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हिमाचल की पहली महिला HRTC चालक सीमा को राज्यपाल ने दी शाबाशी, बोले- देशवासियों को आप पर गर्व - परिवहन निगम की पहली महिला बस चालक

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सीमा ठाकुर को प्रशस्ति पत्र प्रदान करते हुए कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हुई की आप पहली महिला चालक हैं जो एचआरटीसी में सेवाएं दे रहे हैं और हाल ही में इंटर स्टेट बस रूप भी बस चलाई. राज्यपाल ने सीमा ठाकुर को इस चुनौती भरी ड्यूटी के बेहतर निर्वहन के लिए शुभकामनाएं भी दीं.

एचआरटीसी सीमा ठाकुर
एचआरटीसी सीमा ठाकुर
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Published : Apr 6, 2021, 4:39 PM IST

शिमलाः हिमाचल की पहली महिला चालक को राज्यपाल की शाबाशी मिली है. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सीमा ठाकुर को प्रशस्ति पत्र प्रदान करते हुए कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हुई की आप पहली महिला चालक हैं जो एचआरटीसी में सेवाएं दे रहे हैं और हाल ही में इंटर स्टेट बस रूप भी बस चलाई. राज्यपाल ने सीमा ठाकुर को इस चुनौती भरी ड्यूटी के बेहतर निर्वहन के लिए शुभकामनाएं भी दीं.

विकास के हर क्षेत्र में महिलाएं आगे

अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा है कि आपने पुरुष प्रधान समाज की मानसिकता को तोड़ते हुए महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण पेश किया है. आपका यह कदम और महिलाओं को भी इस चुनौती भरे क्षेत्र में प्रवेश के लिए प्रेरित करेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को आप पर गर्व है. आज विकास के हर क्षेत्र में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

वोल्वो ट्रेनिंग के लिए बंगलूरू जाना चाहती है सीमा

सोलन जिले के अर्की की 31 वर्षीय सीमा ठाकुर बीते 5 सालों से एचआरटीसी में बतौर चालक सेवाएं दे रही है. सीमा ने कोटशेरा कॉलेज से बीए के बाद विश्वविद्यालय से एमए की है. जल्द ही आप मुझे शिमला-दिल्ली वोल्वो की ड्राइविंग सीट पर देखेंगे. हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की पहली महिला बस चालक सीमा ठाकुर ने शिमला-चंडीगढ़ इंटर स्टेट रूट से शिमला लौटने के बाद यह बात कही.

इंटरस्टेट बस चला चुकी है सीमा

उन्होंने कहा कि 'वह एचआरटीसी की टैक्सी, इलेक्ट्रिक बस और इंटरस्टेट बस चला चुकी हैं. अब उनका सपना वोल्वो चलाने का है. वोल्वो बस की ड्राइविंग ट्रेनिंग के लिए बंगलूरू जाने का मौका मिल जाए तो यह सपना भी पूरा हो जाएगा. शिमला के मुकाबले चंडीगढ़ दिल्ली की ड्राइविंग मुश्किल है. वहां ज्यादातर ड्राइवर रॉन्ग साइड पर चलते हैं. तीन बार चंडीगढ़ जा चुकी हूं. निगम प्रबंधन जहां चाहेगा वहीं ड्यूटी दूंगी'.

पिता को देखकर पैदा हुआ एचआरटीसी चालक बनने का शौक

सीमा के पिता भी एचआरटीसी में ही चालक थे. पिता के साथ बस में सफर के दौरान ही सीमा को बस चलाने का शौक पैदा हुआ. एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक शिमला लोकल देवासेन नेगी ने बताया कि सीमा ठाकुर के पास हेवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस है. इन दिनों शिमला-चंडीगढ़ रूट पर सेवाएं दे रही हैं. वोल्वो ट्रेनिंग के लिए बेंगलुरु भेजने का निर्णय मुख्यालय लेता है.

ये भी पढ़े :- हिमाचल में अभी लॉकडाउन लगाना संभव नहीं

शिमलाः हिमाचल की पहली महिला चालक को राज्यपाल की शाबाशी मिली है. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सीमा ठाकुर को प्रशस्ति पत्र प्रदान करते हुए कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हुई की आप पहली महिला चालक हैं जो एचआरटीसी में सेवाएं दे रहे हैं और हाल ही में इंटर स्टेट बस रूप भी बस चलाई. राज्यपाल ने सीमा ठाकुर को इस चुनौती भरी ड्यूटी के बेहतर निर्वहन के लिए शुभकामनाएं भी दीं.

विकास के हर क्षेत्र में महिलाएं आगे

अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा है कि आपने पुरुष प्रधान समाज की मानसिकता को तोड़ते हुए महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण पेश किया है. आपका यह कदम और महिलाओं को भी इस चुनौती भरे क्षेत्र में प्रवेश के लिए प्रेरित करेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को आप पर गर्व है. आज विकास के हर क्षेत्र में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

वोल्वो ट्रेनिंग के लिए बंगलूरू जाना चाहती है सीमा

सोलन जिले के अर्की की 31 वर्षीय सीमा ठाकुर बीते 5 सालों से एचआरटीसी में बतौर चालक सेवाएं दे रही है. सीमा ने कोटशेरा कॉलेज से बीए के बाद विश्वविद्यालय से एमए की है. जल्द ही आप मुझे शिमला-दिल्ली वोल्वो की ड्राइविंग सीट पर देखेंगे. हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की पहली महिला बस चालक सीमा ठाकुर ने शिमला-चंडीगढ़ इंटर स्टेट रूट से शिमला लौटने के बाद यह बात कही.

इंटरस्टेट बस चला चुकी है सीमा

उन्होंने कहा कि 'वह एचआरटीसी की टैक्सी, इलेक्ट्रिक बस और इंटरस्टेट बस चला चुकी हैं. अब उनका सपना वोल्वो चलाने का है. वोल्वो बस की ड्राइविंग ट्रेनिंग के लिए बंगलूरू जाने का मौका मिल जाए तो यह सपना भी पूरा हो जाएगा. शिमला के मुकाबले चंडीगढ़ दिल्ली की ड्राइविंग मुश्किल है. वहां ज्यादातर ड्राइवर रॉन्ग साइड पर चलते हैं. तीन बार चंडीगढ़ जा चुकी हूं. निगम प्रबंधन जहां चाहेगा वहीं ड्यूटी दूंगी'.

पिता को देखकर पैदा हुआ एचआरटीसी चालक बनने का शौक

सीमा के पिता भी एचआरटीसी में ही चालक थे. पिता के साथ बस में सफर के दौरान ही सीमा को बस चलाने का शौक पैदा हुआ. एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक शिमला लोकल देवासेन नेगी ने बताया कि सीमा ठाकुर के पास हेवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस है. इन दिनों शिमला-चंडीगढ़ रूट पर सेवाएं दे रही हैं. वोल्वो ट्रेनिंग के लिए बेंगलुरु भेजने का निर्णय मुख्यालय लेता है.

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