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HPU की कार्यकारी परिषद ने किया प्रो. प्रमोद का सस्पेंशन बहाल, इक्डोल कर्मचारी बर्खास्त - HPU में मंगवार को हुई बैठक

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में मंगलवार को कार्यकारिणी परिषद की बैठक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार की अध्यक्षता में हुई. बैठक में एमबीए के प्रोफेसर प्रमोद शर्मा को क्लीन चिट देकर उनके निलबंन को बहाल करने पर मंजूरी दी गई.

HPU did Prof. Pramod's suspension restored
HPU की कार्यकारी परिषद ने किया प्रो. प्रमोद का सस्पेंशन बहाल
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Published : Feb 4, 2020, 9:15 PM IST


शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में मंगलवार को कार्यकारिणी परिषद की बैठक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार की अध्यक्षता में हुई. बैठक में एमबीए के प्रोफेसर प्रमोद शर्मा को क्लीन चिट देकर उनके निलबंन को बहाल करने पर मंजूरी दी गई.

वहीं, इक्डोल में हुए घोटाले के आरोपी कर्मचारी बाबूराम को बर्खास्त कर दिया गया है. यह फैसला एचपीयू की कार्यकारिणी परिषद की बैठक में सदस्यों की सर्वसम्मति से लिया गया. आरोपी को एचपीयू की जांच में दोषी पाया गया. जिसके चलते विश्वविद्यालय ने बर्खास्तगी का यह फैसला लिया है.

वीडियो रिपोर्ट

इतना ही नहीं घोटाला जितनी राशि का है उस राशि को भी आरोपी से वसूलने के लिए एचपीयू उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएगा. वहीं, आगामी समय में आरोपी को कहीं भी सरकारी नौकरी ना मिले इसके लिए विश्वविद्यालय सिफारिश सरकार के समक्ष करेगा.

बता दें कि वर्ष 2018 में इस घोटाले में अनुभाग अधिकारी बाबूराम को दोषी पाया गया था. जिसके बाद उन्हें सेवाओं से सस्पेंड कर दिया गया था.

इस मामले में जांच अधिकारी ने ईसी ने अपनी रिपोर्ट पेश की. जिसमें पाया गया कि प्रमोद शर्मा पर भाजपा की प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार करने के जो आरोप लगाए गए थे वह साबित नहीं हो सके और जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उसमें साबित हुआ है कि प्रमोद शर्मा भाजपा के लिए प्रचार नहीं कर रहे थे.

इस जांच रिपोर्ट को चुनाव आयोग को भी एचपीयू ने भेजा है. अब चुनाव आयोग जो फैसला करेगा उसी के अनुसार विश्वविद्यालय कार्य करेगा. बता दें की लोकसभा चुनाव में प्रोफेसर प्रमोद शर्मा पर भाजपा के प्रत्याशी के लिए प्रचार करने के आरोप लगे थे.
इसी मामले में चुनाव आयोग के आदेशों के तहत ही विश्वविद्यालय ने उन्हें निलंबित किया था, लेकिन अब जब मामले की रिपोर्ट आ गई है और उन्हें दोषी नहीं पाया गया है तो विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद ने उनका निलंबन बहाल करने का फैसला लिया है.

इसके अलावा बैठक में एचपीयू में शिक्षकों ओर गैर शिक्षकों के आवेदन पत्रों की छंटनी और स्क्रीनिंग के लिए विश्वविद्यालय और बाहरी विश्वविद्यालय से आए हुए. मनोनीत सदस्यों के मानदेय की राशि में एकमुश्त ₹2000 प्रतिदिन के हिसाब से देने की सहमति प्रदान की गई है.

इसके साथ ही एचपीयू इक्डोल में चल रहे अनेक व्यक्तिगत संपर्क कार्यक्रम शैक्षणिक पाठ्यक्रम के लिए शैक्षणिक सत्र 2019-20 के तहत बुलाए गए. अध्यापकों गेस्ट फैकेल्टी अध्यापकों को जहां 6000 से अधिक छात्रों की संख्या है. उन्हें एकमुश्त 10 रुपये मूल्यांकन के लिए मानदेय प्रदान करने की मंजूरी बैठक में दी गई.

