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धनतेरस पर सजा शिमला का सर्राफा बाजार, सोना-चांदी और बर्तन खरीद रहे लोग

शुक्रवार को धनतेरस का त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है और पूरा बाजार लोगों की खरीददारी के लिए सज चुका है. इसी कड़ी में राजधानी में भी ये त्योहार हर्ष के साथ मनाया जा रहा है. धनतेरस पर चांदी, सोना, कांसा, तांबे के बर्तनों की खरीद का विशेष महत्व है.

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Published : Oct 25, 2019, 12:55 PM IST

Updated : Oct 25, 2019, 4:13 PM IST

शिमला: धनतेरस के लिए राजधानी का बाजार पूरी तरह से सज चुका है. लोग इस खास दिन पर बाजारों में जहां सोने-चांदी के आभूषणों की खरीदारी कर रहे हैं, तो वहीं बर्तनों की भी जमकर खरीददारी हो रही है.

बता दें कि शुक्रवार को धनतेरस का त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है और पूरा बाजार लोगों की खरीददारी के लिए सज चुका है. इसी कड़ी में राजधानी में भी ये त्योहार हर्ष के साथ मनाया जा रहा है. धनतेरस पर चांदी, सोना, कांसा, तांबे के बर्तनों की खरीद का विशेष महत्व है.

राजधानी के सर्राफा बाजार में भी इस खास दिन के लिए सोने-चांदी की अलग-अलग किस्म की वस्तुएं बाजार में मौजूद हैं. बाजार में छोटे से लेकर बड़े सिक्के उपलब्ध हैं, तो वहीं भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, कुबेर के साथ ही राधाकृष्ण सहित अन्य कई सोने-चांदी की मूर्तियां आभूषणों की दुकानों पर उपलब्ध हैं. साथ ही चांदी का लोटा, गिलास और थाली प्लेट और डिनर सेट धनतेरस के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

सर्राफा व्यापारी अतुल टांगरी ने बताया कि इस चांदी के सिक्कों के साथ ही लोग सोने के सिक्के भी इस खास दिन पर खरीदतें हैं. साथ ही लोगों ने पहले से ही धनतेरस को लेकर एडवांस बुकिंग करवा रखी है. ऐसे में उम्मीद है कि धनतेरस पर अच्छा व्यापार होगा. उन्होंने कहा कि सोने, चांदी की कीमतें कितनी ही बढ़ जाए, लेकिन इनकी खरीदारी में कभी कमी नहीं आती.


बर्तनों के व्यापारी एल अग्रवाल में बताया कि धनतेरस पर लोग जमकर बर्तनों की खरीदारी करते हैं. इस दिन पर कांसे के बर्तनों का साथ ही पीतल, ताबां सभी तरह के बर्तनों की भारी मांग रहती है. उन्होंने बताया कि इस बार कांसे और तांबे में अलग-अलग डिजाइन के बतर्न बाजारों में उपलब्ध हैं. जिसमें थाली, कटोरी के साथ ही पूजा की थाली शामिल है.

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पंडित किशोरी लाल ने बताया कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. इस दिन समुद्र मंथन से भगवान धनवंतरी उत्पन्न हुए थे. उत्पन्न होने के समय इनके हाथ में एक अमृत कलश था, जिसके चलते धनतेरस पर बर्तन खरीदने का भी रिवाज है. इस दिन खरीदारी करने से तेरह गुणा वृद्धि होती है. उन्होंने बताया कि इस दिन मां लक्ष्मी, गणेश, भगवान धनवंतरी के साथ ही कुबेर जी की पूजा का खास महत्व है.

बता दें कि धनतेरस से दीवाली पर्व की शुरुआत होती है और भाई दूज तक ये त्योहार मनाया जाता है. धनतेरस पर माता लक्ष्मी और भगवान कुबरे के साथ ही गणेश की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इस दिन नया समान जैसे सोना,चांदी और बर्तन की खरीदारी करने से पूरे साल मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.

