शिमलाः कोरोना काल में कूड़ा बिल वसूलने के खिलाफ राजधानी शिमला में लोग मुखर होने लगे हैं. पूर्व पार्षद भी अब नगर निगम के कूड़ा बिल वसूलने के फरमान के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं. इसी क्रम में नगर निगम के पूर्व पार्षद नरेंद्र ठाकुर सोमवार को महापौर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए और कूड़ा बिल माफ करने की मांग की.
उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम कूड़ा बिल माफ करने का मामला सरकार को भेजने की बात कर शहरवासियों को लॉलीपॉप दे रहे है, जबकि कोरोना के चलते पहले ही लोग परेशान हैं और अब नगर निगम ने एक साथ पांच महीने के बिल थमा दिए हैं.
पूर्व पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि नगर निगम को कई बार शहर के लोगों को राहत देने की गुहार लगाई गई, लेकिन निगम प्रशासन की कान पर जूं नही रेंग रही है. निगम ने हाउस में कूड़ा बिल माफ करने के लिए हालांकि प्रस्ताव पास किया, लेकिन उसे सरकार के पास भेजने की जगब बहाना बना कर अपना पल्ला झाड़ लिया है. आज निगम का हाउस है और नगर निगम के महापौर से कूड़ा शुल्क पूरी तरह से माफ करने की मांग की है और यदि बिल माफ नहीं करते हैं तो वे अनशन भी शुरू कर देंगे.
बता दें कि शिमला शहर में कोरोना काल मे पांच महीने तक दुकानें बन्द थीं और कई लोग शहर छोड़ गांव चले गए थे. वहीं, नगर निगम शिमला ने भारी भरकम कूड़े के बिल थमा दिए हैं, जबकि कूड़ा इस दौरान नहीं उठाया गया था. इसे लेकर स्थानीय लोग विरोध जता रहे हैं.
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