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शहर की समस्याओं को लेकर DYFI ने MC को सौंपा ज्ञापन, कुत्तों व बंदरों से निजात दिलाने की मांग

डीवाईएफआई ने महापौर से कोरोना काल मे शहरवासियों को राहत देते हुए 5 महीने का कूड़ा शुल्क माफ करने की मांग की. साथ ही प्रॉपर्टी टैक्स में की गई बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है.

DYFI gives memorandum to Shimla mayor
शिमला मेयर, सत्या कौंडल
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Published : Aug 31, 2020, 3:20 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला में कुत्तों और बंदरों के आतंक से लोग परेशान है. आए दिन शहर में कुत्तों ओर बंदरो के काटने के मामले सामने आ रहे हैं. इसको लेकर सोमवार को अखिल भारतीय जनवादी नोजवान सभा ने नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल का घेराव किया और शहर के लोगों को कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है.

डीवाईएफआई ने महापौर से कोरोना काल मे शहरवासियों को राहत देते हुए 5 महीने का कूड़ा शुल्क माफ करने की मांग की. डीवाईएफआई ने महापौर से आग्रह किया कि नगर निगम शहर में कूड़ा शुल्क माफ करने के साथ ही प्रोपर्टी टैक्स में की गई बढ़ोतरी को वापस ले. डीवाईएफआई के शिमला शहरी सचिव अमित ने कहा कि शहर की समस्याओं को लेकर महापौर को ज्ञापन सौंपा है. शहर में कुत्तों और बंदरों ने लोगों का चलना मुश्किल कर दिया है.

वीडियो रिपोर्ट

बंदर लोगों का सामान छीन रहे हैं और अस्पतालों में इनके हर रोज काटने के मामले आ रहे हैं. इसको लेकर नगर निगम से कोई योजना बनाकर कुत्तों के लिए डॉग हट बनाने का आग्रह किया है. इसके अलावा कोरोना काल मे नगर निगम लोगो से एक साथ पांच महीने का कूड़ा शुल्क वसूल रहा है जबकि ऐसे समय मे निगम को शुल्क माफ करना चाहिए.

वहीं, नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि शहर के कुत्तों के लिए वार्डों में डॉग हट्स बनाए जाएंगे जहां शहर में आवारा कुत्तों को रखा जाएगा. इसके अलावा बंदरों की नसबंदी का कार्य शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि कूड़ा शुल्क माफ करने के लिए आज होने वाली मासिक बैठक में फैसला लिया जाएगा और सरकार को कूड़ा शुल्क माफ करने को लेकर प्रस्ताव भेजा जाएगा.

बता दें कि शहर में माल रोड और रिज मैदान पर कुत्ते झुंड बना कर घूमते रहते हैं. कई बार लोगों पर भी झपट पड़ते हैं. लोगों ने नगर निगम से कुत्तों को यहां से हटाने को लेकर कई बार गुहार लगाई लेकिन निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

ये भी पढ़ेंः इस परियोजना से संवर रहे पुराने जलस्त्रोत, लोगों की आर्थिक स्थिति को सुधारने की भी हो रही कोशिश

शिमला: राजधानी शिमला में कुत्तों और बंदरों के आतंक से लोग परेशान है. आए दिन शहर में कुत्तों ओर बंदरो के काटने के मामले सामने आ रहे हैं. इसको लेकर सोमवार को अखिल भारतीय जनवादी नोजवान सभा ने नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल का घेराव किया और शहर के लोगों को कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है.

डीवाईएफआई ने महापौर से कोरोना काल मे शहरवासियों को राहत देते हुए 5 महीने का कूड़ा शुल्क माफ करने की मांग की. डीवाईएफआई ने महापौर से आग्रह किया कि नगर निगम शहर में कूड़ा शुल्क माफ करने के साथ ही प्रोपर्टी टैक्स में की गई बढ़ोतरी को वापस ले. डीवाईएफआई के शिमला शहरी सचिव अमित ने कहा कि शहर की समस्याओं को लेकर महापौर को ज्ञापन सौंपा है. शहर में कुत्तों और बंदरों ने लोगों का चलना मुश्किल कर दिया है.

वीडियो रिपोर्ट

बंदर लोगों का सामान छीन रहे हैं और अस्पतालों में इनके हर रोज काटने के मामले आ रहे हैं. इसको लेकर नगर निगम से कोई योजना बनाकर कुत्तों के लिए डॉग हट बनाने का आग्रह किया है. इसके अलावा कोरोना काल मे नगर निगम लोगो से एक साथ पांच महीने का कूड़ा शुल्क वसूल रहा है जबकि ऐसे समय मे निगम को शुल्क माफ करना चाहिए.

वहीं, नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि शहर के कुत्तों के लिए वार्डों में डॉग हट्स बनाए जाएंगे जहां शहर में आवारा कुत्तों को रखा जाएगा. इसके अलावा बंदरों की नसबंदी का कार्य शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि कूड़ा शुल्क माफ करने के लिए आज होने वाली मासिक बैठक में फैसला लिया जाएगा और सरकार को कूड़ा शुल्क माफ करने को लेकर प्रस्ताव भेजा जाएगा.

बता दें कि शहर में माल रोड और रिज मैदान पर कुत्ते झुंड बना कर घूमते रहते हैं. कई बार लोगों पर भी झपट पड़ते हैं. लोगों ने नगर निगम से कुत्तों को यहां से हटाने को लेकर कई बार गुहार लगाई लेकिन निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

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