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छठे वेतन आयोग को लेकर संघर्ष! पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में बनेगा कर्मचारी साझा मोर्चा

पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में भी कर्मचारी विभागों के संगठन का साझा मोर्चा बनेगा (Employee Joint Front in Himachal), जो हिमाचल प्रदेश में छठा वेतन आयोग हूबहू पंजाब द्वारा लागू किए गए छठे वेतन आयोग की तर्ज पर देने के लिए संघर्ष करेगा. यह फैसला अलग-अलग विभागों के संगठन प्रमुख और उनके कार्यकारिणी के कर्मचारी नेताओं ने रविवार को ऑनलाइन माध्यम से हुई एक बैठक में लिया. कर्मचारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में ज्वाइंट फ्रंट के बैनर तले सरकार को एक ज्ञापन भी दिया जाएगा और यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई, तो हिमाचल प्रदेश के लाखों कर्मचारी सड़कों पर लामबंद होंगे.

Virendra Chauhan Himachal
वीरेंद्र चौहान हिमाचल
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Published : Jan 16, 2022, 8:12 PM IST

शिमला: पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में भी कर्मचारी विभागों के संगठन का साझा मोर्चा बनेगा (Employee Joint Front in Himachal), जो हिमाचल प्रदेश में छठा वेतन आयोग हूबहू पंजाब द्वारा लागू किए गए छठे वेतन आयोग की तर्ज पर देने के लिए संघर्ष करेगा. यह फैसला अलग-अलग विभागों के संगठन प्रमुख और उनके कार्यकारिणी के कर्मचारी नेताओं ने रविवार को गूगल मीट के माध्यम से हुई एक बैठक में लिया.

इस बैठक में 15-16 कर्मचारी संगठनों ने भाग लिया और एकमत से सभी ने ज्वाइंट फंड बनाने का स्वागत किया. साथ ही हिमाचल प्रदेश में छठा वेतन आयोग हूबहू पंजाब द्वारा लागू किए गए छठे वेतन (6th pay commission in Himachal) आयोग की तर्ज पर देने की भी वकालत की. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जिस तरह से पंजाब में 1-10-2012 के वेतनमान संशोधन में इनिशियल स्टार्ट के आधार पर कैलकुलेशन करने तथा 2 साल के प्रोबेशन पीरियड के बजाय वेतनमान संशोधन की अवधि से ही संशोधित वेतनमान देने की अधिसूचना हुई है. उसी आधार पर छठा वेतन आयोग की गणना की गई है. जिसमें 4-9-14 के लाभ भी पंजाब में दिए गए हैं.

साथ ही 16 साल की अवधि से भत्तों को संशोधित (Revised pay commission in Himachal) नहीं करने का मामला भी बैठक के दौरान कर्मचारी नेताओं द्वारा उठाया गया. इसके अतिरिक्त अलग-अलग विभागों के कर्मचारी नेताओं ने भी अपने विचार साझा किए और शीघ्र ही ऑफलाइन बैठक कर ज्वाइंट फ्रंट के गठन की बात भी कही, जिससे कर्मचारियों के सभी मुद्दों को ज्वाइंट फ्रंट के माध्यम से सरकार तक पहुंचाया जा सके.

ऑनलाइन माध्यम से सभी नेताओं ने एक स्वर में सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए छठे वेतन आयोग (Himachal employees on pay commission) को हूबहू पंजाब के आधार पर दोबारा से शीघ्र अधिसूचित करने की और भत्तों की अधिसूचना करने की मांग उठाई गई. इस बैठक को हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान के द्वारा ऑर्गेनाइज किया गया था.

उन्होंने बताया कि मीटिंग के (Himachal government employees google meet) बहुत ही अच्छे परिणाम सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि आगे जल्द ही ऑफलाइन बैठक आयोजित कर कार्यकारिणी का विस्तार करके ज्वाइंट फ्रंट के बैनर तले सरकार को ज्ञापन दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ज्ञापन के जरिए सरकार को अल्टीमेटम दिया जाएगा कि यदि समय रहते सरकार ने कर्मचारियों की उक्त मांगों पर शीघ्र अधिसूचना जारी नहीं की, तो हिमाचल प्रदेश के लाखों कर्मचारी सड़कों पर लामबंद होंगे.

ये भी पढ़ें: सिरमौर में नशा तस्करों पर पुलिस का शिकंजा, 108 नशीले कैप्सूल के साथ व्यक्ति गिरफ्तार

शिमला: पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में भी कर्मचारी विभागों के संगठन का साझा मोर्चा बनेगा (Employee Joint Front in Himachal), जो हिमाचल प्रदेश में छठा वेतन आयोग हूबहू पंजाब द्वारा लागू किए गए छठे वेतन आयोग की तर्ज पर देने के लिए संघर्ष करेगा. यह फैसला अलग-अलग विभागों के संगठन प्रमुख और उनके कार्यकारिणी के कर्मचारी नेताओं ने रविवार को गूगल मीट के माध्यम से हुई एक बैठक में लिया.

इस बैठक में 15-16 कर्मचारी संगठनों ने भाग लिया और एकमत से सभी ने ज्वाइंट फंड बनाने का स्वागत किया. साथ ही हिमाचल प्रदेश में छठा वेतन आयोग हूबहू पंजाब द्वारा लागू किए गए छठे वेतन (6th pay commission in Himachal) आयोग की तर्ज पर देने की भी वकालत की. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जिस तरह से पंजाब में 1-10-2012 के वेतनमान संशोधन में इनिशियल स्टार्ट के आधार पर कैलकुलेशन करने तथा 2 साल के प्रोबेशन पीरियड के बजाय वेतनमान संशोधन की अवधि से ही संशोधित वेतनमान देने की अधिसूचना हुई है. उसी आधार पर छठा वेतन आयोग की गणना की गई है. जिसमें 4-9-14 के लाभ भी पंजाब में दिए गए हैं.

साथ ही 16 साल की अवधि से भत्तों को संशोधित (Revised pay commission in Himachal) नहीं करने का मामला भी बैठक के दौरान कर्मचारी नेताओं द्वारा उठाया गया. इसके अतिरिक्त अलग-अलग विभागों के कर्मचारी नेताओं ने भी अपने विचार साझा किए और शीघ्र ही ऑफलाइन बैठक कर ज्वाइंट फ्रंट के गठन की बात भी कही, जिससे कर्मचारियों के सभी मुद्दों को ज्वाइंट फ्रंट के माध्यम से सरकार तक पहुंचाया जा सके.

ऑनलाइन माध्यम से सभी नेताओं ने एक स्वर में सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए छठे वेतन आयोग (Himachal employees on pay commission) को हूबहू पंजाब के आधार पर दोबारा से शीघ्र अधिसूचित करने की और भत्तों की अधिसूचना करने की मांग उठाई गई. इस बैठक को हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान के द्वारा ऑर्गेनाइज किया गया था.

उन्होंने बताया कि मीटिंग के (Himachal government employees google meet) बहुत ही अच्छे परिणाम सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि आगे जल्द ही ऑफलाइन बैठक आयोजित कर कार्यकारिणी का विस्तार करके ज्वाइंट फ्रंट के बैनर तले सरकार को ज्ञापन दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ज्ञापन के जरिए सरकार को अल्टीमेटम दिया जाएगा कि यदि समय रहते सरकार ने कर्मचारियों की उक्त मांगों पर शीघ्र अधिसूचना जारी नहीं की, तो हिमाचल प्रदेश के लाखों कर्मचारी सड़कों पर लामबंद होंगे.

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