शिमला: प्रदेश सरकार स्कूलों में कार्यरत शास्त्री और भाषा अध्यापकों को टीजीटी शास्त्री, टीजीटी हिन्दी पदनाम देने पर विचार कर रही है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने संस्कृत को प्रदेश की दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया है.
संस्कृत भारती समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि राज्य में संस्कृत का प्रचार-प्रसार कर हिमाचल को देश भर में संस्कृत भाषा का माॅडल राज्य बनाया जाएगा और इस दिशा में प्रयास जारी हैं.
पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा संस्कृत विषय
शिक्षा मंत्री ने कहा कि संस्कृत भाषा एक देव भाषा भी है. संस्कृत के क्रियान्वयन के लिए संस्कृत विषय को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संस्कृत भारती के सहयोग से संस्कृत विषय की पाठय पुस्तकें भी तैयार की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी जिसकी प्रक्रिया जारी है.
प्रदेश में जल्द होगी संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना
संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कुछ स्थानों पर भूमि का निरीक्षण किया गया है और उपयुक्त स्थान निर्धारित होते ही विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त, संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए समिति भी गठित की गई है, जो इस सम्बन्ध में नियम व उप-नियम (बायलाॅज) तैयार करेगी.
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