शिमला: धनतेरस के लिए राजधानी का बाजार पूरी तरह से सज चुका है. लोग इस खास दिन पर बाजारों में जहां सोने-चांदी के आभूषणों की खरीदारी कर रहे हैं, तो वहीं बर्तनों की भी जमकर खरीददारी हो रही है.

बता दें कि शुक्रवार को धनतेरस का त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है और पूरा बाजार लोगों की खरीददारी के लिए सज चुका है. इसी कड़ी में राजधानी में भी ये त्योहार हर्ष के साथ मनाया जा रहा है. धनतेरस पर चांदी, सोना, कांसा, तांबे के बर्तनों की खरीद का विशेष महत्व है.

राजधानी के सर्राफा बाजार में भी इस खास दिन के लिए सोने-चांदी की अलग-अलग किस्म की वस्तुएं बाजार में मौजूद हैं. बाजार में छोटे से लेकर बड़े सिक्के उपलब्ध हैं, तो वहीं भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, कुबेर के साथ ही राधाकृष्ण सहित अन्य कई सोने-चांदी की मूर्तियां आभूषणों की दुकानों पर उपलब्ध हैं. साथ ही चांदी का लोटा, गिलास और थाली प्लेट और डिनर सेट धनतेरस के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

सर्राफा व्यापारी अतुल टांगरी ने बताया कि इस चांदी के सिक्कों के साथ ही लोग सोने के सिक्के भी इस खास दिन पर खरीदतें हैं. साथ ही लोगों ने पहले से ही धनतेरस को लेकर एडवांस बुकिंग करवा रखी है. ऐसे में उम्मीद है कि धनतेरस पर अच्छा व्यापार होगा. उन्होंने कहा कि सोने, चांदी की कीमतें कितनी ही बढ़ जाए, लेकिन इनकी खरीदारी में कभी कमी नहीं आती.


बर्तनों के व्यापारी एल अग्रवाल में बताया कि धनतेरस पर लोग जमकर बर्तनों की खरीदारी करते हैं. इस दिन पर कांसे के बर्तनों का साथ ही पीतल, ताबां सभी तरह के बर्तनों की भारी मांग रहती है. उन्होंने बताया कि इस बार कांसे और तांबे में अलग-अलग डिजाइन के बतर्न बाजारों में उपलब्ध हैं. जिसमें थाली, कटोरी के साथ ही पूजा की थाली शामिल है.

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पंडित किशोरी लाल ने बताया कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. इस दिन समुद्र मंथन से भगवान धनवंतरी उत्पन्न हुए थे. उत्पन्न होने के समय इनके हाथ में एक अमृत कलश था, जिसके चलते धनतेरस पर बर्तन खरीदने का भी रिवाज है. इस दिन खरीदारी करने से तेरह गुणा वृद्धि होती है. उन्होंने बताया कि इस दिन मां लक्ष्मी, गणेश, भगवान धनवंतरी के साथ ही कुबेर जी की पूजा का खास महत्व है.

बता दें कि धनतेरस से दीवाली पर्व की शुरुआत होती है और भाई दूज तक ये त्योहार मनाया जाता है. धनतेरस पर माता लक्ष्मी और भगवान कुबरे के साथ ही गणेश की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इस दिन नया समान जैसे सोना,चांदी और बर्तन की खरीदारी करने से पूरे साल मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.

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धनतेरस के लिए राजधानी शिमला का बाजार पूरी तरह से सज चुका है। धन तेरस शुक्रवार को है और इस खास दिन पर बाजारों में लोग जमकर खरीदारी करते है। ऐसे में शिमला का बाज़ार भी इस पर्व के लिए सजकर पूरी तरह से तैयार है। धनतेरस पर चांदी,सोने के साथ ही कांसे,तांबे के बर्तनों की खरीद का विशेष महत्व है। लोग इस खास दिन पर बाजारों में जहां सोने चांदी के आभूषणों की खरीदारी करते है तो वहीं बर्तनों की भी जमकर खरीदारी करते है। धनतेरस पर किसी भी नई वस्तु की खरीद का महत्व रहता है ऐसे में लोगों ने भी इस खास दिन पर खरीद के लिए अपना बजट तय कर लिया है। सोने, चांदी के वस्तुओं की क़ीमत जहां हजारों से शुरू हो कर लाखों तक कि है। वहीं बर्तनों की कीमत 100 रुपये से हजारों तक कि है।


