शिमला: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का मामला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग ऐसे अस्पतालों में कैंसर की दवाई देता है जहां कैंसर के इलाज की सुवीधा ही नहीं है. वहीं, आईजीएमसी में कैंसर की दवाइयां एक्सपायर होकर पहुंचती है.
पीएचसी और सीएचसी से दवाइयां तभी भेजी जाती हैं जब दवाइयां एक्सपायर होने में केवल एक महीना या सिर्फ बीस दिन ही बचे होते हैं. जबकि बड़े अस्पताल जहां कैंसर का इलाज है वहां मरीजों को दवाइयां नहीं मिलती है. कैंसर जैसे रोग की दवा मरीजों को नहीं मिलती और सरकार का पैसा भी बर्बाद हो जाता है. हैरानी की बात यह है कि विभाग के अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लग रही है.
बताया जा रहा है कि यह दवाइयां प्रदेश के जिला स्तर के अधिकारी अपने लेवल पर खरीद रहे हैं. कैंसर ही नहीं वहां कई ऐसी रोगों की दवाइयां है जिनका इलाज ऐसे अस्पतालों में संभव नहीं है. बता दें कि प्रदेश के बड़े अस्पतालों में हमेशा ही दवाइयों की कमी चली होती है. मरीज दवाइयों के लिए दर-दर भटकते हैं लेकिन विभाग दवाइयां पूरी मात्रा में उपलब्ध नहीं करवा पाते हैं.