शिमलाः वन विभाग और राज्य रेडक्राॅस सोसायटी शिमला की ओर से आयोजित पौधरोपण अभियान शुरू किया गया है. अभियान का शुभांरभ हिमाचल के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को शिमला के मशोबरा में भेखल्टी सड़क में पौधा रोपण करके किया.
इस दौरान राज्यपाल ने देवदार और अखरोट के पौधे रोपित किए. राज्यपाल ने कहा कि पौधे प्रकृति का एक उपहार और वरदान है और उनका बचाव जरूरी है. उन्होंने कहा कि पौधरोपण अभियानों से पर्यावरण संरक्षण और संतुलन बना रहता है.
उन्होंने लोगों से पौधरोपण अभियानों और पौधे रोपित करने में सक्रियता से भाग लेने के साथ उनके संरक्षण करने का भी आग्रह किया. उन्होंने इस दिशा में वन विभाग के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से बिगड़े पर्यावरण को कोरोना महामारी के दौरान लगे लाॅकडाउन की समय में प्रकृति ने स्वयं ठीक सही कर दिया है.
राज्यपाल ने कहा कि बीते साल दिसम्बर में जारी की गई भारतीय वन सर्वे रिपोर्ट-2019 के अनुसार हिमाचल प्रदेश के हरित वन आवरण में 333.52 किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे देश के अग्रणी राज्यों में प्रदेश को पांचवा स्थान मिला है. यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है.
बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हरित आवरण में यह वृद्धि प्रदेश में वन संरक्षण और पौधरोपण के लिए किए गए निरन्तर प्रयासों के कारण ही संभव हो पाई है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 67 प्रतिशत भूमि पर वन है. पौधरोपण के अंतर्गत 33 प्रतिशत बंजर भूमि को प्राथमिकता प्रदान की जाती है और पौधरोपण गतिविधियों में युवाओं की भागीदारी की जाती है.
राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2030 तक प्रदेश के 27 प्रतिशत वन क्षेत्र को बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए हम सभी को प्रयास करने होंगे. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रदेश सरकार नेे राज्य में 41 वन मंडलों के 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में एक करोड़ 20 लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य रखा है. यह निश्चित ही प्रदेश के हरित आवरण में वृद्धि करने में सहायक सिद्ध होगा.
इसके बाद राज्यपाल ने क्रैगनैनो नेचर पार्क का दौरा किया और अधिकारियों को पर्यटन की दृष्टि से इस क्षेत्र का विकास करने के निर्देश दिए. उन्होंने क्षेत्रीय बागवानी शोध और प्रशिक्षण केंद्र का दौरा किया और सेब के पौधों में विशेष रूचि दिखाई. विभाग के सहायक निदेशक डाॅ. पंकज गुप्ता ने केंद्र के शोध कार्यों के बारे में जानकारी दी.
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