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सदन में विपक्ष का व्यवहार गैर-जिम्मेदाराना: जयराम ठाकुर

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष की तरफ से नियम-67 के तहत महंगाई पर नोटिस दिया गया, लेकिन सदन में गुंडागर्दी की बात कर रहे हैं. विपक्ष के नेता वेल में आकर घमकी देने और चिल्लाने की कोशिश कर रहे हैं. जब चिल्लाने से काम नहीं चल रहा है तो धमकी दे रहे हैं.

जयराम ठाकुर
जयराम ठाकुर
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Published : Aug 11, 2021, 3:57 PM IST

Updated : Aug 11, 2021, 6:53 PM IST

शिमला: सदन से विपक्ष के वॉकआउट पर सीएम जयराम ठाकुर ने प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन में पिछले कल भी विपक्ष की तरफ से गैर जिम्मेदाराना व्यवहार देखा गया और आज भी इसी प्रकार का व्यवहार देखा गया. मंगलवार को भी तीन बार विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर गए और आज भी ऐसा ही हुआ.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष की तरफ से नियम-67 के तहत महंगाई पर नोटिस दिया गया, लेकिन सदन में गुंडागर्दी की बात कर रहे हैं. विपक्ष के नेता वेल में आकर घमकी देने और चिल्लाने की कोशिश कर रहे हैं. जब चिल्लाने से काम नहीं चल रहा है तो धमकी दे रहे हैं. उन्होने कहा कि परिस्थितियों में बहुत परिवर्तन हो गया है. सारी परिस्थितियों में वहां समझाने वाला कोई नहीं है, लेकिन इस प्रकार से खबर बनाने में कामयाब हो जाते हैं. इस प्रकार के व्यवहार से सदन की परम्पराओं को ठेस पहुंचती है. विपक्ष की तरफ से जिस प्रकार का व्यवहार किया गया बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि चर्चा के विषय से हटकर जगत सिंह नेगी जनसंघ के ऊपर जा पहुंचे. इसके अलावा हमारी पार्टी का जिक्र करने लगे, वहां से आगे बढ़ते हुए महारानी विक्टोरिया तक जा पहंचे. इतना होने के बाद भी सभी बातों को लंबे समय तक सुना गया. उन्होंने लगातार ऐसे विषय पर बोलना शुरू कर दिया, जिसकी कोई जरूरत नहीं थी. जगत सिंह नेगी ने चिल्ला-चिल्लाकर ऐसी बातों पर बोलना शुरू कर दिया, जिसकी जरूरत ही नहीं थी. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जगत सिंह नेगी बाहें उठाकर वीरेंद्र कंवर की ओर आगे की ओर आ गए. उन्होंने जगत सिंह नेगी के इस व्यवहार पर कार्रवाई करने की मांग की.

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि आज विपक्ष के सदस्यों ने प्रश्नकाल से ही कुछ कहने की कोशिश की, लेकिन बार-बार निवेदन पर भी वो नहीं माने. उन्होंने कुछ तथ्यहीन आंकड़े सदन में रखे. इसी कारण सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इनका विरोध किया. इन शब्दों को कार्यवाही से हटा दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नियम-61 में कर्नल धनीराम शांडिल जब महत्वपूर्ण तथ्य पर विचार रखना चाहते थे, उस समय भी विपक्ष के सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया.

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष की तरफ से जो सहयोग मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया. हिमाचल विधानसभा की उच्च परंपराएं रही हैं, इसलिए कोई व्यक्ति या संस्था जो यहां नहीं उनके बारे में कोई ऐसे शब्द नहीं कह सकते हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सदन को बेहतर तरीके से चलाने की पूरी उम्मीद करता हूं.

ये भी पढ़ें:किन्नौर के निगुलसारी में भारी लैंडस्लाइड, हादसे में कई वाहनों के दबने की सूचना



शिमला: सदन से विपक्ष के वॉकआउट पर सीएम जयराम ठाकुर ने प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन में पिछले कल भी विपक्ष की तरफ से गैर जिम्मेदाराना व्यवहार देखा गया और आज भी इसी प्रकार का व्यवहार देखा गया. मंगलवार को भी तीन बार विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर गए और आज भी ऐसा ही हुआ.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष की तरफ से नियम-67 के तहत महंगाई पर नोटिस दिया गया, लेकिन सदन में गुंडागर्दी की बात कर रहे हैं. विपक्ष के नेता वेल में आकर घमकी देने और चिल्लाने की कोशिश कर रहे हैं. जब चिल्लाने से काम नहीं चल रहा है तो धमकी दे रहे हैं. उन्होने कहा कि परिस्थितियों में बहुत परिवर्तन हो गया है. सारी परिस्थितियों में वहां समझाने वाला कोई नहीं है, लेकिन इस प्रकार से खबर बनाने में कामयाब हो जाते हैं. इस प्रकार के व्यवहार से सदन की परम्पराओं को ठेस पहुंचती है. विपक्ष की तरफ से जिस प्रकार का व्यवहार किया गया बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि चर्चा के विषय से हटकर जगत सिंह नेगी जनसंघ के ऊपर जा पहुंचे. इसके अलावा हमारी पार्टी का जिक्र करने लगे, वहां से आगे बढ़ते हुए महारानी विक्टोरिया तक जा पहंचे. इतना होने के बाद भी सभी बातों को लंबे समय तक सुना गया. उन्होंने लगातार ऐसे विषय पर बोलना शुरू कर दिया, जिसकी कोई जरूरत नहीं थी. जगत सिंह नेगी ने चिल्ला-चिल्लाकर ऐसी बातों पर बोलना शुरू कर दिया, जिसकी जरूरत ही नहीं थी. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जगत सिंह नेगी बाहें उठाकर वीरेंद्र कंवर की ओर आगे की ओर आ गए. उन्होंने जगत सिंह नेगी के इस व्यवहार पर कार्रवाई करने की मांग की.

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि आज विपक्ष के सदस्यों ने प्रश्नकाल से ही कुछ कहने की कोशिश की, लेकिन बार-बार निवेदन पर भी वो नहीं माने. उन्होंने कुछ तथ्यहीन आंकड़े सदन में रखे. इसी कारण सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इनका विरोध किया. इन शब्दों को कार्यवाही से हटा दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नियम-61 में कर्नल धनीराम शांडिल जब महत्वपूर्ण तथ्य पर विचार रखना चाहते थे, उस समय भी विपक्ष के सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया.

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष की तरफ से जो सहयोग मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया. हिमाचल विधानसभा की उच्च परंपराएं रही हैं, इसलिए कोई व्यक्ति या संस्था जो यहां नहीं उनके बारे में कोई ऐसे शब्द नहीं कह सकते हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सदन को बेहतर तरीके से चलाने की पूरी उम्मीद करता हूं.

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Last Updated : Aug 11, 2021, 6:53 PM IST
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