शिमला: अस्पतालाें में आने वाले मरीजाें दिक्कतें अभी कम नहीं हाेंगी. उन्हें सुबह दाे घंटे तक परेशानी झेलनी ही पड़ेगी. हालांकि उन्हें यह राहत है कि डाॅक्टर पूरा दिन की स्ट्राइक नहीं करेंगे. साेमवार काे डाॅक्टराें की संयुक्त संघर्ष समिति की वर्चुअल बैठक समिति के अध्यक्ष डाॅ. राजेश सूद की अध्यक्षता में हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वस्थ होकर प्रदेश वापिस नहीं लौटते तब तक चिकित्सक संघर्ष को और तेज नहीं करेंगे.
मगर दाे घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक और गेट मीटिंग्स सुबह 9.30 से 11.30 बजे तक यथावत जारी रहेगी. बैठक के दौरान समिति के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश सूद ने प्रदेश के सभी चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया कि वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं और सब एक दूसरे को पूर्ण रुप से समर्थन दे रहे हैं. वहीं, प्रदेश चिकित्सक संघर्ष समिति के महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा प्रदेश की जनता से अपील करते हुए कहा कि वह चिकित्सकों इस संघर्ष मेंं सरकार को जगाने के लिए सहयोग करें.
बैठक में डाॅ. मुकुल भटनागर, डाॅ. घनश्याम वर्मा, डॉ. माेनिक (Doctors strike in Himachal Pradesh) सहगल, डाॅ. विशाल जमवाल, डाॅ. दिलबाग ठाकुर, डाॅ. अंकुर गौतम, डाॅ. आदित्य कश्यप, डाॅ. मधुर गुप्ता, डाॅ. प्रदीप कश्यप, डाॅ. अरुण राणा माैजूद रहे.
इमरजेंसी सेवाएं नहीं हाेंगी प्रभावित: प्रदेश चिकित्सक संघर्ष समिति के महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया कि पेन डाउन स्ट्राइक सुबह दो घंटे की लिए की जा रही है और पूरा दिन लोगों को सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि पेन डाउन स्ट्राइक के दौरान सभी चिकित्सकों ने आपातकालीन सेवाएं जारी रखीं और आगे भी यह सेवाएं जारी रहेंगी. उन्हाेंने कहा कि डाॅक्टर अन्य मरीजाें काे भी परेशान नहीं करना चाहते और रेगुलर सेवाएं देना चाहते हैं. उन्होंने एक बार फिर सरकार से चिकित्सकों के मसले को गंभीरतापूर्वक लेने की भी सरकार से गुजारिश की.
इसलिए कर रहे हड़ताल: प्रदेश में चिकित्सक पे-स्केल पर सीलिंग लिमिट 2,37,600 से घटाकर 2,18,600 करने से डॉक्टर नाराज हैं. डॉक्टरों का कहना है कि सीलिंग लिमिट घटने से डॉक्टरों को करीब 19 हजार रुपये का नुकसान हाे रहा है. उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि पंजाब की तर्ज पर डॉक्टर के लिए हिमाचल में भी सीलिंग लिमिट 2,37,600 ही होनी चाहिए.
हालांकि डॉक्टरों की मांगों पर 18 फरवरी को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ बैठक निर्धारित हुई थी, लेकिन मुख्यमंत्री अचानक तबीयत बिगड़ने से डॉक्टरों की मांगों पर फैसला नहीं हो पाया था. ऐसे में डॉक्टरों को अब दोबारा से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ बैठक होने का इंतजार है. इसके अतिरिक्त चिकित्सक पे स्केल पर सीलिंग लीमिट बढ़ाने के अलावा डॉक्टर नॉन प्रेक्टिव एलाउंस को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. सरकार ने एनपीए जो पहले 25 फीसदी था, अब उसे घटाकर 20 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा मेडिकल ऑफिसर को 4-9-14 का लाभ नहीं मिल रहा है. जिसे लेकर चिकित्सक सरकार से नाराज चल रहे हैं.
ये भी पढ़ें- सीएम जयराम ठाकुर को मिली एम्स से छुट्टी, कल शिमला पहुंचते ही इस बैठक में ले सकते हैं हिस्सा