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रिकांगपिओ में महिलाओं के लिए वन अधिकार अधिनियम जागरूकता शिविर का आयोजन

रिकांगपिओ में जिले की महिलाओं को वन अधिकार अधिनियम के बारे में जागरूकता शिविर का (Forest Rights Act awareness camp) आयोजन किया गया. शिविर में वन अधिकार कानून और महिलाओं की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई.

Forest Rights Act awareness camp
रिकांगपिओ में महिलाओं के लिए वन अधिकार अधिनियम जागरूकता शिविर
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Published : Apr 5, 2022, 5:59 PM IST

किन्नौर: जिला वन अधिकार संघर्ष समिति, महिला कल्याण परिषद व हिमधरा पर्यावरण समूह के संयुक्त तत्वावधान में रिकांगपिओ में जिले की महिलाओं को वन अधिकार अधिनियम के बारे में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर मे जिले की विभिन्न पंचायत क्षेत्रों से महिलाओं ने भाग लिया और वन अधिकार के बारे में जानकारियां हासिल की. शिविर में वन अधिकार कानून और महिलाओं की (Forest Rights Act awareness camp) भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई.

जिला किन्नौर वन अधिकार संघर्ष समिति (Kinnaur Forest Adhikar Sangharsh Samiti) के अध्यक्ष जिया लाल नेगी ने कहा कि वन संरक्षण में महिलाओं की भूमिका अहम है. चाहे जंगल से घास लाना हो या जंगल की रखवाली हो. इस शिविर का मुख्य उद्देश्य भी महिलाओं को जागरूक करना है, क्योंकि जिला किन्नौर में अब महिलाएं भी अपने अधिकारों के तहत वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत भूमि में अपने हक्क की लड़ाई लड़ सकती हैं.

उन्होंने कहा कि जिले के अंदर महिलाओं को वन अधिकार अधिनियम की (Forest Rights Act awareness camp) अधिक जानकारी न होने के चलते महिलायें जंगल से प्राप्त होने वाली सम्पदा और भूमि पर अपना हक जताने से परहेज करती हैं, जबकि महिलाओं का भी पुरुषों के बराबर इस अधीनयम के तहत अधिकार बनता है.उन्होंने कहा कि जिले में जितनी भी समितियां हैं उनमें और ग्राम सभाओं में भी एक तिहाई सदस्य महिलाओं का होना जरूरी है. जिससे हर ग्राम सभा में महिलाओं को अपने अधिकार व अन्य गतिविधियों का पता चल सके.

किन्नौर: जिला वन अधिकार संघर्ष समिति, महिला कल्याण परिषद व हिमधरा पर्यावरण समूह के संयुक्त तत्वावधान में रिकांगपिओ में जिले की महिलाओं को वन अधिकार अधिनियम के बारे में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर मे जिले की विभिन्न पंचायत क्षेत्रों से महिलाओं ने भाग लिया और वन अधिकार के बारे में जानकारियां हासिल की. शिविर में वन अधिकार कानून और महिलाओं की (Forest Rights Act awareness camp) भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई.

जिला किन्नौर वन अधिकार संघर्ष समिति (Kinnaur Forest Adhikar Sangharsh Samiti) के अध्यक्ष जिया लाल नेगी ने कहा कि वन संरक्षण में महिलाओं की भूमिका अहम है. चाहे जंगल से घास लाना हो या जंगल की रखवाली हो. इस शिविर का मुख्य उद्देश्य भी महिलाओं को जागरूक करना है, क्योंकि जिला किन्नौर में अब महिलाएं भी अपने अधिकारों के तहत वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत भूमि में अपने हक्क की लड़ाई लड़ सकती हैं.

उन्होंने कहा कि जिले के अंदर महिलाओं को वन अधिकार अधिनियम की (Forest Rights Act awareness camp) अधिक जानकारी न होने के चलते महिलायें जंगल से प्राप्त होने वाली सम्पदा और भूमि पर अपना हक जताने से परहेज करती हैं, जबकि महिलाओं का भी पुरुषों के बराबर इस अधीनयम के तहत अधिकार बनता है.उन्होंने कहा कि जिले में जितनी भी समितियां हैं उनमें और ग्राम सभाओं में भी एक तिहाई सदस्य महिलाओं का होना जरूरी है. जिससे हर ग्राम सभा में महिलाओं को अपने अधिकार व अन्य गतिविधियों का पता चल सके.

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