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शीत कालीन सत्र को लेकर सर्वदलीय बैठक, अब सरकार लेगी अंतिम फैसला

राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा 31 मार्च तक कभी भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र दिसंबर में शीत कालीन सत्र करवाने की बाध्यता नहीं है.

assembly winter session
हिमाचल शीत कालीन सत्र
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Published : Nov 27, 2020, 1:36 PM IST

Updated : Nov 27, 2020, 2:01 PM IST

शिमला: प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना के बढ़ते मामले के चलते हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीत कालीन सत्र आगे टल सकता है. प्रदेश विधानसभा का शीत सत्र धर्मशाला हो या शिमला इसके बारे में प्रदेश सरकार निर्णय लेगी. सर्वदलीय बैठक में हुए फैसले के अनुसार विधानसभा सत्र को लेकर सरकार पर छोड़ा फैसला. अब सत्र के लेकर अंतिम फैसला प्रदेश कैबिनेट में होगा.

दिसंबर में शीत कालीन सत्र करवाने की बाध्यता नहीं: सुरेश भारद्वाज

राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा 31 मार्च तक कभी भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र दिसंबर में शीत कालीन सत्र करवाने की बाध्यता नहीं है. यह बैठक विधानसभा परिसर में हुई. इस बैठक में सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज शामिल हुए, जबकि कांग्रेस विधायक दल की ओर से नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री इस बैठक में अपना पक्ष रखा.

विक्रमदित्य सिंह की सरकार से अपील

इससे पहले शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस बार धर्मशाला की जगह शिमला में ही विधानसभा सत्र बुलाया जाना चाहिए. इस आर्थिक संकट के दौर में इस खर्च से बचने के लिए प्रदेश हित मे शिमला में ही विधानसभा का सत्र बुलाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी विधायकों के सरकारी आवास शिमला में ही है. इसलिए उनके रहने खाने-पीने की भी कोई समस्या नहीं होगी और सभी एक जगह से दूसरी जगह आने जाने से भी बचेंगे.

ये भी पढ़ें- सरकार की नीतियों के खिलाफ CITU ने खोला मोर्चा, हमीरपुर में किया प्रदर्शन

ये भी पढ़ें- केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल

शिमला: प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना के बढ़ते मामले के चलते हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीत कालीन सत्र आगे टल सकता है. प्रदेश विधानसभा का शीत सत्र धर्मशाला हो या शिमला इसके बारे में प्रदेश सरकार निर्णय लेगी. सर्वदलीय बैठक में हुए फैसले के अनुसार विधानसभा सत्र को लेकर सरकार पर छोड़ा फैसला. अब सत्र के लेकर अंतिम फैसला प्रदेश कैबिनेट में होगा.

दिसंबर में शीत कालीन सत्र करवाने की बाध्यता नहीं: सुरेश भारद्वाज

राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा 31 मार्च तक कभी भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र दिसंबर में शीत कालीन सत्र करवाने की बाध्यता नहीं है. यह बैठक विधानसभा परिसर में हुई. इस बैठक में सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज शामिल हुए, जबकि कांग्रेस विधायक दल की ओर से नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री इस बैठक में अपना पक्ष रखा.

विक्रमदित्य सिंह की सरकार से अपील

इससे पहले शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस बार धर्मशाला की जगह शिमला में ही विधानसभा सत्र बुलाया जाना चाहिए. इस आर्थिक संकट के दौर में इस खर्च से बचने के लिए प्रदेश हित मे शिमला में ही विधानसभा का सत्र बुलाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी विधायकों के सरकारी आवास शिमला में ही है. इसलिए उनके रहने खाने-पीने की भी कोई समस्या नहीं होगी और सभी एक जगह से दूसरी जगह आने जाने से भी बचेंगे.

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Last Updated : Nov 27, 2020, 2:01 PM IST
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