शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पन्नू द्वारा 29 अप्रैल को शिमला में खालिस्तानी झंडे फहराने की धमकी पर बोलते हुए कहा कि वह पहले भी इस प्रकार की बातें बोल चुके हैं. इस प्रकार की बातों में कोई गंभीरता नहीं है और न ही जांच की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पन्नू की धमकी कोई गंभीरता नहीं है. इस तरह की धमकी का कोई औचित्य नहीं है.
बता दें कि पन्नू की तरफ से 29 अप्रैल को शिमला में खालिस्तानी झंडे फहराने की धमकी मिली है. वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की धमकियों का कोई औचित्य नहीं है और इससे पहले भी इस तरह धमकी मिल चुकी है. जिसको सभी लोगों ने देख लिया है. हालांकि सुरक्षा एजेंसियां अपने काम कर रहीं हैं और अलर्ट पर हैं, लेकिन इस धमकी का कोई अस्तिव नहीं है.
जांच करवाने पर पूछे गए सवाल पर मुख्य्मंत्री ने कहा है कि इसमें जांच करवाने लायक कुछ भी नहीं है. दरअसल पंजाब से आने वाली गाड़ियों से प्रतिबंधित झंडे हटाने वाले मामले ने और तूल पकड़ लिया है. अब सिख फॉर जस्टिस संस्था (Sikh for Justice organization) के अध्यक्ष गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को चेतावनी पत्र भेजते हुए 29 अप्रैल को शिमला में भिंडरावाला और खालिस्तान के झंडे फहराने की धमकी दी है.
पत्रकारों को जारी ई मेल के द्वारा पन्नू ने हिमाचल में भिंडरावाले की फोटो और खालिस्तानी झंडे लगी गाड़ियों को रोकने पर ऐतराज जताया है. मेल के माध्यम से पन्नू ने कहा कि वर्ष 1966 तक शिमला पंजाब की राजधानी रही है. ऐसे में सिखों के हक वापस लेने के लिए शिमला से शुरूआत की जाएगी. पन्नू ने कहा कि 29 अप्रैल 1986 को खालिस्तान घोषणा दिवस की घोषणा हुई थी. इसके चलते ही इस वर्ष 29 अप्रैल को शिमला में आवाज बुलंद करने का फैसला लिया गया है.
उधर, पंजाब की गाड़ियां भिंडरावाले के झंडों के साथ बीते दिनों बड़ी संख्या में हिमाचल में दाखिल हुई थीं. मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के नियमों के अनुसार मंडी सहित कुछ जिलों में बाइक और वाहनों के चालान किए गए.
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