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हरदीप सिंह बाबा 5वीं बार बने हिमाचल इंटक अध्यक्ष, कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार स्वागत

हिमाचल प्रदेश इंटक अध्यक्ष के रूप में लगातार पांचवीं बार हरदीप सिंह बाबा को चुना गया है. अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस कार्यालय में हरदीप सिंह का कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. उन्होंने कहा कि मजूदरों के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा .

Hardeep Singh Baba
हरदीप सिंह बाबा.
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Published : Sep 12, 2021, 5:20 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश इंटक अध्यक्ष के रूप में एक बार फिर हरदीप सिंह बाबा को चुना गया है. रविवार को कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में इंटक के चुनाव आयोजित हुए जिसमें इंटक से संबंधित प्रदेश की 118 यूनियनों ने हिस्सा लिया. यह चुनाव राष्ट्रीय युवा इंटक अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय इंटक सचिव संजय गावा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए. इस दौरान सर्वसहमति से हिमाचल प्रदेश इंटक का अध्यक्ष हरदीप सिंह बाबा को चुना गया. अध्यक्ष पद मिलने के बाद कांग्रेस कार्यालय में हरदीप सिंह का फूल मालाएं पहना कर कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया.

चुनावों के बाद सर्वसहमति से प्रस्ताव पारित किए गए, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निजी भागीदारी न की जाए. तीनों कृषि कानुनों को वापस लिया जाए. चारों श्रम सुधार कानुनों को वापस लिया जाए. मनरेगा कामगारों की दिहाड़ी प्रति दिन 300 रुपये की जाए और मनरेगा कामगारों के कार्यदिवस 200 प्रति वर्ष की जाए. कम से कम मजदूरी 20,000 रुपये प्रतिमाह की जाए. न्यू पेंशन स्कीम को वापस लेकर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया जाए.

वीडियो.

प्रदेश में कार्य कर रही सभी आशा कार्यकर्ताओं को अनुबंध राजकीय अधिसूचना के तहत न्यूनतम वेतन दिया जाए. आशा वर्कर के काम के घंटे भी निर्धारित किए जाएं एवं साप्ताहिक अवकाश प्रदान करने के लिए नीति बनाई जाए. स्वास्थ्य विभाग में 102 और 108 एंबुलेंस कर्मचारियों को न्यायलय प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत कॉन्ट्रेच्युल वर्कर के लिए उनके कार्यस्थल के नजदीक ईएसआईसी की सुविधा प्रदान की जाए.

नवनियुक्त इंटक अध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह ने कहा कि उपरोक्त प्रस्तावों का मांग पत्र माननीय मुख्यमंत्री और सम्बन्धित विभागों को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार कुछ भष्टचारी अधिकारियों द्वारा गलत तथ्यों को प्रस्तुत करने के उपरान्त दो वर्ष पहले जारी अधिसूचनाओं को वापस करके हजारों कर्मचारियों को नुकसान पहुंचा रही है, जोकि सरासर मजूदरों के हितों के साथ खिलवाड़ है. इंटक इस खिलवाड़ को कतई सहन नहीं करेगी और कर्मचारियों को न्याय दिलवाने के लिए संर्घष का रास्ता अपनाने में नहीं हिचकिचाएगी.

नवनियुक्त इंटक अध्यक्ष ने कहा है कि इंटक कांग्रेस के साथ मजबूती से खड़ी है. उन्होंने कहा की अगले साल तक प्रदेश में इंटक सदस्यों की संख्या एक लाख तक करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि मजदूरों और श्रमिकों की आवाज बुलंद करने वाला देश का सबसे बड़ा मजदूर संगठन इंटक है, जिसके 3 करोड़ 33 लाख से अधिक सक्रिय सदस्य हैं.

ये भी पढ़ें : जनमंच में बोले जल शक्ति मंत्री: करसोग में ठेकेदारों की बुकिंग प्रथा को तोड़े विभाग

शिमला: हिमाचल प्रदेश इंटक अध्यक्ष के रूप में एक बार फिर हरदीप सिंह बाबा को चुना गया है. रविवार को कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में इंटक के चुनाव आयोजित हुए जिसमें इंटक से संबंधित प्रदेश की 118 यूनियनों ने हिस्सा लिया. यह चुनाव राष्ट्रीय युवा इंटक अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय इंटक सचिव संजय गावा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए. इस दौरान सर्वसहमति से हिमाचल प्रदेश इंटक का अध्यक्ष हरदीप सिंह बाबा को चुना गया. अध्यक्ष पद मिलने के बाद कांग्रेस कार्यालय में हरदीप सिंह का फूल मालाएं पहना कर कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया.

चुनावों के बाद सर्वसहमति से प्रस्ताव पारित किए गए, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निजी भागीदारी न की जाए. तीनों कृषि कानुनों को वापस लिया जाए. चारों श्रम सुधार कानुनों को वापस लिया जाए. मनरेगा कामगारों की दिहाड़ी प्रति दिन 300 रुपये की जाए और मनरेगा कामगारों के कार्यदिवस 200 प्रति वर्ष की जाए. कम से कम मजदूरी 20,000 रुपये प्रतिमाह की जाए. न्यू पेंशन स्कीम को वापस लेकर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया जाए.

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प्रदेश में कार्य कर रही सभी आशा कार्यकर्ताओं को अनुबंध राजकीय अधिसूचना के तहत न्यूनतम वेतन दिया जाए. आशा वर्कर के काम के घंटे भी निर्धारित किए जाएं एवं साप्ताहिक अवकाश प्रदान करने के लिए नीति बनाई जाए. स्वास्थ्य विभाग में 102 और 108 एंबुलेंस कर्मचारियों को न्यायलय प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत कॉन्ट्रेच्युल वर्कर के लिए उनके कार्यस्थल के नजदीक ईएसआईसी की सुविधा प्रदान की जाए.

नवनियुक्त इंटक अध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह ने कहा कि उपरोक्त प्रस्तावों का मांग पत्र माननीय मुख्यमंत्री और सम्बन्धित विभागों को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार कुछ भष्टचारी अधिकारियों द्वारा गलत तथ्यों को प्रस्तुत करने के उपरान्त दो वर्ष पहले जारी अधिसूचनाओं को वापस करके हजारों कर्मचारियों को नुकसान पहुंचा रही है, जोकि सरासर मजूदरों के हितों के साथ खिलवाड़ है. इंटक इस खिलवाड़ को कतई सहन नहीं करेगी और कर्मचारियों को न्याय दिलवाने के लिए संर्घष का रास्ता अपनाने में नहीं हिचकिचाएगी.

नवनियुक्त इंटक अध्यक्ष ने कहा है कि इंटक कांग्रेस के साथ मजबूती से खड़ी है. उन्होंने कहा की अगले साल तक प्रदेश में इंटक सदस्यों की संख्या एक लाख तक करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि मजदूरों और श्रमिकों की आवाज बुलंद करने वाला देश का सबसे बड़ा मजदूर संगठन इंटक है, जिसके 3 करोड़ 33 लाख से अधिक सक्रिय सदस्य हैं.

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