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शिमला जिले में हो रही खाद की कमी, अब बागवानों ने सरकार से लगाई गुहार

शिमला जिले में खाद की कमी को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त (HIMFED President Ganesh Dutt) से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने कहना है कि ये समय सेब बगीचों के रख रखाव का रहता है. लेकिन कई केंद्रों में खाद की कमी चल रही है, जिससे बागवान समय पर अपनी बगीचों में खाद नहीं डाल पा रहे है. वहीं, गणेश दत्त ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन देते हुए बताया कि अगले दो दिनों के भीतर सभी केंद्रों में खाद उपलब्ध हो जाएगी.

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Published : Feb 21, 2022, 6:40 PM IST

रामपुर: शिमला जिले में खाद की कमी को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त (HIMFED President Ganesh Dutt) से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने कहना है कि ये समय सेब बगीचों के रख रखाव का रहता है. लेकिन कई केंद्रों में खाद की कमी चल रही है, जिससे बागवान समय पर अपनी बगीचों में खाद नहीं डाल पा रहे है. इस प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता हिमकोफेड के चेयरमैन कौल सिंह नेगी (Himcofed Chairman Kaul Singh Negi) ने की.

हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और खाद की कमी को (shortage of manure in Shimla district) लेकर संबंधित अधिकारियों से बात भी की. कौल सिंह नेगी के साथ कुंगलबाल्टी की पंचायत प्रधान निशा, युवा मोर्चा चौपाल के अध्यक्ष अतुल शर्मा भी मौजूद रहे. इस दौरान युवा मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि फरवरी माह में सेब बगीचों में खाद डाली जाती है, जिसमें पोटाश की जरूरत सबसे ज्यादा रहती है. वहीं, रामपुर उपमंडल के हिमफेड निदेशक नरेश चौहान ने कहा कि सुफला, पोटाश व 12-32-16 की डिमांड काफी आ रही है. जबकि, युरिया का स्टाक पर्याप्त मात्रा में पड़ा हुआ है.

हिमकोफेड के चेयरमैन कौल सिंह नेगी ने कहा कि जल्द केंद्रों में खाद उपलब्ध करवाई जाएगी, ताकि बागवान सही समय में अपने अपने बगीचों में खाद डाल सकें. वहीं, हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन देते हुए बताया कि अगले दो दिनों के भीतर सभी केंद्रों में खाद उपलब्ध हो जाएगी. कौल सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का ऊपरी क्षेत्र एक सेब बाहुल्य क्षेत्र है, यहां की आर्थिक सेब पर ही निर्भर करती है. ऐसे में बागवानों को समय पर खाद उपलब्ध करवाना हमारा प्रयास रहेगा और सरकार भी लगातार बागवानों के हित में कार्य कर रही है.

ये भी पढ़ें: विधानसभा सत्र के लिए कांग्रेस के पास नहीं कोई मुद्दा: सुरेश भारद्वाज

रामपुर: शिमला जिले में खाद की कमी को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त (HIMFED President Ganesh Dutt) से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने कहना है कि ये समय सेब बगीचों के रख रखाव का रहता है. लेकिन कई केंद्रों में खाद की कमी चल रही है, जिससे बागवान समय पर अपनी बगीचों में खाद नहीं डाल पा रहे है. इस प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता हिमकोफेड के चेयरमैन कौल सिंह नेगी (Himcofed Chairman Kaul Singh Negi) ने की.

हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और खाद की कमी को (shortage of manure in Shimla district) लेकर संबंधित अधिकारियों से बात भी की. कौल सिंह नेगी के साथ कुंगलबाल्टी की पंचायत प्रधान निशा, युवा मोर्चा चौपाल के अध्यक्ष अतुल शर्मा भी मौजूद रहे. इस दौरान युवा मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि फरवरी माह में सेब बगीचों में खाद डाली जाती है, जिसमें पोटाश की जरूरत सबसे ज्यादा रहती है. वहीं, रामपुर उपमंडल के हिमफेड निदेशक नरेश चौहान ने कहा कि सुफला, पोटाश व 12-32-16 की डिमांड काफी आ रही है. जबकि, युरिया का स्टाक पर्याप्त मात्रा में पड़ा हुआ है.

हिमकोफेड के चेयरमैन कौल सिंह नेगी ने कहा कि जल्द केंद्रों में खाद उपलब्ध करवाई जाएगी, ताकि बागवान सही समय में अपने अपने बगीचों में खाद डाल सकें. वहीं, हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन देते हुए बताया कि अगले दो दिनों के भीतर सभी केंद्रों में खाद उपलब्ध हो जाएगी. कौल सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का ऊपरी क्षेत्र एक सेब बाहुल्य क्षेत्र है, यहां की आर्थिक सेब पर ही निर्भर करती है. ऐसे में बागवानों को समय पर खाद उपलब्ध करवाना हमारा प्रयास रहेगा और सरकार भी लगातार बागवानों के हित में कार्य कर रही है.

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