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Shimla MC Election: शिमला नगर निगम चुनाव को लेकर माकपा की मांग, फिर से हो वार्डों का डिलिमिटेशन - Sanjay Chauhan CPIM

हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से शिमला नगर निगम (Shimla MC Election) के दाे वार्डों में दोबारा डिलिमिटेशन के निर्देश के बाद माकपा ने सरकार पर निशाना साधा है. माकपा के सचिव और पूर्व मेयर संजय चाैहान ने कहा कि सरकार असंवैधानिक काम कर रही है, सभी वार्डाें काे एक बराबर बांटना चाहिए था.

Shimla Municipal Corporation
माकपा के सचिव संजय चाैहान
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Published : Jun 4, 2022, 7:43 PM IST

शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से शिमला नगर निगम के दाे वार्डों में दोबारा डिलिमिटेशन के निर्देश के बाद माकपा ने सरकार पर निशाना साधा है. शिमला में पत्रकाराें से बात करते हुए माकपा के सचिव और पूर्व मेयर संजय चाैहान ने कहा कि पार्टी ने पहले ही वार्डों के पुर्नेसीमांकन काे 34 से 41 बनाने काे लेकर सवाल उठाए थे. बीजेपी ने हार के डर से वार्डो के अंदर तोड़फोड़ की, अब जब वार्डों की चुनौती (नाभा, समरहिल) याचिका को मंजूर किया गया है, सरकार काे इसकी जिम्मेवारी लेनी चाहिए.

यही नहीं, चुनाव में देरी हाेने के लिए भी जनता से माफी मांगनी चाहिए. सरकार असंवैधानिक काम कर रही है, सभी वार्डाें काे एक बराबर बांटना चाहिए था. सरकार पार्टी सिंबल पर चुनाव इसलिए नहीं करवाना चाहती क्योंकि उसे हार का डर सता रहा है, यह बिल्कुल भी लोकतांत्रिक नहीं है. उन्हाेंने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए यह सब कर रही है.

माकपा के सचिव संजय चाैहान
बता दें कि काेर्ट में कांग्रेस की नाभा वार्ड से पार्षद सिमी नंदा और एक अन्य याचिकाकर्ता ने डिलिमिटेशन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने प्रार्थी के आरोपों को सही ठहराते हुए जिला प्रशासन को इनकी आपत्ति सुनने के आदेश दिए हैं. आरक्षण रोस्टर को चुनौती देने वाली तीसरी याचिका को हाईकोर्ट ने रद्द किया है. जाहिर है कि इसके बाद तय समय पर शिमला नगर निगम के चुनाव होते (Shimla MC Election ) नहीं दिख रहे हैं. शिमला MC के मौजूदा पार्षदों का 5 साल का कार्यकाल 18 जून को पूरा हो रहा है. अब तक मामला कोर्ट में विचाराधीन होने की वजह से राज्य निर्वाचन आयोग तय समय पर चुनाव नहीं करवा सका.

ये भी पढ़ें: नगर निगम शिमला की चुनाव प्रक्रिया पर रोक, हाइकोर्ट ने दिए पुनर्सीमांकन के आदेश

शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से शिमला नगर निगम के दाे वार्डों में दोबारा डिलिमिटेशन के निर्देश के बाद माकपा ने सरकार पर निशाना साधा है. शिमला में पत्रकाराें से बात करते हुए माकपा के सचिव और पूर्व मेयर संजय चाैहान ने कहा कि पार्टी ने पहले ही वार्डों के पुर्नेसीमांकन काे 34 से 41 बनाने काे लेकर सवाल उठाए थे. बीजेपी ने हार के डर से वार्डो के अंदर तोड़फोड़ की, अब जब वार्डों की चुनौती (नाभा, समरहिल) याचिका को मंजूर किया गया है, सरकार काे इसकी जिम्मेवारी लेनी चाहिए.

यही नहीं, चुनाव में देरी हाेने के लिए भी जनता से माफी मांगनी चाहिए. सरकार असंवैधानिक काम कर रही है, सभी वार्डाें काे एक बराबर बांटना चाहिए था. सरकार पार्टी सिंबल पर चुनाव इसलिए नहीं करवाना चाहती क्योंकि उसे हार का डर सता रहा है, यह बिल्कुल भी लोकतांत्रिक नहीं है. उन्हाेंने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए यह सब कर रही है.

माकपा के सचिव संजय चाैहान
बता दें कि काेर्ट में कांग्रेस की नाभा वार्ड से पार्षद सिमी नंदा और एक अन्य याचिकाकर्ता ने डिलिमिटेशन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने प्रार्थी के आरोपों को सही ठहराते हुए जिला प्रशासन को इनकी आपत्ति सुनने के आदेश दिए हैं. आरक्षण रोस्टर को चुनौती देने वाली तीसरी याचिका को हाईकोर्ट ने रद्द किया है. जाहिर है कि इसके बाद तय समय पर शिमला नगर निगम के चुनाव होते (Shimla MC Election ) नहीं दिख रहे हैं. शिमला MC के मौजूदा पार्षदों का 5 साल का कार्यकाल 18 जून को पूरा हो रहा है. अब तक मामला कोर्ट में विचाराधीन होने की वजह से राज्य निर्वाचन आयोग तय समय पर चुनाव नहीं करवा सका.

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