शिमला: वर्तमान जयराम सरकार के कार्यालय में सातवां मुख्य सचिव नियुक्त गया है. इनमें से चार चीफ सेक्रेटरी ऐसे हैं जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. सरकार के अधिकारियों के साथ सामंजस्य पर पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हमेशा के लिए कोई चीफ सेक्रेटरी नहीं रहता. पूर्व की सरकारों के समय भी सीएस बदले गए हैं. हालांकि उन्होंने इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया कि राम सुभग सिंह को सीएस पद से क्यों हटाया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके (Himachal New Chief Secretary RD Dhiman) कार्यकाल में अधिकांश मुख्य सचिव अपना कार्यकाल पूरा करके गए हैं और जो कार्यकाल के बीच में गए भी हैं बेहतर विकल्प मिलने पर या फिर निजी कारणों से गए हैं. सीएम ने पूर्व सरकारों के कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि उस समय भी सीएस वरीयता को दरकिनार करके लगाए गए थे.
दरअसल जब जयराम सरकार जब सत्ता में आई थी (CM Jairam on New CS in Himachal) तब मुख्य सचिव वीसी फारका थे. जयराम सरकार ने उन्हें एडवाइजर लगाया. वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. उनके बाद विनीत चौधरी सीएस बने, विनीत चौधरी ने अपना कार्यकाल पूरा किया. उसके बाद बीके अग्रवाल को सीएस पद पर तैनात किए गए, लेकिन वह भी बीच में ही दिल्ली चले गए और इसके पीछे स्वास्थ्य कारण (New Chief Secretary in HP) बताए गए. वह भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए.
उनके बाद सीएम जयराम के करीबी डॉ. श्रीकांत बाल्दी (new chief secretary in himachal) सीएस बनाया गया. उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया और अब रेरा के चेयरमैन हैं. इसके बाद अनिल खाची चीफ सेक्रेटरी बने. उनको भी कार्यकाल समाप्त होने के दो साल पहले ही पद छोड़ना पड़ा अब अनिल खाची राज्य चुनाव आयोग को संभाल रहे हैं. खाची के बाद राम सुभग सिंह मुख्य सचिव बने और कार्यकाल शेष रहते ही पद से हटाया गया है.
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