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रिज मैदान पर घुड़सवारी करने वालों को करनी होगी जेब ढीली, MC ने की 10% बढ़ोतरी

शिमला नगर निगम और घोड़ा संचालकों के साथ हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि रिज मैदान पर घुड़सवारी करने वालों को अब पहले से ज्यादा पैसे घुड़सवारी के लिए देने होंगे. साथ ही नगर निगम द्वारा पारित प्रस्ताव के तहत रिज मैदान पर घुड़सवारी करने वालों को टिकट दी जाएगी, जिसके लिए रिज मैदान पर नगर निगम द्वारा टिकट काउंटर स्थापित किया जाएगा. जो अतिरिक्त राशि घुड़सवारी करने वालों से वसूल की जाएगी उसका उपयोग घोड़ों के कारण मैदान में फैल रही गंदगी को साफ करने के लिए किया जाएगा.

Extra Money Will Paid For Horse Riding In Shimla
रिज मैदान पर घुड़सवारी
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Published : Feb 7, 2020, 4:29 PM IST

शिमला: ऐतिहासिक रिज मैदान पर घुड़सवारी करने वालों को अब पहले से ज्यादा पैसे घुड़सवारी के लिए देने होंगे. नगर निगम घोड़ा संचालकों से कर नहीं वसूलेगा, बल्कि घुड़सवारी करने वालों से 10 फीसदी अतिरिक्त राशि कर के रूप में ली जाएगी. दरअसल ये फैसला शुक्रवार को नगर निगम और घोड़ा संचालकों के साथ हुई बैठक में लिया गया.

घोड़ा संचालक पिछली साल नगर निगम को 120 रुपये पंजीकरण शुल्क अदा करते थे, लेकिन अब सालाना 500 रुपये शुल्क के रूप में अदा करने का फैसला लिया गया है. जिस पर घोड़ा संचालकों ने भी सहमति जताई है. लोगों से अब तक घुड़सवारी के लिए 50 से लेकर 80 रुपये लिए जा रहे थे. जिसमें 10 फीसदी अतिरिक्त राशि की बढ़ोतरी करते हुए इसे 500 रुपये कर दिया गया है.

वीडियो रिपोर्ट.

बैठक में ये निर्णय लिया गया कि जो राशि पहले कर के रुप में घोड़ा संचालकों से ली जाती थी, वो अब घोड़े की सवारी करने वालों से ली जाएगी. नगर निगम द्वारा पारित प्रस्ताव के तहत रिज मैदान पर घुड़सवारी करने वालों को टिकट दी जाएगी, जिसके लिए रिज मैदान पर नगर निगम द्वारा टिकट काउंटर स्थापित किया जाएगा. जो अतिरिक्त राशि घुड़सवारी करने वालों से वसूल की जाएगी उसका उपयोग घोड़ों के कारण मैदान में फैल रही गंदगी को साफ करने के लिए किया जाएगा.

नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने बताया कि साल 2014 से नगर निगम ने रिज पर स्थित घोडा संचालकों से ज्यादा किराया नहीं वसूला है और रिज पर घोड़े की गंदगी साफ करने के लिए नगर निगम के दो कर्मचारी सुबह से शाम तक अपनी सेवाएं देते हैं. उन्होंने कहा कि जिससे निगम को हर माह हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. ऐसे में ये निर्णय लिया गया है कि वो अब घुड़सवारी करने वालों से कर वसूली करेंगे.

घोड़ा संचालन एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलामदिन ने बताया कि नगर निगम ने पहले टैक्स लेने की बात कही थी, लेकिन अब ये कर घुड़सवारी करने वालों से लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वो नगर निगम द्वारा लिये गए निर्णय से सहमत है और वार्षिक पंजीकरण शुल्क 500 रुपये अदा करने के लिए भी तैयार है.

ये भी पढ़ें: स्कूली बच्चों ने किया दमकल केंद्र का दौरा, जानी अग्रिशमन विभाग की कार्यप्रणाली

शिमला: ऐतिहासिक रिज मैदान पर घुड़सवारी करने वालों को अब पहले से ज्यादा पैसे घुड़सवारी के लिए देने होंगे. नगर निगम घोड़ा संचालकों से कर नहीं वसूलेगा, बल्कि घुड़सवारी करने वालों से 10 फीसदी अतिरिक्त राशि कर के रूप में ली जाएगी. दरअसल ये फैसला शुक्रवार को नगर निगम और घोड़ा संचालकों के साथ हुई बैठक में लिया गया.

घोड़ा संचालक पिछली साल नगर निगम को 120 रुपये पंजीकरण शुल्क अदा करते थे, लेकिन अब सालाना 500 रुपये शुल्क के रूप में अदा करने का फैसला लिया गया है. जिस पर घोड़ा संचालकों ने भी सहमति जताई है. लोगों से अब तक घुड़सवारी के लिए 50 से लेकर 80 रुपये लिए जा रहे थे. जिसमें 10 फीसदी अतिरिक्त राशि की बढ़ोतरी करते हुए इसे 500 रुपये कर दिया गया है.

वीडियो रिपोर्ट.

