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नए भारत की परिकल्पना है, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

राज्यपाल ने कहा कि भारत सरकार ने 34 वर्षों के बाद देश में नई शिक्षा नीति को लागू किया गया है. साथ ही वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसमें शिक्षा को लेकर सभी को सस्ती और कौशल विकास शिक्षा जैसे कई गुण हैं.

Governor Bandaru Dattatreya on New National Education Policy-2020
दो दिवसीय वेबिनार में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
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Published : Aug 27, 2020, 8:32 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य शिक्षा परिषद की ओर से आयोजित दो दिवसीय वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक नए भारत की परिकल्पना करती है. जोकि प्रगतिशील, समृद्ध, रचनात्मक और नैतिक मूल्यों पर आधारित है. साथ ही देश के गौरव को पुर्नजिवित करने के लिए कारगर है.

राज्यपाल ने कहा कि भारत सरकार ने 34 वर्षों के बाद देश में नई शिक्षा नीति को लागू किया गया है. साथ ही वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसमें शिक्षा को लेकर सभी को सस्ती और कौशल विकास शिक्षा जैसे कई गुण हैं. वहीं, इसका कार्यान्वयन भी चुनौतीपूर्ण है. उन्होंने इसके व्यापक रूप को समझने और लागू करने पर जोर दिया.

Governor Bandaru Dattatreya on New National Education Policy 2020
दो दिवसीय वेबिनार कार्यक्रम में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय.

राज्यपाल ने कहा कि यह हिमाचल के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी अवसर लेने का एक अच्छा मौका है. राज्य ने हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और यह भी राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वह इस नई शिक्षा नीति को कितनी गंभीरता से लागू करेगी.

उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस तरह से राज्य सरकार ने इस नीति के प्रति अपनी सक्रियता दिखाई है, जैसे इसके कार्यान्वयन में शिक्षाविदों और आम नागरिकों से राय लेना और एक समर्पित कार्यबल स्थापित करना, यह इसके कार्यान्वयन की व्यावहारिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा.

दत्तात्रेय ने कहा कि हिमाचल की नई शिक्षा नीति में सुझाए गए कुछ शैक्षिक सुधारों में बेहतर काम कर सकता है. उन्होंने उन क्षेत्रों की पहचान करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जहां राज्य पहल की सकती है.

उन्होंने कहा कि पहली बार किसी भी शिक्षा नीति में शिक्षा पर 6 प्रतिशत खर्च की बात की गई है. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को इसमें लचीला बनाया गया है और अब स्नातक चार साल का होगा, लेकिन बीच में कोर्स छोड़ने का प्रावधान होगा. अगर कोई एक साल में कोर्स छोड़ता है, तो उसे दो साल में एक सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और तीन साल पूरा करने के बाद डिग्री दी जाएगी. उन्होंने कहा कि रोजगार के इच्छुक युवाओं के लिए तीन साल की डिग्री काफी है.

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीतिक इच्छा के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी देकर इसे संभव बनाया है. उन्होंने कहा कि नीति के अनुसार, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश में पहले ही बहुत सारे काम किए जा चुके हैं.

जल्द ही टास्क फोर्स तैयार हो जाएगा और इस पर काम शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा और इस नीति से संबंधित सभी कार्य हिमाचल प्रदेश के संदर्भ में पूरे किए जाएंगे.उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा नीति को लागू करने के लिए राज्यपाल का मार्गदर्शन लिया जाएगा और आश्वासन दिया कि हिमाचल इस नीति को लागू करने में देश का अग्रणी राज्य बनेगा.

राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. सुनील कुमार गुप्ता ने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में अपने अनुभव को साझा करने के लिए राज्यपाल का धन्यवाद दिया. उन्होंने 21वीं सदी के विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के लिए राज्य सरकार का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि राज्य ने भी अनुकूल सुझाव दिए थे. उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा. वेबिनार में शिक्षण संकाय और 80 केंद्रों के विद्यार्थियों ने इसमें भाग लिया.

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य शिक्षा परिषद की ओर से आयोजित दो दिवसीय वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक नए भारत की परिकल्पना करती है. जोकि प्रगतिशील, समृद्ध, रचनात्मक और नैतिक मूल्यों पर आधारित है. साथ ही देश के गौरव को पुर्नजिवित करने के लिए कारगर है.

राज्यपाल ने कहा कि भारत सरकार ने 34 वर्षों के बाद देश में नई शिक्षा नीति को लागू किया गया है. साथ ही वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसमें शिक्षा को लेकर सभी को सस्ती और कौशल विकास शिक्षा जैसे कई गुण हैं. वहीं, इसका कार्यान्वयन भी चुनौतीपूर्ण है. उन्होंने इसके व्यापक रूप को समझने और लागू करने पर जोर दिया.

Governor Bandaru Dattatreya on New National Education Policy 2020
दो दिवसीय वेबिनार कार्यक्रम में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय.

राज्यपाल ने कहा कि यह हिमाचल के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी अवसर लेने का एक अच्छा मौका है. राज्य ने हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और यह भी राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वह इस नई शिक्षा नीति को कितनी गंभीरता से लागू करेगी.

उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस तरह से राज्य सरकार ने इस नीति के प्रति अपनी सक्रियता दिखाई है, जैसे इसके कार्यान्वयन में शिक्षाविदों और आम नागरिकों से राय लेना और एक समर्पित कार्यबल स्थापित करना, यह इसके कार्यान्वयन की व्यावहारिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा.

दत्तात्रेय ने कहा कि हिमाचल की नई शिक्षा नीति में सुझाए गए कुछ शैक्षिक सुधारों में बेहतर काम कर सकता है. उन्होंने उन क्षेत्रों की पहचान करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जहां राज्य पहल की सकती है.

उन्होंने कहा कि पहली बार किसी भी शिक्षा नीति में शिक्षा पर 6 प्रतिशत खर्च की बात की गई है. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को इसमें लचीला बनाया गया है और अब स्नातक चार साल का होगा, लेकिन बीच में कोर्स छोड़ने का प्रावधान होगा. अगर कोई एक साल में कोर्स छोड़ता है, तो उसे दो साल में एक सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और तीन साल पूरा करने के बाद डिग्री दी जाएगी. उन्होंने कहा कि रोजगार के इच्छुक युवाओं के लिए तीन साल की डिग्री काफी है.

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीतिक इच्छा के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी देकर इसे संभव बनाया है. उन्होंने कहा कि नीति के अनुसार, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश में पहले ही बहुत सारे काम किए जा चुके हैं.

जल्द ही टास्क फोर्स तैयार हो जाएगा और इस पर काम शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा और इस नीति से संबंधित सभी कार्य हिमाचल प्रदेश के संदर्भ में पूरे किए जाएंगे.उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा नीति को लागू करने के लिए राज्यपाल का मार्गदर्शन लिया जाएगा और आश्वासन दिया कि हिमाचल इस नीति को लागू करने में देश का अग्रणी राज्य बनेगा.

राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. सुनील कुमार गुप्ता ने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में अपने अनुभव को साझा करने के लिए राज्यपाल का धन्यवाद दिया. उन्होंने 21वीं सदी के विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के लिए राज्य सरकार का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि राज्य ने भी अनुकूल सुझाव दिए थे. उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा. वेबिनार में शिक्षण संकाय और 80 केंद्रों के विद्यार्थियों ने इसमें भाग लिया.

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