शिमलाः हिमाचल की विकास वृद्धि दर में आई गिरावट को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है और वित्त प्रबंधन में सरकार को पूरी तरह से विफल करार दिया है. वीरवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा में 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश की गई जिसमें विकास दर में गिरवाट दर्शाई गई है.
इस पर नेता प्रतिपक्ष ने जयराम सरकार को आर्थिक मोर्चे पर प्रदेश को पूरी तरह तहस-नहस करने के आरोप लगाए. प्रदेश की विकास वृद्धि दर 7.1 से गिर कर 5.6 तक पहुच गई है. आर्थिक सर्वेक्षण 2019 -20 को सदन में मुख्यमंत्री ने रखा है और इस दस्तावेज ने सरकार की पोल खोल कर रख दी है. सरकार आर्थिक स्तिथि बेहतर होने के दावे कर रही थी, लेकिन प्रदेश की आर्थिक स्थिति कैसी है इसका खुलासा सरकार ने ही किया है.
आर्थिक तौर पर प्रदेश को बीजेपी सरकार ने बर्बाद कर दिया है. मुकेश ने आरोप लगाया कि सरकार ये कहती रही कि आर्थिक रूप से कोई दिक्कत नही है और इन्वेस्टर मीट, जनमंच रैलियों पर सरकार करोड़ो खर्च करती रही. सरकार ने इन्वेस्टर्स मीट ऐसे समय पर करवाई जब दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही थी और सरकार ने 18 करोड़ टेंट पर ही खर्च कर दिए.
जनमंच पर सरकार 5 करोड़ खर्च कर चुकी है. सरकार दो साल में दस हजार करोड़ का कर्जा ले चुकी है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार अपनी फिजूल खर्ची पर लगाम नही लगा पाई जिसका नतीजा आज आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. सरकार अभी भी जश्न के माहौल में चल रही है और वितीय प्रबंधन चरमरा गया है. सरकार विपक्ष पर फर्जी आंकड़े देने के आरोप लगा रही है जबकि इस दस्तावेज ने सारी सच्चाई लोगों के सामने ला कर रख दी है.
मुकेश ने कहा प्रदेश सरकार को केंद्र से कोई मदद नहीं मिल रही है जिसके चलते सरकार को कर्ज पर कर्ज लेना पड़ रहा है और सरकार केंद्र के नेताओं को हिमाचल बुला कर उन पर करोड़ों खर्च किये जा रहे हैं.
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