शिमला: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद अब हिमाचल में भी माननीयों को मिलने वाले वेतन पर सरकार टैक्स न भरने का फैसला ले सकती है. सोमवार को सीएम जयराम ठाकुर ने इसका साफ संकेत दिया है.
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार इस मसले पर विचार कर रही है. हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन माननीयों के यात्रा भत्ते में डेढ़ लाख सालाना की बढ़ोतरी करने के बाद कर्मचारियों व आम जनता में सरकार के प्रति रोष है.
ईटीवी भारत ने सबसे पहले इस मामले को उठाया था. ईटीवी भारत ने 4 सितंबर को खबर प्रकाशित की थी कि हिमाचल में माननीयों को मिलने वाले वेतन पर सरकार टैक्स भरती है. उसके बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एलान किया कि उत्तर प्रदेश सरकार माननीयों के वेतन का टैक्स नहीं भरेगी.
कर्मचारी सहित आम जनता जेब से चुकाती है टैक्स, माननीयों के वेतन पर टैक्स भरती है विधानसभा
हिमाचल में भी सरकारी कर्मियों व जनता का रोष बढ़ते देख कर सरकार पर दवाब आ गया था. सोमवार को मीडिया से बातचीत में एक सवाल के जवाब पर सीएम ने कहा कि हिमाचल में भी सरकार इस मामले पर गंभीरता से विचार कर रही है. इसी विषय पर कांग्रेस के विधायक सुखविंद्र सिंह के सरकार को लिखे पत्र के सवाल पर सीएम ने कहा कि किसी के कहने या फिर सलाह से नहीं बल्कि सरकार अपने स्तर पर फैसला लेगी.
साथ ही सीएम ने सरकारी खर्च में कटौती के उपाय करने की बात भी कही. जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार विभिन्न बिंदुओं पर गंभीरता से विचार करने के बाद उचित फैसला लेगी. यहां बता दें कि हिमाचल पर 50 हजार करोड़ से भी अधिक का कर्ज़ है. कैग भी हिमाचल को कर्ज के मकड़जाल से बचने की चेतावनी दे चुका है. हिमाचल में विधायकों को सवा दो लाख व मंत्रियों को ढाई लाख से अधिक वेतन मिलता है. इस पर बनने वाला टैक्स सरकार भरती है.