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अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन ने सरकार के भेजा ज्ञापन, मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

अनुबंध नियमित कर्मचारियों के संगठन ने अपनी मांगों को लेकर आयुक्त के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा  है. ज्ञापन के माध्यम से संगठन ने कर्मचारियों के अनुबंधकाल को कुल सेवा में जोड़ने और नियुक्ति से वरिष्ठता लाभ देने की मांग उठाई है.

contract regular employees organization
अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन ने ज्ञापन दिया
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Published : Jan 16, 2020, 11:31 PM IST

शिमलाः प्रदेश अनुबंध नियमित कर्मचारियों के संगठन ने अपनी मांगों को लेकर आयुक्त के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा है. ज्ञापन के माध्यम से संगठन ने कर्मचारियों के अनुबंधकाल को कुल सेवा में जोड़ने और नियुक्ति से वरिष्ठता लाभ देने की मांग उठाई है.

अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन के जिला अध्यक्ष मोहित शर्मा ने कहा कि अनुबंध कर्मचारी की वरिष्ठता की गणना और कुल सेवा काल की गणना उसके नियमित होने के बाद ही की जाती है. पूर्व में अनुबंध काल 8 वर्ष था, बाद में यह घटते हुए 6 वर्ष, 5 वर्ष तथा वर्तमान में सिर्फ 3 वर्ष ही रह गया है.

मोहित शर्मा ने कहा कि कर्मचारी 8, 6 या 5 वर्ष बाद नियमित हुए हैं. उनको वित्तीय नुकसान के साथ ही अंत में उनके कुल सेवा काल में भी कमी आएगी. यही नहीं वह वरिष्ठता सूची में भी पिछड़ते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग में 5 वर्ष काट चुके अनुबंध कर्मचारी के नियमितीकरण से पहले ही उससे निम्न पद का कर्मचारी प्रमोट होकर उससे सीनियर हो जाता है. एक प्रमोटी चपरासी अनुबंध पर लगे क्लर्क से सीनियर हो गया है.

वीडियो रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि आरएंडपी नियमों के अनुसार भर्ती अनुबंध व अनुबंध से नियमित कर्मचारी वही टेस्ट पास करके नियुक्त हुए हैं, जो कि एक रेगुलर भर्ती कर्मचारी पास करता है. मोहित शर्मा ने कहा कि सरकार अगर उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं करती है तो मजबूरन हमें सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

ये भी पढ़ेः12वीं के छात्र ने पुल से लगाई छलांग, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती

शिमलाः प्रदेश अनुबंध नियमित कर्मचारियों के संगठन ने अपनी मांगों को लेकर आयुक्त के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा है. ज्ञापन के माध्यम से संगठन ने कर्मचारियों के अनुबंधकाल को कुल सेवा में जोड़ने और नियुक्ति से वरिष्ठता लाभ देने की मांग उठाई है.

अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन के जिला अध्यक्ष मोहित शर्मा ने कहा कि अनुबंध कर्मचारी की वरिष्ठता की गणना और कुल सेवा काल की गणना उसके नियमित होने के बाद ही की जाती है. पूर्व में अनुबंध काल 8 वर्ष था, बाद में यह घटते हुए 6 वर्ष, 5 वर्ष तथा वर्तमान में सिर्फ 3 वर्ष ही रह गया है.

मोहित शर्मा ने कहा कि कर्मचारी 8, 6 या 5 वर्ष बाद नियमित हुए हैं. उनको वित्तीय नुकसान के साथ ही अंत में उनके कुल सेवा काल में भी कमी आएगी. यही नहीं वह वरिष्ठता सूची में भी पिछड़ते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग में 5 वर्ष काट चुके अनुबंध कर्मचारी के नियमितीकरण से पहले ही उससे निम्न पद का कर्मचारी प्रमोट होकर उससे सीनियर हो जाता है. एक प्रमोटी चपरासी अनुबंध पर लगे क्लर्क से सीनियर हो गया है.

वीडियो रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि आरएंडपी नियमों के अनुसार भर्ती अनुबंध व अनुबंध से नियमित कर्मचारी वही टेस्ट पास करके नियुक्त हुए हैं, जो कि एक रेगुलर भर्ती कर्मचारी पास करता है. मोहित शर्मा ने कहा कि सरकार अगर उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं करती है तो मजबूरन हमें सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

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Intro:

हिमाचल प्रदेश अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन ने प्रदेश सरकार से कर्मचारियों के अनुबंधकाल को कुल सेवा में जोड़ने और नियुक्ति से वरिष्ठता लाभ देने की मांग की है। शिमला जिला  कार्यकारणी ने  इसको लेकर गुरुवार को आयुक्त के माध्यम से  मुख्यमंत्री को ज्ञापन  भेजा जिसमे  उन्होंने सरकार से  अनुबंध से नियमित हुए कर्मचारियों को नियमों में संशोधन करके अनुबंध काल को कुल सेवा काल में जोड़कर नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता देने की गुहार भी लगाईं । साथ ही संगठन ने  मांगे न मने जाने पर सडको पर उतर कर आन्दोलन करने की चेतावनी भी दी है !  Body: जिला शिमला अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष  मोहित शर्मा ने कहा की  एक अनुबंध कर्मचारी की वरिष्ठता की गणना और कुल सेवा काल की गणना उसके नियमित होने के बाद ही की जाती है। पूर्व में अनुबंध काल 8 वर्ष था, बाद में यह घटते हुए 6 वर्ष, 5 वर्ष तथा वर्तमान में सिर्फ़ 3 वर्ष ही रह गया है। यानी जो कर्मचारी 8, 6 या 5 वर्ष बाद नियमित हुए हैं उनको वित्तीय नुकसान के साथ ही अंत में उनके कुल सेवा काल में भी कमी आएगी। यही नहीं वह वरिष्ठता सूची में भी पिछड़ते जा रहे हैं।  किसी विभाग में किसी पद पर 5 वर्ष काट चुके अनुबंध कर्मचारी के नियमितीकरण से पहले ही उससे निम्न पद का कर्मचारी प्रमोट होकर उससे सीनियर हो जाता है।  एक प्रमोटी चपरासी अनुबंध पर लगे क्लर्क से सीनियर हो गया है।Conclusion: 2008 में आरएंडपी रूल्स के अनुसार भर्ती अनुबंध टीजीटी 2015 में नियमित हुए वे आज की तारीख में टीजीटी ही हैं। जबकि 2009 में भर्ती रैगुलर जेबीटी 2014 में टीजीटी प्रमोट हुए, वे सभी पीजीटी प्रमोट हो गए हैं ! उन्होंने कहा  कि आरएंडपी नियमों के अनुसार भर्ती अनुबंध व अनुबंध से नियमित कर्मचारी वही टैस्ट पास करके नियुक्त हुए हैं, जो कि एक रेगुलर भर्ती कर्मचारी पास करता है।उन्होंने  मुख्यमंत्री से  विभिन्न विभागों में आरएंडपी नियमों के अनुसार भर्ती अनुबंध व अनुबंध से नियमित कर्मचारियों के अनुबंध काल को कुल सेवा में  जोड़ने की मांग की और सरकार मांगे नही मानती है तो प्रदेश के पचास हजार  कर्मचारियों को सडको पर उतरना पड़ेगा ! 

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