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महंगाई के विरोध में सीपीएम, 2 अप्रैल को करेगा प्रदर्शन - महंगाई के खिलाफ सीपीएम का प्रदर्शन

देश व प्रदेश में बढ़ रही महंगाई के विरोध में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए जा रहे (CPI M protest against inflation in himachal) हैं. कहीं मोदी सरकार के खिलाफ रैलियां निकाली जा रही है तो कहीं सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इसी के तहत अब सीपीएम भी 2 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश के अंदर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन (CPI M protest against rising inflation) करेगी.

CPM protest against inflation in himachal
महंगाई के विरोध में सीपीएम,
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Published : Mar 31, 2022, 3:12 PM IST

शिमला: देश व प्रदेश में आए दिन महंगाई बढ़ती जा रही है. जिसके तहत हिमाचल प्रदेश में भी जगह-जगह महंगाई के विरुद्ध प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं अब सीपीएम भी 2 अप्रैल को प्रदेश के अंदर भाजपा की मोदी सरकार द्वारा महंगाई बढ़ाने वाली नीतियों के विरोध में प्रदर्शन (CPI M protest against inflation in himachal) करेंगे. राज्य सचिव मंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के चलते पेट्रोलियम पदार्थों, रसोई गैस, खाद्य व अन्य वस्तुओं की कीमतों में निरंतर वृद्धि की जा रही है.

हाल ही में रसोई गैस के घरेलू सिलेंडर में 50 रुपये की वृद्धि कर इसकी कीमत 1052 रुपये कर दी गई है और गत 10 दिनों में पेट्रोल के दाम में 6.40 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है. आज यह 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक भाव पर बिक रहा है. इसी तरह से डीजल की कीमतों में भी वृद्धि की जा रही है. जबकि पिछले एक सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 27% की कमी आई है. सरकार की इन नीतियों के चलते देश में कमरतोड़ महंगाई बढ़ रही है और आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा कि पार्टी मांग करती है कि सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर केंद्रीय कर, सेस व सरचार्ज में तुरंत कटौती कर आमजन को महंगाई से राहत प्रदान (CPI M protest against central government) करे. गैर आयकरदाताओं के खाते में सरकार 7500 रुपये प्रति माह डाले और इनको 35 किलो राशन मुफ्त उपलब्ध करवाया जाए. आमजन से भी अपील करती है कि मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों को पलटने के लिए महंगाई के विरुद्ध इस प्रदर्शन का हिस्सा बने.

उनका कहना था कि 2014 में जबसे देश में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी है तबसे लेकर सरकार की नीतियों के कारण देश में महंगाई, बेरोजगारी व कृषि का संकट बढ़ा (CPI M protest against rising inflation) है. एक ओर सरकार पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं का निजीकरण और देश के सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने का कार्य कर रही है और दूसरी ओर पेट्रोलियम पदार्थों, रसोई गैस, खाद्य व अन्य वस्तुओं पर टैक्स व सेस बढ़ाकर आम जनता पर आर्थिक बोझ डाल रही है.

इन्हीं नीतियों के चलते सरकार द्वारा अपने चेहते अडानी अंबानी व अन्य कॉरपोरेट घरानों और कंपनियों को लाखों करोड़ों रुपए की छूट दी जा रही है जिसके कारण आज अमीर और अमीर व गरीब और गरीब हो रहा है. इससे देश में एक ओर अरबपतियों की संख्या बढ़ रही है और दूसरी ओर रोजगार समाप्त हो रहा है और बेरोजगारी बढ़ रही है. इससे आम जनता के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. सीपीएम मोदी सरकार की महंगाई, बेरोजगारी व कृषि संकट पैदा करने वाली इन आमजन विरोधी कॉरपोरेट परस्त नव उदारवादी नीतियों को बदलने और जनहित की वैकल्पिक नीतियों के लिए जनता को लामबंद कर अपने संघर्ष को तेज करेगी और तब तक जारी रखेगी जब तक इन नीतियों न बदला जाएगा.

ये भी पढ़ें: शिमला में मंहगाई के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल, राजीव शुक्ला ने केंद्र को घेरा

शिमला: देश व प्रदेश में आए दिन महंगाई बढ़ती जा रही है. जिसके तहत हिमाचल प्रदेश में भी जगह-जगह महंगाई के विरुद्ध प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं अब सीपीएम भी 2 अप्रैल को प्रदेश के अंदर भाजपा की मोदी सरकार द्वारा महंगाई बढ़ाने वाली नीतियों के विरोध में प्रदर्शन (CPI M protest against inflation in himachal) करेंगे. राज्य सचिव मंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के चलते पेट्रोलियम पदार्थों, रसोई गैस, खाद्य व अन्य वस्तुओं की कीमतों में निरंतर वृद्धि की जा रही है.

हाल ही में रसोई गैस के घरेलू सिलेंडर में 50 रुपये की वृद्धि कर इसकी कीमत 1052 रुपये कर दी गई है और गत 10 दिनों में पेट्रोल के दाम में 6.40 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है. आज यह 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक भाव पर बिक रहा है. इसी तरह से डीजल की कीमतों में भी वृद्धि की जा रही है. जबकि पिछले एक सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 27% की कमी आई है. सरकार की इन नीतियों के चलते देश में कमरतोड़ महंगाई बढ़ रही है और आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा कि पार्टी मांग करती है कि सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर केंद्रीय कर, सेस व सरचार्ज में तुरंत कटौती कर आमजन को महंगाई से राहत प्रदान (CPI M protest against central government) करे. गैर आयकरदाताओं के खाते में सरकार 7500 रुपये प्रति माह डाले और इनको 35 किलो राशन मुफ्त उपलब्ध करवाया जाए. आमजन से भी अपील करती है कि मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों को पलटने के लिए महंगाई के विरुद्ध इस प्रदर्शन का हिस्सा बने.

उनका कहना था कि 2014 में जबसे देश में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी है तबसे लेकर सरकार की नीतियों के कारण देश में महंगाई, बेरोजगारी व कृषि का संकट बढ़ा (CPI M protest against rising inflation) है. एक ओर सरकार पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं का निजीकरण और देश के सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने का कार्य कर रही है और दूसरी ओर पेट्रोलियम पदार्थों, रसोई गैस, खाद्य व अन्य वस्तुओं पर टैक्स व सेस बढ़ाकर आम जनता पर आर्थिक बोझ डाल रही है.

इन्हीं नीतियों के चलते सरकार द्वारा अपने चेहते अडानी अंबानी व अन्य कॉरपोरेट घरानों और कंपनियों को लाखों करोड़ों रुपए की छूट दी जा रही है जिसके कारण आज अमीर और अमीर व गरीब और गरीब हो रहा है. इससे देश में एक ओर अरबपतियों की संख्या बढ़ रही है और दूसरी ओर रोजगार समाप्त हो रहा है और बेरोजगारी बढ़ रही है. इससे आम जनता के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. सीपीएम मोदी सरकार की महंगाई, बेरोजगारी व कृषि संकट पैदा करने वाली इन आमजन विरोधी कॉरपोरेट परस्त नव उदारवादी नीतियों को बदलने और जनहित की वैकल्पिक नीतियों के लिए जनता को लामबंद कर अपने संघर्ष को तेज करेगी और तब तक जारी रखेगी जब तक इन नीतियों न बदला जाएगा.

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