण करने के लिए सदैव तत्पर है और इस मामले को केन्द्र सरकार के समक्ष प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया जिसके सार्थक परिणाम आज सामने आए हैं.

ये भी पढ़ें: हाटी समुदाय को ST का दर्जा, नाटियों पर झूम रहे लोग, देखें वीडियो

शिमला: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज दिल्ली में आयोजित बैठक में सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी क्षेत्र के लोगों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा (Tribal status to Giripar of Sirmaur) प्रदान करने की मंजूरी दे दी है. इस फैसले के बाद भाजपा नेताओं ने केंद्र सरकार और विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है. बीजेपी पूर्व विधायक हाटी नेता बलदेव तोमर (hati community leader baldev tomar) ने ETV भारत से खास बातचीत में कहा कि आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ट्रांसगिरी क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने को मंजूरी प्रदान की है. इसके लिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार.

सिरमौर में भाजपा को पांचों सीटों पर जीत की उम्मीद: बलदेव तोमर ने कहा कि गिरिपार की 154 पंचायतें इस क्षेत्र में पड़ती है. यूनियन कैबिनेट के इस फैसले से लगभग साढ़े तीन लाख लोगों को इसका सीधा लाभ मिलने वाला है. हाटी समुदाय में 14 जातियां रजिस्टर्ड हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति में इसका बहुत बड़ा लाभ भाजपा को मिलेगा. उन्होंने कहा कि जिस गंभीरता के साथ भाजपा सरकार ने इस मुद्दे को लिया है इसका लाभ विधानसभा चुनाव (Himachal Assembly Elections 2022) में भाजपा को मिलेगा. उन्होंने कहा कि सिरमौर जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा को जीत हासिल होगी.

बीजेपी पूर्व विधायक हाटी नेता बलदेव तोमर.

'बाहरी ताकतें कर रहीं स्थानीय लोगों को बरगलाने की कोशिश': उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश में कई बार कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन उन्होंने कभी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर ने हर मंच से कहा कि गिरिपार क्षेत्र में कभी कोई भेदभाव नहीं रहा है, लेकिन बाहर के कुछ लोग इस क्षेत्र के लोगों के बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं. बाहरी ताकतों स्थानीय लोगों को उकसाने का प्रयास किया है. बलदेव तोमर ने कहा कि सीएम लगातार मंच से कहते आ रहे हैं कि हाटी समुदाय के लोगों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे. उनके अधिकारों का कभी हनन नहीं होगा.

पांच दशक से अनुसूचित जनजाति दर्जा की मांग: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी क्षेत्र में रहने वाला हाटी समुदाय पांच दशक से अनुसूचित जनजाति का दर्जा मांग रहा था. उन्हीं, जैसी संस्कृति, परंपराओं और परस्पर संबंधों वाले जौनसार एवं बावर क्षेत्र के लोगों को 1967 में ही अनुसूचित जनजाति का दर्जा दे दिया गया था. प्रदेश सरकार ने मई 2005 में इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा, लेकिन यूपीए सरकार ने इसे खारिज कर दिया था. इसके बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने कुछ नहीं किया. हिमाचल में जब बीजेपी की सरकार आई और प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने तो फिर कोशिश शुरू की गई. अगस्त 2011 में हाटी समुदाय की संस्कृति और स्थिति पर नई रिपोर्ट बनाने का काम शुरू किया गया.

2018 में सीएम जयराम ने केंद्रीय गृह मंत्री के सामने उठाया था मुद्दा: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 4 अगस्त 2018 को केंद्रीय गृहमंत्री और केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री से ये विषय उठाया था. केंद्र से इस विषय पर ताजा एथनॉग्राफिक प्रस्ताव मांगा गया. एथनॉग्राफी का मतलब है किसी समुदाय के रहन-सहन, खान-पान, संस्कृति और परंपराओं का अध्ययन. हिमाचल सरकार ने नया एथनॉग्राफिक प्रस्ताव तैयार करके केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय को भेजा. मुख्यमंत्री ने एक बार फिर 10 मार्च 2022 को केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र भेजकर आग्रह किया कि रजिस्ट्रार ऑफ इंडिया को हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा (Scheduled Tribe status to Hati community) देने के प्रस्ताव पर विचार करने के निर्देश दें.

CM जयराम ने 11 मार्च 2022 को की थी गृह मंत्री से मुलाकात: मुख्यमंत्री ने इस संबंध में 11 मार्च 2022 को केंद्रीय गृहमंत्री से भेंट भी की. इसके बाद अप्रैल 2022 में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने ट्रांसगिरी क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की सहमति दे दी, और आज केंद्रीय कैबिनेट ने ट्रांसगिरी क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने को मंजूरी दे दी है. इस फैसले से करीब साढ़े तीन लाख लोग लाभान्वित होंगे. जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिलने से यहां के लोगों को विशेष योजनाओं का लाभ मिलेगा एवं अतिरिक्त फंड मिलेगा जिससे इस पिछड़े हुए क्षेत्र में विकास की रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लगातार इस मामले को फॉलो किया और हमारे केंद्रीय नेतृत्व ने रास्ता दिखाया कि इस राह में आ रही तकनीकी दिक्कतों को कैसे दूर करना है. ये दिखाता है कि हम जो भी वादा करते हैं, उसे पूरा करते हैं. मुश्किलें आती हैं तो उन्हें व्यावहारिक रूप से हल किया जाता है. भाजपा समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए कृतसंकल्प है.

सीएम ने केंद्र सरकार का जताया आभार: सीएम जयाम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश खासकर सिरमौर की जनता को दिए इस ऐतिहासिक तोहफे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा का भी हार्दिक आभार. लोग पूछते हैं कि डबल इंजन क्या है, यह है डबल इंजन लेकिन जब-जब राज्य और केंद्र में कांग्रेस की सरकारें थीं, तब-तब हिमाचल के हितों को नजरअंदाज किया गया. जनता जानती है कि उसके लिए कौन सही है और कौन गलत. इसलिए उसने तय कर लिया है कि इस बार रिवाज (BJP Mission Repeat in Himachal) बदलना है.

तीन लाख से अधिक की आबादी होगी लाभान्वित: मुख्यमंत्री ने ट्रांसगिरी क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ट्रांसगिरी क्षेत्र के लोगों को पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के लोगों के समान अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करने की चिर लम्बित मांग को पूरा किया है, क्योंकि इन क्षेत्रों की संस्कृति और भौगोलिक स्थिति एक-दूसरे से मिलती-जुलती है. उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक निर्णय से सिरमौर जिले की तीन लाख से अधिक की आबादी लाभान्वित होगी.

क्षेत्र के लोगों को मिलेगा उनका अधिकार: मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय क्षेत्र के लोगों की समृद्ध संस्कृति और परम्पराओं के संवर्द्धन और क्षेत्र के विकास को गति प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के पश्चात केन्द्रीय नेतृत्व के समक्ष इस मामले को प्रभावी ढंग से रखा था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) और अन्य केन्द्रीय नेतृत्व ने हाटी समुदाय के इस भावनात्मक मुद्दे में विशेष रूचि व्यक्त की थी. जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता की उचित मांगों को पूर्ण करने के लिए सदैव तत्पर है और इस मामले को केन्द्र सरकार के समक्ष प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया जिसके सार्थक परिणाम आज सामने आए हैं.

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