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आजकल कुछ ज्यादा उत्साहित हैं विक्रमादित्य सिंह, लवी मेले पर न करें राजनीति: CM जयराम ठाकुर

रामपुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय लवी मेले (International Lavi Fair) पर राजनीति तेज होती जा रही है. विक्रमादित्य सिंह के आरोप पर सीएम जयराम ठाकुर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कोरोना काल में केवल धार्मिक रस्मों को निभाया जा रहा है. कहीं भी कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि रामपुर का लवी केवल एक ट्रेड फेयर है. ऐसे में विक्रमादित्य सिंह को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर. ( फाइल फोटो)
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Published : Nov 15, 2021, 4:32 PM IST

शिमला: रामपुर में आयोजित होने वाले लवी मेले पर उठे विवाद पर बोलते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief minister jairam thakur) ने कहा कि कोरोना काल में केवल धार्मिक रस्मों को निभाया जा रहा है. कहीं भी बड़े आयोजन नहीं किये जा रहे हैं. शिवरात्रि और रेणुका जी मेले में भी केवल धार्मिक रस्मों को निभाया गया है. कहीं भी कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि रामपुर का लवी केवल एक ट्रेड फेयर है. यहां कोई धार्मिक आयोजन नहीं होता ऐसे में लवी आयोजित नहीं किया जा सकता था.

मुख्यमंत्री ने नसीहत दी कि हर चीज को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण सामूहिक आयोजनों को नियंत्रित किया गया है और किसी भी प्रकार की बड़े मेलों को सीमित किया गया है. उन्होंने कहा कि कुल्लू दशहरा, मंडी शिवरात्रि और सिरमौर के रेणुका मेले को भी सीमित किया गया है केवल धार्मिक रस्मों को ही अदा किया जा रहा है. किसी प्रकार के सांस्कृतिक और व्यावसायिक गतिविधियों को आयोजित नहीं किया गया है. इसी कारण से रामपुर का लवी मेला भी आयोजित नहीं किया गया. यहां केवल व्यापारिक गतिविधियां ही आयोजित होती हैं.

वीडियो.
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय लवी मेले (International Lavi Fair) का आयोजन सूक्ष्म तरीके से हुआ है. मेले का न तो उद्घाटन हुआ और न ही समापन. इसके अतिरिक्त प्रदेश के सबसे बड़े व्यापारिक मेले में इस बार केवल स्थानीय कारोबारी ही अपने उत्पाद बेच पाएंगे. रामपुर के पाटबंगला मैदान में स्थानीय व्यापारियों की मार्केट ही सजी. यह मेला ड्राई फ्रूट, चिलगोजा, ऊनी शॉल, पश्मीना, गुड़, गुम्मा नमक, मसालों और घोड़े-बकरियों की खरीदारी के लिए प्रसिद्ध है. एक समय था जब यहां तिब्बत, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और नेपाल से पैदल ही कारोबारी पहुंचते थे. हिमाचल समेत देश के विभिन्न राज्यों से कारोबारी यहां आते थे. ज्यादातर कारोबारी चीजों का आदान-प्रदान कर अपने देश में बेचते थे. इस बार कोरोना की मार के चलते विभागों ने बजट का हवाला देकर अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का स्तर घटा दिया.

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इसके बाद कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (Former Chief Minister Virbhadra Singh) के पुत्र विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने मुख्यमंत्री और सरकार के अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा था कि सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस पार्टी अधिकारियों के कार्यों का आकलन करेगी और जो अधिकारी फ्रेम से बाहर जाकर कार्य करते हुए पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजनीति से प्रेरित फैसलों की जांच करेगी. इसी के साथ उन्होंने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस कर्मचारियों की आवाज बनेगी, जो कर्मचारी खुद को प्रताड़ित समझ रहे हैं, उन्हें न्याय दिलाया जाएगा.

विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया था कि रामपुर बुशहर से लीड न मिलने की वजह से राज्य सरकार ने यहां 300 साल पुराना लवी मेला बंद करवा दिया. कोविड का हवाला देकर मेले का राजनीति की भेंट चढ़ाया गया है, जबकि इसी दौरान रेणुका जी में मेला आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता उपचुनाव के दौरान रामपुर में जनसभाएं कर रहे थे और उस दौरान उन्हें कोरोना का ख्याल नहीं आया। इस पर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

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शिमला: रामपुर में आयोजित होने वाले लवी मेले पर उठे विवाद पर बोलते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief minister jairam thakur) ने कहा कि कोरोना काल में केवल धार्मिक रस्मों को निभाया जा रहा है. कहीं भी बड़े आयोजन नहीं किये जा रहे हैं. शिवरात्रि और रेणुका जी मेले में भी केवल धार्मिक रस्मों को निभाया गया है. कहीं भी कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि रामपुर का लवी केवल एक ट्रेड फेयर है. यहां कोई धार्मिक आयोजन नहीं होता ऐसे में लवी आयोजित नहीं किया जा सकता था.

मुख्यमंत्री ने नसीहत दी कि हर चीज को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण सामूहिक आयोजनों को नियंत्रित किया गया है और किसी भी प्रकार की बड़े मेलों को सीमित किया गया है. उन्होंने कहा कि कुल्लू दशहरा, मंडी शिवरात्रि और सिरमौर के रेणुका मेले को भी सीमित किया गया है केवल धार्मिक रस्मों को ही अदा किया जा रहा है. किसी प्रकार के सांस्कृतिक और व्यावसायिक गतिविधियों को आयोजित नहीं किया गया है. इसी कारण से रामपुर का लवी मेला भी आयोजित नहीं किया गया. यहां केवल व्यापारिक गतिविधियां ही आयोजित होती हैं.

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बता दें कि अंतरराष्ट्रीय लवी मेले (International Lavi Fair) का आयोजन सूक्ष्म तरीके से हुआ है. मेले का न तो उद्घाटन हुआ और न ही समापन. इसके अतिरिक्त प्रदेश के सबसे बड़े व्यापारिक मेले में इस बार केवल स्थानीय कारोबारी ही अपने उत्पाद बेच पाएंगे. रामपुर के पाटबंगला मैदान में स्थानीय व्यापारियों की मार्केट ही सजी. यह मेला ड्राई फ्रूट, चिलगोजा, ऊनी शॉल, पश्मीना, गुड़, गुम्मा नमक, मसालों और घोड़े-बकरियों की खरीदारी के लिए प्रसिद्ध है. एक समय था जब यहां तिब्बत, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और नेपाल से पैदल ही कारोबारी पहुंचते थे. हिमाचल समेत देश के विभिन्न राज्यों से कारोबारी यहां आते थे. ज्यादातर कारोबारी चीजों का आदान-प्रदान कर अपने देश में बेचते थे. इस बार कोरोना की मार के चलते विभागों ने बजट का हवाला देकर अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का स्तर घटा दिया.

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इसके बाद कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (Former Chief Minister Virbhadra Singh) के पुत्र विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने मुख्यमंत्री और सरकार के अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा था कि सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस पार्टी अधिकारियों के कार्यों का आकलन करेगी और जो अधिकारी फ्रेम से बाहर जाकर कार्य करते हुए पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजनीति से प्रेरित फैसलों की जांच करेगी. इसी के साथ उन्होंने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस कर्मचारियों की आवाज बनेगी, जो कर्मचारी खुद को प्रताड़ित समझ रहे हैं, उन्हें न्याय दिलाया जाएगा.

विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया था कि रामपुर बुशहर से लीड न मिलने की वजह से राज्य सरकार ने यहां 300 साल पुराना लवी मेला बंद करवा दिया. कोविड का हवाला देकर मेले का राजनीति की भेंट चढ़ाया गया है, जबकि इसी दौरान रेणुका जी में मेला आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता उपचुनाव के दौरान रामपुर में जनसभाएं कर रहे थे और उस दौरान उन्हें कोरोना का ख्याल नहीं आया। इस पर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

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