शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यापक निवारक व उपचारात्मक उपाय अपनाकर स्थिति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अनलाॅक प्रक्रिया शुरू होते ही प्रदेश में व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं. औद्योगिक श्रमिकों की वापसी भी शुरू हो गई है. प्रदेश सरकार ने बाहर से आने वाले कोरोना पाॅजिटिव मामलों में होने वाली वृद्धि के मद्देनजर निर्णय लिया है कि बाहरी प्रदेशों से आने वाले औद्योगिक मजदूरों को संस्थागत या होम क्वारंटीन किया जाएगा.
वहीं, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने बताया कि इस समय प्रदेश आगमन पर ई-पास नहीं दिए जा रहे हैं. बाहर से आने वालों द्वारा दी जा रही जानकारी को आधार मानकर उन्हें पंजीकृत करके प्रदेश में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है. ऐसी स्थिति में बहुत से लोग अपना पता और अन्य विवरण गलत भर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नियमों में परिवर्तन करते हुए अब प्रत्येक आगंतुक को अपनी सूचना सत्यापित करनी होगी, जिसके लिए अधिकारियों को प्राधिकृत कर दिया गया है और उनके द्वारा दी गई जानकारी को सत्यापित होने के बाद ही पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण मानी जाएगी.
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि व्यापारियों और अन्य सर्विस इंजीनियर्स को उचित दस्तावेज सत्यापित करवाने के बाद ही पंजीकृत किया जाएगा और उन्हें उसके बाद ही प्रदेश में आने कि अनुमति दी जाएगी. वहीं, कोई व्यक्ति गलत सूचना देते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कोविड-19 नियमन व आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि अनलाॅक प्रक्रिया के तहत कार्यालयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, परिवहन और सभी सार्वजानिक स्थानों पर सामाजिक दूरी के उपायों व परामर्श का पालन करना अनिवार्य होगा.
आरडी धीमान ने बताया कि कोरोना जैसी महामारी को फैलने से रोकने के लिए हर एक व्यक्ति को सामाजिक दूरी का ध्यान रखना होगा और घर से निकलते ही फेस मास्क का उपयोग करना होगा. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति जुकाम जैसी बीमारी से पीड़ित है उसे चिन्हित कमरे में घर के अन्य सदस्यों से दूर रखना चाहिए.
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