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सिक्किम में टेरेस फार्मिंग ने पार्षदों को लुभाया, शिमला में ये करने का होगा प्रयास

पहाड़ों की रानी शिमला के 20 पार्षदों का दल सिक्किम से वापस लौट आया. लर्निंग टूर के दौरान उन्हें सबसे ज्यादा टेरेस फार्मिंग ने लुभाया. वहीं, पार्षदों को यह बात भी वहां के लोगों की पसंद आई कि लोग कूड़ा स्वयं गाड़ी तक पहुंचाते हैं. वहीं, कुछ मामलों में उन्हें राजधानी शिमला गंगटोक से ज्यादा बेहतर लगी.

शिमला
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Published : Aug 18, 2021, 8:16 PM IST

Updated : Aug 18, 2021, 8:25 PM IST

शिमला: नगर निगम के पार्षद (municipal councilor) सिक्किम (Sikkim) का दौरा कर वापस लौटकर आ गए. सिक्किम की राजधानी गंगटोक में पार्षदों ने कूड़ा संयंत्र की बारीकियां, पानी वितरण की कार्यप्रणाली से लेकर ट्रैफिक व्यवस्था को देखा. इस दौरान पार्षदों ने पाया कि सिक्किम में साफ सफाई की व्यवस्था काफी अच्छी है. वहां लोग अपने घरों से खुद ही कूड़ा उठाकर कूड़ा गाड़ी तक पहुंचाकर आते हैं. इसके अलावा वहां पर ट्रैफिक व्यवस्था भी करीब-करीब शिमला जैसी ही है. पार्षदों ने यह भी पाया कि वहां पर शहर को साफ सुथरा बनाए रखने में लोगोंं की काफी भागेदारी है.

नगर निगम के उप महापौर शैलेंद्र चौहान (Municipal Corporation Deputy Mayor Shailendra Chauhan) का दावा है कि राजधानी शिमला सिक्किम की राजधानी गंगटोक से काफी बेहतर है. उप महापौर ने बताया कि सिक्किम शहर बिल्कुल शिमला की तरह एक बेहतरीन शहर है. उन्होंने बताया कि वहां सफाई व्यवस्था काफी अच्छी है. लोग अपने घरों से खूद कूड़ा लाकर कूड़ा गाड़ी में डालते है. उन्होंने कहा कि वहां जंगल भी काफी घने और वहां हर घर में फुलों से लेकर टेरेस फार्मिंग भी की जाती है.

वीडियो

उन्होंने कहा कि वहां पानी में कोई कमी नहीं और पानी से लेकर सीवरेज का पूरा काम प्रदेश सरकार देखती है. उन्होंने कहा कि सिक्किम को 2014 में स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल गया था, लेकिन उसके बावजूद भी वहां उस तरिके से काम नहीं हुआ जैसा होना चाहिए था. उन्होंने दावा किया की राजधानी शिमला सिक्किम की राजधानी गंगटोक से काफी बेहतर है. शिमला शहर में पानी से लेकर कूड़े की व्यवस्था काफी अच्छी और गंगटोक के मुकाबले शिमला में सभी व्यवस्था अच्छे स्तर पर है.

उन्होंने कहा कि सभी पार्षदों ने वहां काफी कुछ सीखा और वहां की कुछ व्यवस्थाओं को शिमला में भी लागू करने का प्रयास किया जाएगा. बता दें कि शिमला नगर निगम के 20 पार्षद इस लर्निंग टूर (learning tour) पर गए थे. इससे पहले करीब 2 साल पहले नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) के पार्षद पोर्ट ब्लेयर (Port Blair) के दौरे पर गए थे, लेकिन उस समय टूर का कोई फायदा नहीं हुआ था. वहीं, अब पार्षद सिक्किम का दौरा कर वापस आए हैं.

उप महापौर शैलेंद्र चौहान ने बताया कि सिक्किम की राजधानी गंगटोक (gangtok) में 18 वार्ड है. वहां पर लोगों के घर में व्यवस्था काफी अच्छी है. लोगों ने अपने घरों को काफी हरा भरा बनाया हुआ है. उन्होंने कहा कि वहां पर घरों में फूलों से लेकर टेरेस फार्मिंग की जाती है. राजधानी शिमला में भी लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जाएगा और उन्हें इस बारे में प्रोत्साहित किया जाएगा.


पार्षद दिवाकर देव शर्मा ने बताया कि सिक्किम में नगर निगम से लेकर सरकार के लिए काम करना काफी आसान है. उन्होंने कहा कि सिक्किम भी एक पहाड़ी क्षेत्र है और वहां पर व्यवस्थाएं काफी बेहतर है. पूर्व उप महापौर और पार्षद राकेश शर्मा ने बताया कि सिक्किम का दौरा काफी अच्छा रहा. पार्षदों ने वहां पर काफी कुछ सीखा. उन्होंने कहा कि गंगटोक में लोगों के चलने के लिए व्यवस्थाएं काफी अच्छी है.