ये भी पढ़े ः शिमला में घुड़सवारी के टैक्स के विरोध में उतरे घोड़ा मालिक, मेयर को सौंपा ज्ञापन


शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में मंगलवार को कार्यकारिणी परिषद की बैठक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार की अध्यक्षता में हुई. बैठक में एमबीए के प्रोफेसर प्रमोद शर्मा को क्लीन चिट देकर उनके निलबंन को बहाल करने पर मंजूरी दी गई.

वहीं, इक्डोल में हुए घोटाले के आरोपी कर्मचारी बाबूराम को बर्खास्त कर दिया गया है. यह फैसला एचपीयू की कार्यकारिणी परिषद की बैठक में सदस्यों की सर्वसम्मति से लिया गया. आरोपी को एचपीयू की जांच में दोषी पाया गया. जिसके चलते विश्वविद्यालय ने बर्खास्तगी का यह फैसला लिया है.

वीडियो रिपोर्ट

इतना ही नहीं घोटाला जितनी राशि का है उस राशि को भी आरोपी से वसूलने के लिए एचपीयू उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएगा. वहीं, आगामी समय में आरोपी को कहीं भी सरकारी नौकरी ना मिले इसके लिए विश्वविद्यालय सिफारिश सरकार के समक्ष करेगा.

बता दें कि वर्ष 2018 में इस घोटाले में अनुभाग अधिकारी बाबूराम को दोषी पाया गया था. जिसके बाद उन्हें सेवाओं से सस्पेंड कर दिया गया था.

इस मामले में जांच अधिकारी ने ईसी ने अपनी रिपोर्ट पेश की. जिसमें पाया गया कि प्रमोद शर्मा पर भाजपा की प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार करने के जो आरोप लगाए गए थे वह साबित नहीं हो सके और जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उसमें साबित हुआ है कि प्रमोद शर्मा भाजपा के लिए प्रचार नहीं कर रहे थे.

इस जांच रिपोर्ट को चुनाव आयोग को भी एचपीयू ने भेजा है. अब चुनाव आयोग जो फैसला करेगा उसी के अनुसार विश्वविद्यालय कार्य करेगा. बता दें की लोकसभा चुनाव में प्रोफेसर प्रमोद शर्मा पर भाजपा के प्रत्याशी के लिए प्रचार करने के आरोप लगे थे.
इसी मामले में चुनाव आयोग के आदेशों के तहत ही विश्वविद्यालय ने उन्हें निलंबित किया था, लेकिन अब जब मामले की रिपोर्ट आ गई है और उन्हें दोषी नहीं पाया गया है तो विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद ने उनका निलंबन बहाल करने का फैसला लिया है.

इसके अलावा बैठक में एचपीयू में शिक्षकों ओर गैर शिक्षकों के आवेदन पत्रों की छंटनी और स्क्रीनिंग के लिए विश्वविद्यालय और बाहरी विश्वविद्यालय से आए हुए. मनोनीत सदस्यों के मानदेय की राशि में एकमुश्त ₹2000 प्रतिदिन के हिसाब से देने की सहमति प्रदान की गई है.

इसके साथ ही एचपीयू इक्डोल में चल रहे अनेक व्यक्तिगत संपर्क कार्यक्रम शैक्षणिक पाठ्यक्रम के लिए शैक्षणिक सत्र 2019-20 के तहत बुलाए गए. अध्यापकों गेस्ट फैकेल्टी अध्यापकों को जहां 6000 से अधिक छात्रों की संख्या है. उन्हें एकमुश्त 10 रुपये मूल्यांकन के लिए मानदेय प्रदान करने की मंजूरी बैठक में दी गई.

