शिमला: ऐतिहासिक रिज मैदान पर घुड़सवारी करने वालों को अब पहले से ज्यादा पैसे घुड़सवारी के लिए देने होंगे. नगर निगम घोड़ा संचालकों से कर नहीं वसूलेगा, बल्कि घुड़सवारी करने वालों से 10 फीसदी अतिरिक्त राशि कर के रूप में ली जाएगी. दरअसल ये फैसला शुक्रवार को नगर निगम और घोड़ा संचालकों के साथ हुई बैठक में लिया गया.
घोड़ा संचालक पिछली साल नगर निगम को 120 रुपये पंजीकरण शुल्क अदा करते थे, लेकिन अब सालाना 500 रुपये शुल्क के रूप में अदा करने का फैसला लिया गया है. जिस पर घोड़ा संचालकों ने भी सहमति जताई है. लोगों से अब तक घुड़सवारी के लिए 50 से लेकर 80 रुपये लिए जा रहे थे. जिसमें 10 फीसदी अतिरिक्त राशि की बढ़ोतरी करते हुए इसे 500 रुपये कर दिया गया है.
बैठक में ये निर्णय लिया गया कि जो राशि पहले कर के रुप में घोड़ा संचालकों से ली जाती थी, वो अब घोड़े की सवारी करने वालों से ली जाएगी. नगर निगम द्वारा पारित प्रस्ताव के तहत रिज मैदान पर घुड़सवारी करने वालों को टिकट दी जाएगी, जिसके लिए रिज मैदान पर नगर निगम द्वारा टिकट काउंटर स्थापित किया जाएगा. जो अतिरिक्त राशि घुड़सवारी करने वालों से वसूल की जाएगी उसका उपयोग घोड़ों के कारण मैदान में फैल रही गंदगी को साफ करने के लिए किया जाएगा.
नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने बताया कि साल 2014 से नगर निगम ने रिज पर स्थित घोडा संचालकों से ज्यादा किराया नहीं वसूला है और रिज पर घोड़े की गंदगी साफ करने के लिए नगर निगम के दो कर्मचारी सुबह से शाम तक अपनी सेवाएं देते हैं. उन्होंने कहा कि जिससे निगम को हर माह हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. ऐसे में ये निर्णय लिया गया है कि वो अब घुड़सवारी करने वालों से कर वसूली करेंगे.
घोड़ा संचालन एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलामदिन ने बताया कि नगर निगम ने पहले टैक्स लेने की बात कही थी, लेकिन अब ये कर घुड़सवारी करने वालों से लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वो नगर निगम द्वारा लिये गए निर्णय से सहमत है और वार्षिक पंजीकरण शुल्क 500 रुपये अदा करने के लिए भी तैयार है.
ये भी पढ़ें: स्कूली बच्चों ने किया दमकल केंद्र का दौरा, जानी अग्रिशमन विभाग की कार्यप्रणाली