वहां पर जगह-जगह पेडेस्ट्रियन पाथ (pedestrian path )बनाए गए और वहां पर ओवरब्रिज की सुविधाएं भी लोगों के पास है. पार्षद किमी सूद ने बताया कि वहां पर लोग बेहतर ढंग से सरकार और नगर निगम के साथ मिलकर काम करते हैं. उन्होंने कहा कि वहां पर काफी हरियाली है और वहां पर पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दिया जाता है. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) पर राजधानी शिमला में भी काम किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: राठौर ने खत्म की हिमाचल कांग्रेस की कलह ! ETV भारत को बताया चुनाव में कौन होगा CM का चेहरा

शिमला: नगर निगम के पार्षद (municipal councilor) सिक्किम (Sikkim) का दौरा कर वापस लौटकर आ गए. सिक्किम की राजधानी गंगटोक में पार्षदों ने कूड़ा संयंत्र की बारीकियां, पानी वितरण की कार्यप्रणाली से लेकर ट्रैफिक व्यवस्था को देखा. इस दौरान पार्षदों ने पाया कि सिक्किम में साफ सफाई की व्यवस्था काफी अच्छी है. वहां लोग अपने घरों से खुद ही कूड़ा उठाकर कूड़ा गाड़ी तक पहुंचाकर आते हैं. इसके अलावा वहां पर ट्रैफिक व्यवस्था भी करीब-करीब शिमला जैसी ही है. पार्षदों ने यह भी पाया कि वहां पर शहर को साफ सुथरा बनाए रखने में लोगोंं की काफी भागेदारी है.

नगर निगम के उप महापौर शैलेंद्र चौहान (Municipal Corporation Deputy Mayor Shailendra Chauhan) का दावा है कि राजधानी शिमला सिक्किम की राजधानी गंगटोक से काफी बेहतर है. उप महापौर ने बताया कि सिक्किम शहर बिल्कुल शिमला की तरह एक बेहतरीन शहर है. उन्होंने बताया कि वहां सफाई व्यवस्था काफी अच्छी है. लोग अपने घरों से खूद कूड़ा लाकर कूड़ा गाड़ी में डालते है. उन्होंने कहा कि वहां जंगल भी काफी घने और वहां हर घर में फुलों से लेकर टेरेस फार्मिंग भी की जाती है.

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उन्होंने कहा कि वहां पानी में कोई कमी नहीं और पानी से लेकर सीवरेज का पूरा काम प्रदेश सरकार देखती है. उन्होंने कहा कि सिक्किम को 2014 में स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल गया था, लेकिन उसके बावजूद भी वहां उस तरिके से काम नहीं हुआ जैसा होना चाहिए था. उन्होंने दावा किया की राजधानी शिमला सिक्किम की राजधानी गंगटोक से काफी बेहतर है. शिमला शहर में पानी से लेकर कूड़े की व्यवस्था काफी अच्छी और गंगटोक के मुकाबले शिमला में सभी व्यवस्था अच्छे स्तर पर है.

उन्होंने कहा कि सभी पार्षदों ने वहां काफी कुछ सीखा और वहां की कुछ व्यवस्थाओं को शिमला में भी लागू करने का प्रयास किया जाएगा. बता दें कि शिमला नगर निगम के 20 पार्षद इस लर्निंग टूर (learning tour) पर गए थे. इससे पहले करीब 2 साल पहले नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) के पार्षद पोर्ट ब्लेयर (Port Blair) के दौरे पर गए थे, लेकिन उस समय टूर का कोई फायदा नहीं हुआ था. वहीं, अब पार्षद सिक्किम का दौरा कर वापस आए हैं.

उप महापौर शैलेंद्र चौहान ने बताया कि सिक्किम की राजधानी गंगटोक (gangtok) में 18 वार्ड है. वहां पर लोगों के घर में व्यवस्था काफी अच्छी है. लोगों ने अपने घरों को काफी हरा भरा बनाया हुआ है. उन्होंने कहा कि वहां पर घरों में फूलों से लेकर टेरेस फार्मिंग की जाती है. राजधानी शिमला में भी लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जाएगा और उन्हें इस बारे में प्रोत्साहित किया जाएगा.


पार्षद दिवाकर देव शर्मा ने बताया कि सिक्किम में नगर निगम से लेकर सरकार के लिए काम करना काफी आसान है. उन्होंने कहा कि सिक्किम भी एक पहाड़ी क्षेत्र है और वहां पर व्यवस्थाएं काफी बेहतर है. पूर्व उप महापौर और पार्षद राकेश शर्मा ने बताया कि सिक्किम का दौरा काफी अच्छा रहा. पार्षदों ने वहां पर काफी कुछ सीखा. उन्होंने कहा कि गंगटोक में लोगों के चलने के लिए व्यवस्थाएं काफी अच्छी है.

वहां पर जगह-जगह पेडेस्ट्रियन पाथ (pedestrian path )बनाए गए और वहां पर ओवरब्रिज की सुविधाएं भी लोगों के पास है. पार्षद किमी सूद ने बताया कि वहां पर लोग बेहतर ढंग से सरकार और नगर निगम के साथ मिलकर काम करते हैं. उन्होंने कहा कि वहां पर काफी हरियाली है और वहां पर पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दिया जाता है. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) पर राजधानी शिमला में भी काम किया जाएगा.

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Last Updated : Aug 18, 2021, 8:25 PM IST
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