ये भी पढ़े ः शिमला में घुड़सवारी के टैक्स के विरोध में उतरे घोड़ा मालिक, मेयर को सौंपा ज्ञापन

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय दूरवर्ती शिक्षा एवं मुक्ता धन केंद्र में 2018 में हुए एक करोड़ 11 लाख 87 हजार के पास 32 घोटाले में आरोपी कर्मचारी बाबूराम को बर्खास्त कर दिया गया है. यह फैसला एचपीयू की कार्यकारिणी परिषद की बैठक में आज सभी सदस्यों की सर्वसम्मति के बाद लिया गया है. आरोपी को एचपीयू की जांच में दोषी पाया गया है जिसके चलते विश्वविद्यालय ने बर्खास्तगी का यह फैसला लिया है. इतना ही नहीं घोटाला जितनी राशि का है उस राशि को भी आरोपी से वसूलने के लिए एचपीयू उसके खिलाफ दीवानी मुकदमा दर्ज करवाएगा. वहीं आगामी समय में आरोपी को कहीं भी सरकारी नौकरी ना मिले इसके लिए विश्वविद्यालय सिफारिश सरकार के समक्ष करेगा. बता दें कि वर्ष 2018 में इस घोटाले में अनुभाग अधिकारी बाबूराम को दोषी पाया गया था जिसके बाद उन्हें सेवाओं से सस्ता सस्पेंड कर दिया गया था.


Body:एचपीयू में आज कार्यकारिणी परिषद की बैठक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार की अध्यक्षता में हुई. बैठक में एचपीयू के यूनिवर्सिटी ऑफ बिजनेस स्कूल एमबीए के प्रोफेसर प्रमोद शर्मा को भी क्लीन चिट देकर उनके निलबंन को बहाल कर करने की मंजूरी दी है. इस मामले में जांच अधिकारी ने ईसी में अपनी रिपोर्ट पेश की जिसमें पाया गया कि प्रमोद शर्मा पर भाजपा की प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार करने की जो आरोप लगाए गए हैं वह साबित नहीं हो सके हैं और जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उसमें साबित हुआ है कि प्रमोद शर्मा भाजपा के लिए प्रचार नहीं कर रहे थे. इस जांच रिपोर्ट को चुनाव आयोग को भी एचपीयू ने भेजा है अब ब चुनाव आयोग जो फैसला लेगा उसी के अनुसार है विश्वविद्यालय कार्य करेगा. बता दे की लोकसभा चुनाव में प्रोफेसर प्रमोद शर्मा पर भाजपा के प्रत्याशी के लिए प्रचार करने के आरोप लगे थे और इसी मामले में चुनाव आयोग के आदेशों के तहत ही विश्वविद्यालय ने उन्हें निलंबित किया था लेकिन अब जब मामले में रिपोर्ट आ गई है और उन्हें दोषी नहीं पाया गया है तो विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद ने उनका निलंबन बहाल करने का फैसला लिया है.


Conclusion:इसके अलावा बैठक में एचपीयू में शिक्षकों ओर गैर शिक्षकों के आवेदन पत्रों की छंटनी और स्क्रीनिंग के लिए विश्वविद्यालय और बाहरी विश्वविद्यालय से आए हुए मनोनीत सदस्यों के मानदेय की राशि में एकमुश्त ₹2000 प्रतिदिन के हिसाब से देने की सहमति प्रदान की गई है. इसके साथ ही एचपीयू इक्डोल में चल रहे अनेक व्यक्तिगत संपर्क कार्यक्रम शैक्षणिक पाठ्यक्रम के लिए शैक्षणिक सत्र 2019-20 के तहत बुलाए गए अध्यापकों गेस्ट फैकेल्टी अध्यापकों को जहां 6000 से अधिक छात्रों की संख्या है उन्हें एकमुश्त ₹10 मूल्यांकन के लिए मानदेय प्रदान करने की मंजूरी दी बैठक में दी गई.

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सरकार के नियमों के तहत होगी एचपीयू कर्मचारियों की भर्ती ओर पदौन्नति

एचपीयू में विभिन्न पदों पर कार्यरत कर्मचारियों जिनमें प्लेसमेंट ऑफिसर, कनिष्ठ कार्यालय सहायक, दंत चिकित्सा अधिकारी, जनसंपर्क अधिकारी, भारी वाहन चालक और हल्के वाहन चालक परिचालक, लिपिक और विधि अधिकारी की विधि सहायक, कनिष्ठ सहायक, ऑटोमोबाइल हेल्पर, वेल्डर, सीवरमैन इत्यादि के पदों की भर्ती और पदोन्नति अब सरकार के नियमों के तहत ही होगी. एचपीयू कार्यकारिणी परिषद में सरकार की भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को अपनाए जाने के अनुमोदन को भी सबकी प्रदान की गई है.
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