बैठक में ये निर्णय लिया गया कि जो राशि पहले कर के रुप में घोड़ा संचालकों से ली जाती थी, वो अब घोड़े की सवारी करने वालों से ली जाएगी. नगर निगम द्वारा पारित प्रस्ताव के तहत रिज मैदान पर घुड़सवारी करने वालों को टिकट दी जाएगी, जिसके लिए रिज मैदान पर नगर निगम द्वारा टिकट काउंटर स्थापित किया जाएगा. जो अतिरिक्त राशि घुड़सवारी करने वालों से वसूल की जाएगी उसका उपयोग घोड़ों के कारण मैदान में फैल रही गंदगी को साफ करने के लिए किया जाएगा.

नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने बताया कि साल 2014 से नगर निगम ने रिज पर स्थित घोडा संचालकों से ज्यादा किराया नहीं वसूला है और रिज पर घोड़े की गंदगी साफ करने के लिए नगर निगम के दो कर्मचारी सुबह से शाम तक अपनी सेवाएं देते हैं. उन्होंने कहा कि जिससे निगम को हर माह हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. ऐसे में ये निर्णय लिया गया है कि वो अब घुड़सवारी करने वालों से कर वसूली करेंगे.

घोड़ा संचालन एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलामदिन ने बताया कि नगर निगम ने पहले टैक्स लेने की बात कही थी, लेकिन अब ये कर घुड़सवारी करने वालों से लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वो नगर निगम द्वारा लिये गए निर्णय से सहमत है और वार्षिक पंजीकरण शुल्क 500 रुपये अदा करने के लिए भी तैयार है.

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Intro:
राजधानी शिमला में ऐतिहासिक रिज मैदान पर घुड़सवारी करने वालों को अब अपनी जेबें ओर ढीली करनी होंगी। घुड़सवारी का शौक रखने वालों को पहले से ज्यादा पैसे घुड़सवारी के लिए अदा करने होंगे । नगर निगम अब घोड़ा संचालकों से कर नही वसूलेगा,बल्कि अब घुड़सवारी करने वालों से 10फीसदी अतिरिक्त राशि कर के रूप में ली जाएगी।
अब तक घुड़सवारी के लिए 50 से लेकर 80 रुपए तक वसूले जा रहे थे वही अब इसमे दस फीसदी बढ़ोतरी की जा रही है। शुक्रवार को नगर निगम ने घोड़ा संचालको के साथ बैठक की जिसमे पूर्व में जहां घोड़ा संचालक वर्ष में 120 रुपये पंजीकरण शुल्क अदा करते थे,वहीं अब इनको सालाना 500 रुपये शुल्क के रूप में अदा करने के साथ का फैसला लिया गया जिस पर घोड़ा संचालकों ने भी सहमति जताई है।बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कर के रूप में 10फीसदी राशि जो पहले कर के रूप में घोड़ा संचालकों से ली जानी थी वह अब घोड़े की सवारी का आनंद करने वालों को अदा करनी होंगे,वहीं अब नगर निगम शिमला ने द्वारा पारित प्रस्ताव के तहत फैसला लिया है कि अब रिज मैदान पर घुड़सवारी करने वालों को वे टिकट देंगे ओर रिज मैदान पर नगर निगम द्वारा टिकट काउंटर स्थापित किया जाएगा जिसके तहत टिकट लेकर लोग घुड़सवारी का आनंद ले सकेंगे।जो अतिरिक्त राशि घुड़सवारी करने वालों से वसूल की जाएगी वह राशि रिज मैदान पर घोड़ों के कारण फ़ैल रही गंदगी को साफ़ करने के लिए इस्तेमाल होगी ! इस कदम से घुड़सवारी के शौक़ीन लोगों को अब महंगी दरों पर ही अपना शौक पूरा कर सकते है ।
वहीं नगर निगम के इस फैसले को लेकर अब घोड़ा संचालक सन्तुष्ट हैं ।
Body:नगर निगम मेयर सत्या कौंडल का कहना है कि साल 2014 से नगर निगम शिमला ने रिज पर स्थित घोडा संचालकों से कोई किराया नहीं बढ़ाया है ! लेकिन रिज पर घोड़े की गंदगी कि साफ़ सफाई के लिए नगर निगम शिमला के दो कर्मचारी सुबह से शाम तक अपनी सेवाएँ देते हैं जिस पर निगम हजारों रुपए हर माह खर्च करता है इसको देखते हुए नगर निगम शिमला ने यह निर्णय लिया है कि वह अब घुड़सवारी करने वालों से कर वसूल करेगा साथ ही घोड़ा संचालकों को अब 500 रुपये वार्षिक पंजीकरण शुल्क के रूप में अदा करने होंगे।

Conclusion:घोडा संचालको का कहना है कि नगर निगम ने पहले टैक्स लेने की बात कही थी लेकिन अब यह कर घुड़सवारी करने वालों से लिया जाएगा,इस निर्णय से वह सन्तुष्ट है। । घोड़ा संचालन एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलामदिन ने कहा कि वह नगर निगम द्वारा लिये गए निर्णय से सहमत है तथा वार्षिक पंजीकरण शुल्क 500 रुपये अदा करने के लिए भी तैयार है ।
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