Body:सराफा बाजार भी इस खास दिन के लिए अलग-अलग सोने चांदी की आइटम्स लोगों के लिए लाया है। यहां तक कि चांदी में जहां छोटे सिक्कों से लेकर बड़े सिक्कें उपलब्ध है तो वहीं भगवान गणेश, मां लक्ष्मी,कुबरे के साथ ही राधाकृष्ण सहित अन्य क़ई मूर्तियां चांदी में आभूषणों की दुकानों पर उपलब्ध है। इसके साथ ही चांदी का लोटा,गिलास ओर थाली प्लेट के साथ ही डिनर सेट तक सभी चांदी में खास रूप से धनतेरस के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे है। वहीं सोने के सिक्कों के साथ ही सोने के भी क़ई तरह के आभूषण दुकानों में सजाए जा चुके है। वहीं चांदी ओर सराफा व्यापारी अतुल टांगरी ने बताया कि इस बार उम्मीद है कि धनतेरस पर अच्छा व्यापार होगा। चांदी के सिक्कों के साथ ही लोग सोने के सिक्के भी इस खास दिन पर खरीदतें है। वहीं इस बात पहले से ही धनतेरस को लेकर लोगों ने एडवांस में ही बुकिंग करवा रखी हैं। अब धनतेरस पर भी बड़ा कारोबार होने का आसार है। उन्होंने कहा कि चाहे सोने,चांदी की कीमतें कितनी ही बढ़ जाए लेकिन इनकी खरीदारी में कभी कमी नहीं आती। बल्कि लोग इसे ज्यादा ख़रीदते है।


Conclusion:वहीं बर्तनों का व्यापारी ।।।।अग्रवाल में बतया की धनतेरस पर लोग जमकर बर्तनों की खरीदारी करते है। इस दिन पर कांसे के बर्तनों का साथ ही पीतल ,ताबां सभी तरह के बर्तनों की भारी मांग रहती है। इस बार कांसे ओर तांबे के बर्तनों में भी अलग-अलग डिजाइन के बतर्न बाजारों में उपलब्ध है। इसमें थाली, कटोरी के साथ ही पूजा की थाली ओर बड़े बर्तन भी डिजाइन में बाजारों में उपलब्ध है। धनतेरस से पहले ही बाजारों में खूब रौनक में है। लोग खरीदारी के लिए बाजारों में पहुंच रहे है ओर दीवाली के शुभ त्यौहार के लिए ख़रीदारी कर रहे है। बता दे की धनतेरस से दीवाली पर्व की शुरुआत होती है जो भाई दूज तक होती है। धनतेरस पर माता लक्ष्मी और भगवान कुबरे के साथ ही गणपति की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन नया समान जैसे सोना,चांदी ओर बर्तन की खरीदारी करने से पूरे साल मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

बॉक्स:
धनतेरस पर उत्पन्न हुए थे भगवान धन्वंतरि
पंडित किशोरी लाल के मुताबिक कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि उत्पन्न हुए थे। इनके उत्पन्न होने के समय इनके हाथ में एक अमृत कलश था जिसके चलते धनतेरस पर बर्तन ख़रीदने का भी रिवाज़ है। इस दिन खरीदारी करने से तेरह गुणा वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि इस दिन पर मां लक्ष्मी, गणेश, भगवान धन्वंतरि के साथ ही कुबेर जी की पूजा का खास महत्व है। इसके साथ ही इस दिन पर सोने,चांदी के आभूषणों के साथ ही कांसे,तांबे के बर्तन खरीदना भी शुभ फलदाई होता है।
Last Updated : Oct 25, 2019, 4:13 PM IST
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